मेरठ। काउंसिलिंग कर स्टूडेंटस से कहा जा रहा है कि रिजल्ट कैसा भी हो, उनको परेशान होने की जरुरत नहीं, अगर माक्र्स कम भी आए हैं तो घबराए नहीं। आगे जहां और भी हैं। उन्हें सफल व्यक्तियों की कहानियों के जरिए प्रेरित किया जा रहा है।

एक कमेटी बनाई गई
स्कूलों ने काउंसलर टीचर्स की एक अलग से कमेटी बना दी है जो समय समय पर स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग कर रहे हैं, उनको रिजल्ट आने के बाद आने वाली परेशानियों से दूर करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। यहीं नहीं उनके पेरेंटस तक को जागरुक कर रहे हैं कि एग्जाम दिलाना बहुत जरुरी है।

स्टूडेंट्स को कर रहे जागरुक
स्कूलों की ओर से छात्रों को जागरूक किया जा रहा है। स्टूडेंट्स को बताया जा रहा है कि कई बार ऐसा होता है कि आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते कुछ स्टूडेंट्स गुमसुम हो जाते हैं, यहां तक कुछ तो सुसाइड कर लेते हैं। पेरेंट्स भी कई बार अपने बच्चों को कम माक्र्स आने पर डांटना शुरू करते हैं। ऐसे में मोरल सपोर्ट न मिल पाने से बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं। बोर्ड के निर्देशों पर स्कूलों के काउंसलर्स द्वारा पेरेंट्स व बच्चों को समझा रहे हैं।

हम लगातार स्टूडेंट्स पेरेंट्स की काउंसिलिंग कर रहे हैं, हमारे स्कूल्स में कुछ काउंसलर टीचर्स है जो अलग से समय समय पर काउंसिलिंग कर रहे हैं।
अनीता त्रिपाठी, प्रिंसिपल सिटी वोकेशनल

स्टूडेंट्स की स्कूल में काउंसिलिंग कराई जा रही है। टीचर्स उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं, रिजल्ट में आपसी प्रतिस्पर्धा के चक्कर में तनाव में न आएं। इसके लिए भी जागरुक कर रहे हैं।
राहुल केसरवानी, प्रिंसिपल, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल

स्कूल में लगातार प्रयास किया जा रहा है। स्टूडेंट्स को ऐसे लोगों के उदाहरण दिए जा रहे हैं जो कम नम्बर लाने पर भी सक्सेस हैं। लगातार स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग की जा रही है।
संजीव अग्रवाल, प्रिंसिपल, बीएनजी

स्टूडेंट्स व पेरेंट्स को समझाया जा रहा है कि वो तनाव में बिल्कुल न आएं। रिजल्ट आने पर भी व उससे पहले भी तनाव लेने की जरुरत नही है।
डॉ। कर्मेंद्र सिंह, प्रिंसिपल, जीटीबी