मेरठ (ब्यूरो)। वो भी क्या दिन थे, जब ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन करने के 10 दिन के अंदर डाक द्वारा घर पहुंच जाया करता था। मगर बीते साल नवंबर के बाद जिसने भी लाइसेंस के लिए आवेदन किया, वो अभी तक केवल इंतजार कर रहा है। दरअसल, स्मार्ट सिलिकॉन चिप की कमी के चलते कार्ड प्रिंट नहीं हो पा रहे हैैं और लगभग 10 हजार परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस अटक गए हैैं।

तीन माह से अटके डीएल
गौरतलब है कि स्मार्ट चिप की कमी के चलते 10 हजार से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते तीन माह से आवेदकों को नए ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं हो सके हैं। अधिकारियों के मुताबिक ये चिप यूरोपीय देशों से इंपोर्ट की जाती है और यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के चलते चिप की सप्लाई पर असर पड़ा है। ऐसे में लाइसेंस के आवेदक परेशान होकर आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।

आरसी पर भी संकट
वहीं ड्राइविंग लाइसेंस की तरह स्मार्ट आरसी भी अधर में अटकी हुई है। नई गाड़ी पर जारी होने वाली आरसी पर भी चिप लगी होती है। चिप की सप्लाई नहीं होने से आरसी जारी करने में दिक्कत हो रही है।

10 दिन में परमानेंट लाइसेंस
सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस बनता है उसके एक माह बाद परमानेंट लाइसेंस की फीस भरकर साकेत आईटीआई स्थिति ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट देने जाना पड़ता है। टेस्ट में पास होने के बाद आवेदक को 10 दिन में ड्राइविंग लाइसेंस डाक द्वारा भेज दिया जाता था।

अप्रूवल से चला रहे काम
डीएल न होने चालकों का चालान का डर भी आवेदकों को सता रहा है। मगर विभागीय अधिकारियों के मुताबिक संबंधित वाहन चालक को अप्रूवल नंबर दे दिया जाता है। अप्रूवल नंबर से चालान से बचा जा सकता है। इसे ऑनलाइन माध्यम से डाउनलोड भी किया जा सकता है। इसके अलावा डीएल नंबर का इस्तेमाल करके भी चालान आदि से बच सकते हैं।

चिप की कमी होने से ड्राइविंग लाइसेंस जारी होने में समय लग रहा है। कमी मुख्यालय से बनी हुई है। ऐसे में आवेदक लाइसेंस नहीं आने पर कार्यालय में आकर पूछताछ कर रहे हैं। इस माह के अंत तक लाइसेंस डिलीवर होने शुरू हो जाएगी।
राहुल शर्मा, आरआई