जिला अस्पताल देगा मुफ्त सुविधा

दो साल तक के बच्चों का होगा इलाज

Meerut। टेढे़ पंजे वाले बच्चों का इलाज कराना अब सरल होगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम यानी आरबीएसके के अंतर्गत जिला अस्पताल में ये सुविधा निशुल्क दी जाएगी। इसके लिए अस्पताल में बकायदा क्ल्रबफूट क्लीनिक बनाया गया है। जिसे मिरेकल फीट इंडिया एनजीओ के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।

दो साल तक के बच्चों का इलाज

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ.एसपी सिंह ने बताया की जनपद में टेढ़े पंजों के निशुल्क इलाज के लिए जन्म से 2 साल तक के बच्चों को सुविधा दी जा रही है। हर शनिवार को ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ रवि प्रकाश व डॉ वीरेंद्र चौहान बच्चों का इलाज करते हैं। उन्होंने बताया कि इलाज के लिए नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आरबीएसके टीम के सहयोग से बच्चों का पहले रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।

ऐसे होता है इलाज

मिरेकल फीट टीम के प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव सौरभ कुमार चौहान ने बताया की अस्पताल में एनजीओ की ओर से इलाज की सभी सुविधाएं दी जा रही है। क्लबफुट बीमारी जन्म के दौरान पहचानी जा सकती है। इसके बाद जन्म के 3 सप्ताह के तक इलाज शुरु किया जा सकता है।

कई बच्चों में बीमारी

उन्होंने बताया कि यह 800-1000 बच्चो में 1 क्लबफुट मरीज देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि ये बीमारी एक पैर या दोनों पैर में भी हो सकती है। इसमें सबसे पहले पोंसेटि तकनीक द्वारा बच्चे को प्लास्टर किया जाता है। ये कम से कम 5 सप्ताह रहता है। इसके बाद टेनोटोमी (छोटा सा चीरा)की जाती है और फिर 1 माह बाद ब्रेस (विशेष प्रकार के जूते) दिए जाते है।

ये है क्लबफुट

डा। रवि प्रकाश ने बताया कि क्लबफुट बीमारी में बच्चों के पंजे अंदर की तरफ मुडे़ होते हैं। पैर की मांसपेशियों को पैर की हड्डियों से जोड़ने वाले टेंडेंस के छोटे और तंग होने की वजह से बच्चों में इस बीमारी हो जाती है। जिस कारण बच्चे का पैर अंदर की तरफ मुड़ जाता है। जिला अस्पताल में अभी तक क्लबफूट के 26 बच्चो का सफल इलाज चल रहा है और सफल टेनोटोमी की गई है।