मेरठ ब्यूरो। शहर की सफाई करने के लिए नगर निगम द्वारा खरीदी गई रोड स्वैपिंग मशीन नगर निगम की लापरवाही के चलते खुद शहर की आबोहवा को दूषित कर रही है। स्थिति यह है कि शहर की सड़कों से सफाई के दौरान एकत्र धूल मिटटी को डंपिंग ग्राउंड में डंप करने के बजाए शहर जगह जगह ढ़ेर लगाया जा रहा है। जबकि एनजीटी का खुद नियम है कि धूल मिटटी डस्ट के ढ़े्रर को खुले में ना रखा जाए। ग्रेप मॉडल लागू होने के बाद रेाड डस्ट का ढ़ेर खुले मे लगाकर बेचने वालों पर खुद नगर निगम सख्ताई से जुर्माने की कार्यवाही करता है लेकिन खुद थोड़ा सा डीजल बचाने के चक्कर में यह लापरवाही जारी है।

लाखों की मशीनों से आधी अधूरी सफाई

नगर निगम के पास करीब 92 लाख रुपए कीमत की दो रोड स्वीपिग मशीनें हैं। इनको साल 2020 और 2021 में खरीदा गया था। इनमें से एक मशीन को दिल्ली रोड वाहन डिपो क्षेत्र में लगाया गया है जबकि मशीन सूरजकुंड डिपो क्षेत्र में रोड डस्ट की सफाई करती है। मशीन की खासियत है कि यह सड़क और डिवाइडर किनारे पड़ी धूल को सोख लेती है। इससे सफाई के दौरान धूल ना उड़े इसके लिए इसमें पानी का टैंक है। जो मशीन द्वारा खींची गई धूल को अंदर गीला कर देता है। साथ ही मशीन में बड़े-बड़े साइज के ब्रश धूल के साथ कचरे, छोटे ईंट-पत्थर को सड़क के बीच में लाते हैं। फिर सेक्शन के माध्यम से यह कचरा टैंक में पहुंच जाता है। लेकिन इस मशीन द्वारा एकत्र धूल मिटटी को एक जगह से एकत्र कर दूसरी जगह ढ़ेर लगाया जा रहा है।

दिल्ली रोड पर खपाई जा रही धूल मिटटी

एक घंटे में यह मशीन आठ से दस किमी तक सड़क साफ करती है जिसके बाद नियमानुसार कचरे को लोहिया नगर डंपिग ग्राउंड में ले जाकर खाली करना होता है लेकिन तेल बचाने और लापरवाही के चलते दिल्ली रोड पर ही शहर की विभिन्न सड़कों से एकत्र की गई धूल मिटटी का ढ़ेर लगाया जा रहा है। दिल्ली रोड पर मेवला फ्लाईओवर के नीचे दिल्ली रोड से एकत्र धूल मिटटी का ढ़ेर लगाया जा रहा है। तेज हवाओं के दौरान यह डस्ट के ढ़ेर उड़कर आसपास के मोहल्लों और दुकानों फैल जाते हैं जिससे दिल्ली रोड का एक्यूआई 280 से 300 के बीच बना हुआ है। वहीं दिल्ली रोड पर रैपिड रेल का भी निर्माण कार्य चल रहा जिसके चलते इस रोड पर धूल मिटटी की समस्य को ओर अधिक बढ़ा दिया है।

रोड स्वैपिंग मशीन से साफ सफाई के बाद एकत्र गंदगी को डंपिंग ग्राउंड में डंप किया जाता है। लेकिन एकत्र मिटटी को हम रोड के गढढे भरने व अन्य प्रकार के निर्माण कार्यों में भी प्रयोग करते हैं। इसलिए कुछ जगह एकत्र किया जाता है।

- हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी