मात्र एक सिटी बस के भरोसे शहर का ट्रांसपोर्ट

100 सीएनसी बसों का रोडवेज को इंतजार, आज होगा फैसला

3 गुने रेट पर कानपुर से मेरठ सिटी का हुआ अनुबंध

128 बसों में से मात्र एक सिटी बस का इस समय हो रहा संचालन

127 सिटी बसें 10 साल की आयु पूरी करने बाद बेडे से हो चुकी है बाहर

100 सीएनजी बसों की सौगत मिल चुकी है सिटी ट्रांसपोर्ट को

2009 में मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट के बेडे़ में कमल, मिनी, लो फ्लोर बसों को संचालन शुरु किया

128 सिटी बसों के अलावा 8 नई एसी बसें भी शामिल हैं

100 सीएनजी बसों पर आज लग सकती है मुहर

Meerut। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले चार माह से बदहाल चल रही मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा बसों की कमी के कारण अब पूरी तरह बदहाल हो चुकी है। सिटी ट्रांसपोर्ट के नाम पर मात्र एक सिटी बस के भरोसे शहर के लाखों दैनिक यात्री हैं। इसका कारण यह है कि सिटी ट्रांसपोर्ट की 128 बसों में से मात्र एक सिटी बस इस समय संचालित हो रही है। बाकि 127 सिटी बसें अपनी 10 साल की आयु पूरी करने बाद बेडे से बाहर हो चुकी है। इस कारण से शहर में सिटी बसों के नाम पर अब केवल डग्गामार सिटी बसों का ही दैनिक यात्रियों को सहारा मिल रहा है। हालांकि सिटी ट्रांसपोर्ट को 100 सीएनजी बसों की सौगत मिल चुकी है लेकिन इन बसों के लिए अब कमिश्नर मेरठ की अनुमति मिलना बाकि है जिस पर गुरुवार को आयोजित बैठक में मुहर लगने की संभावना है।

10 साल का सफर पूरा

दरअसल साल 2009 में मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट के बेडे़ में कमल, मिनी, लो फ्लोर बसों को संचालन शुरु किया गया था। इन बसों को शहर के अंदर से लेकर बाईपास समेत देहात रूटों पर संचालित किया जा रहा था। गत वर्ष के अंत में बसों की आयु पूरी होने के बाद उन्हें संचालन से बाहर करने का सिलसिला शुरु हुआ था। इसके बाद जून माह तक आते आते करीब 127 सिटी बसों का संचालन बंद हो गया। अब मात्र एक कमल बस का शहर के बाहर बाईपास पर संचालन हो रहा है। इसका लाभ भी शहर के लोगों को नही मिल पा रहा है।

8 एसी बसें बनी शोपीस

हालांकि सिटी ट्रांसपोर्ट के बेडे़ में इन 128 सिटी बसों के अलावा 8 नई एसी बसें भी शामिल हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मार्च माह से इन एसी बसों का संचालन बंद है ऐसे में ये बसें डिपो में खड़ी शोपीस बनी हुई है।

आज लग सकती है मुहर

मुख्यालय स्तर पर 100 सीएनसी बसों की स्वीकृति मेरठ को मिल चुकी है। लेकिन इसके लिए अभी बोर्ड बैठक में कमिशनर की अनुमति मिलना बाकि है। इस संबंध में गुरुवार को परिवहन विभाग की बैठक होगी.उसमें शहर की जरुरत को देखते हुए इन बसों को मंगाने की कमिशनर अनुमति दे सकती हैं।

तिगुने रेट पर हुआ अनुबंध

सूत्रों की मानें तो इन 100 नई सीएनजी बसों को मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट कानुपर सिटी ट्रांसपोर्ट से खरीद रहा है। लेकिन इस खरीद को नई शर्तो के आधार पर तीन गुना सíवस चार्ज के आधार पर फाइनल किया गया है। गौरतलब है कि पहले सिटी बसों की सíवसिंग 7 से 10 रुपए प्रति किमी के आधार पर अनुबंध हुआ था। इसमें प्रतिमाह 35 से 40 लाख रुपए का खर्च आता था। लेकिन इन नई सीएनजी बसों के लिए सíवसिंग का खर्च तीन गुना कर दिया गया है। यानि की अब इन सिटी बसों के लिए प्रतिकिमी 20 से 25 रुपए का भुगतान सरकार को एएमसी को करना होगा। जिससे प्रतिमाह यह खर्च बढ़कर करीब सवा करोड़ रुपए हो जाएगा। यह मंहगा अनुबंध क्यों हुआ इसका जवाब अभी विभाग के आला अधिकारियों के पास भी नही है। जबकि सíवसिंग कंपनी वही पुरानी है जो 10 साल से सिटी बसों की सíवस करने के लिए अनुबंधित है।

सिटी बसें तो काफी लंबे समय से शहर में नही दिख रही हैं केवल वही लाल पीली वाली डग्गेमार बसें ही संचालित हो रही हैं वह भी काफी कम संख्या में हैं। ऐसे में अब ई रिक्शा और टेंपों के भरोसे ही आना जाना है।

शादाब

मुझे तो रोज अपने ऑफिस जाने के लिए अब बाइक से ही आना पड़ रहा है। सिटी बसें बंद हो गई है साथ ही संक्रमण का डर है ऐसे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर वैसे भी भरोसा नही है।

निखिल

सिटी बसों से रोजाना कालेज जाने आने में काफी आसानी होती है अभी तो कालेज बंद है लेकिन सिटी बसें ना चलने से टाइम भी वेस्ट होगा और स्टूडेंटस के लिए बजट पर भी फर्क पडे़गा।

दीपक

हमें तो काम से अपने शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक जाना पड़ता था दिल्ली रोड लेकिन सिटी बसें तो मार्च से ही बंद हैं। ऐसे में अब बाइक से ही काम पर जाना पड़ रहा है। और कोई साधन तो मंहगा पड़ेगा।

मंजर

सीएनजी बसें स्वीकृत हो चुकी हैं जल्द ही उनकी डिलीवरी मेरठ के लिए हो जाएगी। बाकि अनुबंध की शर्तें मुख्यालय स्तर पर तय की गई हैं।

अनिल अग्रवाल, एआरएम सिटी ट्रांसपोर्ट