कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग का बजट रोका
50 करोड़ का हिसाब दें तभी मिलेंगे 15 करोड़
- नगर निगम स्वास्थ्य विभाग से मांगा पांच साल का ब्यौरा
- पिछले साल खरीदे गए थे दस करोड़ रुपये के उपकरण
मितेंद्र गुप्ता
मेरठ। सिर्फ उपकरण खरीदने से शहर साफ नहीं होगी, बल्कि खरीदे गए उपकरणों का सही उपयोग भी करना पड़ेगा। ऐसा मानते हुए कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार ने नगर निगम स्वास्थ्य विभाग का 15 करोड़ 40 लाख रुपये का बजट रोक दिया है। कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग से पिछले पांच साल का पूरा ब्यौरा मांगा है। कमिश्नर द्वारा ब्यौरा मांगने पर स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। स्वास्थ्य विभाग ब्योरा जुटाने में लगा हुआ है।
पिछले साल खर्च किए 10 करोड़
पिछले साल नगर निगम ने दस करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे गए थे। लेकिन यह उपकरण काफी समय तक ऐसे ही खड़े रहे। जिसको लेकर पूर्व विधायक ने सवाल उठाए थे। सवाल उठाने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने उन मशीनों का प्रयोग करना शुरू किया।
हालात जस के तस
पिछले पांच साल में करीब 50 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे गए। बावजूद इसके शहर में सफाई की हालात जस की तस बनी हुई है। शहर में गंदगी का अंबार लगा रहता है। शायद यही कारण है कि कमिश्नर ने इस बार स्वास्थ्य विभाग के बजट पर सवाल उठाते हुए रोक दिया है।
चल रही है जांच
कमिश्नर ने पिछले पांच साल में हुई खरीद फरोख्त को लेकर जांच बैठा रखी है। उप आयुक्त को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। इसमें मुख्य रूप से संविदा सफाईकर्मियों का ठेका लेने वाली कंपनी अलकनंदा, सीवर जेटर मशीन सहित अनेक उपकरण खरीद को लेकर जांच बैठा रखी है।
जो आवश्यक है उसको ही खरीदा जाएगा। अनावश्यक रूप से चीजें दी गई थी। इसीलिए उनका प्रस्ताव को रोक दिया है। जो साधन पहले से हैं, उनका उपयोग ठीक से करें।
-डॉ। प्रभात कुमार, आयुक्त मेरठ मंडल
कमिश्नर ने बजट रोका है। अवस्थापना निधि और 14वें वित्त आयोग के तहत स्वस्थ्य विभाग ने मांग की थी। स्वास्थ्य विभाग से पांच साल का ब्यौरा मांगा है।
-मनोज कुमार चौहान नगर आयुक्त
पहले जो वाहन खड़े हैं और जो सामान है, उनका ही उपयोग कर लें। हर साल करोड़ों रुपये के वाहन खरीदें जाते हैं। उपयोग किसी का करते नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए।
-ज्योति वर्मा, पार्षद वार्ड 52
स्वास्थ्य विभाग की तो पिछले पांच साल की जांच होनी चाहिए। बहुत घपलेबाजी है। काम कुछ करते नहीं है। केवल वाहन व सामान की खरीद करते रहते हैं।
-सुधीर पुंडीर, पार्षद वार्ड 36
यह थी डिमांड
बायो कंपोस्ट मशीन 500 किग्रा- 1
बायो कंपोस्ट मशीन 1000 किग्रा- 2
लिफिटिंग क्रेन- 1
ट्रैक्टर 35 हॉर्स पावर- 5
रोड स्वीपर ऑन ट्रैक्टर- 5
मोबाइल टॉयलेट 6 सीट- 6
मोबाइल टॉयलेट 10 सीट- 4
स्किड स्ट्रेयर लोडर विद बेकहो- 3
ट्रैक्ड एक्सकावेटर 51 फिट बम- 1
डंपर प्लेसर-3
पोर्टेबल कॉम्पेक्टर- 12
ट्रैक्टर 35 हॉर्स पावर- 12
ट्रॉली हाईड्रोलिक- 12
ट्रीपर ट्रक- 11
टाटा ऐस- 10
बाक्हो लोडर- 3
छोटी पोर्कलेन मशीन- 3
डस्टबिन- 5 लाख