आज जिला स्तरीय संवेदीकरण और फिर 9 और 10 फरवरी को ब्लॉक स्तरीय ट्रेनिंग होगी

मिशन इंद्रधनुष के दौरान दो वर्ष तक के बच्चों को लगेगा टीका

अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं को भी टीका लगाया जाएगा

इंद्रधनुष अभियान में दो तरह के बच्चों को शामिल किया गया है।

पहला लेफ्ट आउट- जिन बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है।

दूसरा ड्रॉप आउट- ऐसे बच्चे जिन्होंने एक-दो टीके लगवाने के बाद बीच में अन्य टीके नहीं लगवाए।

Meerut। बच्चों का समय से टीकाकारण कराने और उन्हें जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 23 फरवरी से मिशन इंद्रधनुष का आगाज किया जाएगा। इस दौरान दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस विशेष अभियान में नि:शुल्क टीके लगाए जाएंगे। मेरठ समेत प्रदेशभर के 37 जिलों मे ये टीकाकरण का अभियान चलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा एकीकृत बाल विकास सेवा, शिक्षा, पंचायती राज विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग समेत कई सरकारी अमलों का सहयोग लिया जाएगा।

ऐसे तैयार होगा प्लान

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। प्रवीण गौतम टीकाकरण से पहले आशा और एएनएम की ट्रेनिंग होगी। नियमित टीकाकरण के साथ मिशन इंद्रधनुष 3.0 के जरिए टीकाकरण कवरेज को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। पहला राउंड में 23 फरवरी के अलावा एक और दो मार्च को टीकाकरण किया जाएगा। वहीं सेकेंड राउंड में 23 मार्च, 5 अप्रैल और 6 अप्रैल को टीकाकरण किया जाएगा। इसके तहत आठ फरवरी को जनपद स्तरीय संवेदीकरण और फिर नौ और 10 फरवरी को ब्लॉक स्तरीय ट्रेनिंग दी जाएगी।

कई बीमारियों के लगेंगे टीके

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। प्रवीण गौतम ने कहाकि दो वर्ष से छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाएं जो नियमित टीकाकरण के दौरान छूट जाते हैं, उनका इस अभियान में टीकाकरण किया जाता है। इस अभियान का नाम इंद्रधनुष इसलिए रखा गया है क्योंकि अभियान के दौरान कई बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाते है।

11 से 16 फरवरी- आशा कार्यकर्ता हेड काउंट सर्वे कर लाभाíथयों की सूची तैयार करेंगी।

17 से 19 फरवरी- माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा।

20 फरवरी- माइक्रो प्लान और लाभाíथयों की सूची की समीक्षा राज्य स्तर पर की जाएगी।

ये टीके लगेंगे अभियान में

ओपीवी

टिटनेस

पोलियो

तपेदिक

गलाघोंटू

निमोनिया

मैनेजाइटिस

हेपटाइटिस-बी

पीलिया

काली खांसी

डीपीटी

बीसीजी

पेंटा

एमआर (मीजल्स-रूबेला)

रोटा वायरस

टीडी (टिटनेस-डिप्थीरिया)

आईपीवी

विटामिन-ए