उच्च शिक्षा निदेशालय के आदेश के बाद अलर्ट हुए यूनिवर्सिटजी व कॉलेज

कॉलेजों में बनी मोबाइल बैन कमेटी, प्रॉक्टिोरियल बोर्ड के सदस्य और टीचर्स बने मेंबर

Meerut । उच्च शिक्षा निदेशालय के निर्देशों के बाद से अब यूजीसी ने कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज में मोबाइल बैन कमेटी बनाकर मोबाइल लाने वालो पर शिकंजा कसने के निर्देश दे दिए हैं। जिसके बाद से सीसीएसयू ने संबंधित कॉलेजों को कमेटी बनाकर मोबाइल बैन करने के लिए अलर्ट कर दिया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि अगर फिर भी कोई स्टूडेंट कैंपस या कॉलेजों में मोबाइल लेकर आया तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

टीचर्स पर भी सख्ती

डीएन कॉलेज में अब कोई टीचर या स्टूडेंट मोबाइल फोन का यूज नहीं करेगा। प्रिंसिपल डॉ। बीएस यादव के अनुसार टीचर व स्टूडेंट को इसके बारे में अवगत कराया है। शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का तत्काल प्रभाव से पालन कराया जाए। उन्होंने बताया कि अगर किसी को इंटरनेट का यूज करना है तो वह कॉलेज की लैब का इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा अगर कोई स्टूडेंट या टीचर मोबाइल पर मैसेज, व्हाट्सऐप करते या फिर बात करते पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों सहित कई सीनियर टीचर्स को कमेटी में शामिल कर जिम्मेदारी सौंपी गई है। निर्देशों के तहत कॉलेज को छह ब्लॉक में बांटा गया है व टीम की ड्यूटी लगाई है।

अन्य कॉलेजों में भी बनी कमेटी

डीएन कॉलेज सहित, मेरठ कॉलेज, इस्माईल कॉलेज, आरजी पीजी कॉलेज, कनोहर लाल पीजी कॉलेज, एनएएस डिग्री कॉलेज व शहीद मंगल पांडेय आदि सभी कॉलेजों ने अपने यहां पर मोबाइल बैन के लिए एक सेल बना दिया है। जिनमें कॉलेजों ने अपने यहां के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मेंबर्स व सीनियर टीचर्स को शामिल किया है। ये टीम कॉलेजों में ब्लॉक वाइज व क्लास रुम में जाकर औचक निरीक्षण करेंगी। अगर मौके पर टीचर या स्टूडेंट पर मोबाइल मिलता है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

ये है मामला

दरअसल, यूनिवर्सिटीज व डिग्री कॉलेजों में उच्च शिक्षा निदेशालय की तरफ से मोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका कारण ये बताया है कि स्टूडेंट क्लास में पढ़ाई की बजाए व्हाट्सऐप, फेसबुक व टिकटॉक आदि पर व्यस्त रहते हैं। जिससे उन पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है।

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निर्देशानुसार हमने कॉलेज में मोबाइल बैन कर दिया है। कॉलेज में एक टीम इस पर काम कर रही है, अगर कोई मोबाइल मिलता है तो उसे जब्त कर लिया जाता है।

डॉ। बीएस यादव, प्रिंसिपल, डीएन कॉलेज

स्टूडेंट को बोला गया है कि अगर किसी को इमरजेंसी बात करनी है तो वो टीचर व स्टाफ के सामने ही फोन करेगा, अन्यथा कॉलेज में मोबाइल स्वीच ऑफ रहेगा या टीचर्स को जमा करना होगा। बावजूद इसके अगर कोई स्टूडेंट मोबाइल चलाता मिलता है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

डॉ। निलिमा गुप्ता, प्रिंसिपल, इस्माईल कॉलेज

प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मेंबर्स अब एंट्री के समय ही स्टूडेंट्स के पास मोबाइल चेक करेंगे। जो स्टूडेंट एंट्री के समय मोबाइल जमा नहीं कराता है और बाद में उसके पास मोबाइल मिल जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। वीपी राकेश, प्रिंसिपल, एनएएस कॉलेज

जिस दिन ये निर्देश हुए थे उसी दिन मीटिंग हुई थी। अब हमने कॉलेज में बोल दिया है कि स्टूडेंट्स के मोबाइल स्वीच ऑफ रहेंगे। अगर कोई मोबाइल पर बात करता पकड़ा गया तो पहले पेरेंट्स को बुलाकर समझाया जाएगा और दूसरी बार में मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा।

डॉ। किरण प्रदीप प्रिंसिपल, कनोहरलाल डिग्री कॉलेज

हमारे यहां पहले से ही चेकिंग होती है। नोटिस लगाने को भी कह दिया गया है। अगर फिर भी किसी पर मोबाइल पकड़ा जाता है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

डॉ। संगीता गुप्ता, प्रिंसिपल, मेरठ कॉलेज