सवा साल से अधर में सिटी स्टेशन की सफाई

अप्रैल तक होगा मुख्यालय से सफाई एजेंसी का टेंडर

22 से पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी मिलने से बढ़ेगी यात्रियों की संख्या

2019 नवंबर में खत्म हो गया था। सिटी रेलवे स्टेशन पर सफाई का टेंडर

3 कंपनियों को दिया था सिटी व कैंट स्टेशन की सफाई का ठेका

3 शिफ्ट में स्टेशन पर सफाई का कार्य करते थे कर्मचारी

70 सफाई कर्मचारियों की स्टेशन पर थी तैनाती

मार्च में कोरोना के कारण टेंडर प्रक्रिया भी अधर में रुकी

6 कर्मचारी ही सिटी स्टेशन पर साफ सफाई का काम संभाले हैं

Meerut। रेलवे का स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 नजदीक है, लेकिन मेरठ सिटी स्टेशन इस बार इस सर्वेक्षण में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की स्थिति में भी नही है। साल भर कोरोना काल से जूझने के बाद भी सिटी स्टेशन की हालत सुधरने का नाम नही ले रही है। दरअसल, सफाई का टेंडर ना होने के कारण यहां सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। अब एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों का संचालन भी शुरु हो चुका है। अप्रैल माह में स्वच्छता सर्वेक्षण की संभावना भी है। ऐसे में बिना टेंडर स्टेशन की साफ सफाई की हालत बद से बदत्तर हो सकती है।

अधर में टेंडर

सिटी रेलवे स्टेशन पर सफाई का टेंडर पुराना टेंडर नवंबर 2019 में खत्म हो गया था। इस टेंडर के तहत सिटी व कैंट स्टेशन की साफ सफाई का ठेका तीन कंपनियों को दिया था, इसमें एपकॉन, अशोका और टेलीकॉन कंपनी शामिल थी। इनके कर्मचारी तीन शिफ्ट में स्टेशन पर सफाई का काम करते थे। सफाई के लिए कंपनी ने अपने करीब 70 सफाई कर्मचारियों को स्टेशन पर साफ-सफाई के लिए लगाया हुआ था। लेकिन नवंबर माह में कंपनी का टेंडर खत्म हो गया जो की मार्च 2020 तक फाइनल होना था। लेकिन मार्च में कोरोना के कारण ट्रेनों का संचालन रदद होने के कारण टेंडर प्रक्रिया भी अधर में ही रूक गई। इस दौरान रेलवे द्वारा सफाई का ठेका किसी कंपनी को नही दिया गया।

6 कर्मचारियों के भरोसे स्टेशन

टेंडर ना होने के कारण रेलवे स्टेशन की सफाई का जिम्मा लोकल प्रबंधन के पास है। इसके तहत 70 कर्मचारियों की व्यवस्था के स्थान पर मात्र 6 कर्मचारी ही पूरे सिटी स्टेशन पर साफ सफाई के लिए लगाए गए हैं। इन पर पांचों प्लेटफार्म, रेलवे ट्रेक, आरक्षण काउंटर परिसर, कार्यालय से लेकर बाहर मुख्य परिसर तक की सफाई का जिम्मा है। अभी तक ट्रेनों का संचालन नाम मात्र था केवल एक्सप्रेस ट्रेन ही संचालित हो रही थी। लेकिन अब 22 से पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी मिलने के बाद यात्रियों की संख्या स्टेशन पर बढ़ना शुरु हो जाएगी। इसके बाद स्टेशन पर गंदगी और अव्यवस्था दिखना शुरु होगी। ऐसे में टेंडर होना बहुत जरुरी है।

पुरानी कंपनी का टेंडर खत्म हुए सवा साल हो चुका है। मुख्यालय स्तर पर नई कंपनी को टेंडर देने का काम चल रहा है, जोकि अप्रैल तक पूरा होने की उम्मीद है।

बीरेंद्र सिंह, सीनियर सेनेट्री ऑफिसर