सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर खिलाड़ी की तैयारी व संघर्ष को जाना

सीएम योगी ने ओलंपिक में भाग लेने जा रहे 10 खिलाडि़यों से किया वर्चुअल संवाद

पांच खिलाड़ी मेरठ के भी रहे शामिल, प्रियंका ने पिता की नौकरी की समस्या को उठाया

Meerut। आगामी 23 जुलाई से टोक्यो में ओलंपिक की शुरूआत होगी। इसमें देश के 128 खिलाडि़यों का दल जाएगा। वहीं खास बात यह है कि मेरठ से भी छह खिलाडि़यों का दल टोक्यो ओलंपिक में भाग लेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को टोक्यो ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लेने जा रहे प्लेयर्स से ऑनलाइन बातचीत की। उन्होंने हर खिलाड़ी से संघर्ष से लेकर उनकी सफलता तक की यात्रा की कहानी सुनी। इसके अलावा प्रदेश की खेल सुविधाओं पर खिलाडि़यों के विचार व सुझाव भी मांगे। वहीं, खिलाडि़यों ने भी मुख्यमंत्री से अपने मन की बात की।

हर जिले में बने सिंथेटिक ट्रैक, मिलें अच्छे कोच : प्रियंका

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बातचीत की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय रेस वॉकर प्रियंका गोस्वामी से की। उन्होंने प्रियंका से उनके खेल के सफर के बारे में पूछा। प्रियंका ने बताया कि 12 साल की उम्र में उनका चयन लखनऊ के जिमनास्टिक हॉस्टल में हुआ लेकिन परिवार से दूर मन नहीं लगने पर मेरठ वापस आ गई। वहां भी दौड़ में हिस्सा लेने पर बच्चों के बीच प्रथम आतीं। इसके बाद कक्षा 11वीं में पहुंचने के बाद कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में पैदल में हिस्सा लेकर तीसरे स्थान पर रहने पर एक बैग मिला तो खेल में आगे बढ़ी। इसके बाद ही रोडवेज में पिता की नौकरी छूट जाने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और अभी भी पारिवारिक संघर्ष जारी है। बेंगलुरू में प्रशिक्षण कर रहीं प्रियंका से मुख्यमंत्री ने पूछा कि वहां जैसी सुविधा प्रदेश में बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए। प्रियंका ने कहा कि एक खिलाड़ी की प्राथमिक जरूरत खेल का मैदान व अच्छे कोच होते हैं। मेरठ में सिंथेटिक ट्रैक नहीं है। मुझे कोच के तौर पर गौरव त्यागी मिले लेकिन हर किसी को अच्छे कोच नहीं मिल पाते हैं।

जूनियर स्तर से खिलाडि़यों को मिले मदद : अन्नू

अंतरराष्ट्रीय भाला फेक खिलाड़ी अन्नू रानी ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब उन्होंने खेल की शुरुआत की थी तब परिवार के सभी लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी। बालिकाओं को खेलकूद की अनुमति नहीं थी इसलिए परिवार से छिपकर प्रशिक्षण के लिए जाती थी। प्रतियोगिता में पदक जीतने के बाद परिवार के हर सदस्य को इसकी जानकारी मिली। मुख्यमंत्री ने पूछा कि अन्नू प्रदेश सरकार से क्या उम्मीद रखती हैं? अन्नू रानी ने कहा कि खिलाडि़यों को जूनियर स्तर से ही सुविधाएं व आर्थिक मदद मुहैया कराई जानी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने और नौकरी मिलने के बाद इतनी परेशानी नहीं होती लेकिन शुरुआत में समस्याएं अधिक होती हैं। अन्नू ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें इस बात दुख है कि उनके गांव बहादुरपुर में आज भी खेल का मैदान नहीं है। हर गांव में एक खेल का मैदान होना ही चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव में खेल मैदान बनाने की प्रक्रिया चल रही है।

परिवार से दूर कर रही हूं तैयारी : सीमा

अंतरराष्ट्रीय डिस्कस थ्रोवर मेरठ की बहू सीमा अंतिल ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह पिछले तीन सालों से मास्को में ही रहकर ओलंपिक गेम्स की तैयारी कर रही हैं। इससे पहले वह तीन ओलंपिक गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। सीमा ने कहा कि परिवार से दूर रहकर वह अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं जिससे देश के नाम पदक जीतकर लौट सकें। मुख्यमंत्री ने सीमा के संघर्ष और महिला होकर घर से दूर रहकर प्रशिक्षण करने की सराहना की। मुख्यमंत्री ने पूछा कोई समस्या व परेशानी हो तो जरूर बताएं। सीमा बोली जब से वह उत्तर प्रदेश से खेल रही हैं उन्हें कोई परेशानी नहीं हैं। खेल विभाग व प्रदेश सरकार से मिली हर तरह की मदद से वह संतुष्ट हैं।

गुरुओं की मदद काम आई : वंदना

टीम इवेंट में टोक्यो ओलंपिक जा रही महिला हाकी टीम में फारवर्ड खिलाड़ी के तौर पर शामिल वंदना कटारिया से मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण के बारे में पूछा। वंदना ने बताया कि उनका प्रशिक्षण बेंगलुरू में चल रहा है और काफी अच्छी तैयारी भी है। वंदना ने बताया कि उनके हाकी प्रशिक्षण की शुरुआत सबसे पहले मेरठ से हुई और उसके बाद छह साल तक लखनऊ के हाकी हास्टल में रही। वंदना ने बताया कि उनके कोच पूनमलता राज और विष्णु शर्मा के मार्गदर्शन और विष्णु शर्मा के मार्गदर्शन व उपकरण सहित अन्य मदद मुहैया कराना उनकी सफलताओं में अहम रहा है।

प्रशिक्षण बहुत अच्छा चल रहा है : सौरभ

अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज सौरभ चौधरी से मुख्यमंत्री ने हाल पूछा और प्रशिक्षण के बारे में जानना चाहा। सौरभ ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी ट्रेनिंग बहुत अच्छी चल रही है। वह इन दिनों क्रोएशिया में प्रशिक्षण कर रहे हैं और वहीं से टोक्यो के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री ने सौरभ के खेल की सराहना करते हुए कहा कि सौरभ ओलंपिक गेम्स में जा रहे खिलाड़ी जिस इच्छाशक्ति से तैयारी कर रहे हैं वह सराहनीय है और यह अगली पीढ़ी के खिलाडि़यों के लिए प्रेरणा बनेगी। मुख्यमंत्री ने सौरभ से कहा कि आपकी उम्र कम है और आपको अभी बहुत आगे जाना है। अपनी ऊर्जा को इसी तरह खेल में उपलब्धियों को बढ़ाने में लगाते रहें। आपकी हर जरूरत पूरी करने के लिए प्रदेश सरकार साथ है।