3500 करोड़ के घोटाले में वांटेड चल रहा था कंपनी डायरेक्टर सुनील कुमार

ईओडब्ल्यू मेरठ की टीम कर रही है मुकदमों की जांच-पड़ताल, आरोपी से पूछताछ जारी

Meerut। 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 50 हजार के इनामी सुनील कुमार को बिजली बंबा बाईपास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था। हालांकि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए ईओडब्ल्यू और ईडी ने सैकड़ों जिलों में दबिशें मारी, लेकिन आरोपी का सुराग नहीं लग सका था। जिसके बाद आरोपी पर 50 हजार इनाम घोषित कर दिया गया था।

ये है मामला

ईओडब्ल्यू ने 50 हजार के इनामी सुनील कुमार प्रजापति निवासी गांव नवादा बुलंदशहर को गिरफ्तार कर लिया। यह आरोपी गौतमबुद्धनगर में दर्ज 56 मुकदमों में वांछित चल रहा था। ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर के एएसपी डॉ। राम सुरेश यादव ने बताया कि बाइक बोट कंपनी द्वारा किए गए घोटाले के सबसे पहले मुकदमें नोएडा में दर्ज हुए। इन मुकदमों की पूर्व में जांच नोएडा पुलिस द्वारा की गई। मगर कंपनी के नाम पर मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों में मुकदमे दर्ज होने के कारण शासन ने 14 फरवरी 2020 को नोएडा में दर्ज 57 मुकदमों की विवेचना ईओडब्ल्यू मेरठ को सौंप दी थी। जिसके बाद ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह ने इस घोटाले की अलग से जांच करने की रणनीति भी बनाई थी।

मेरठ टीम कर रही जांच

ईओडब्ल्यू मेरठ की टीम नोएडा में दर्ज 56 मुकदमों की जांच कर रही है। बता दें कि बाइक बोट संचालनकर्ता करुणेश शर्मा निवासी अच्छरौंडा थाना परतापुर के कब्जे से 21 बाइक बरामद की गई थी। इन बाइकों को पल्लवपुरम क्षेत्र में इंदप्रस्थ कॉलोनी से बरामद किया गया था। वहीं सनी पुत्र सत्येंद्र चौधरी निवासी नंगलाताशी थाना कंकरखेड़ा के घर से 24 बाइकों को बरामद किया गया था। आरोपी के बैंक खातों की जांच भी ईओडब्ल्यू के द्वारा की जा रही है ताकि सख्ती से कानूनी शिकंजा कसा जा सके।

नौ आरोपी ईओडब्ल्यू और ईडी के रडार पर

बाइक बोट कंपनी के मालिक 42 वर्षीय संजय भाटी समेत 19 लोगों ने मिलकर गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड की बाइक बोट स्कीम के तहत अलग-अलग जिलों में फ्रेंचाइजी खोली थी। कंपनी की ओर से लोगों को निवेश के लिए आकर्षित करने की ऐसी योजना बताई गई कि इंवेस्टर्स इनके झांसे में फंस गए। एक बाइक में 62,200 रुपये का निवेश करने पर 9765 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 12 महीने तक पैसे देने का वादा किया गया था। शुरुआत में काफी लोगों को पैसा दिया भी गया, मगर अच्छा खासा इंवेस्टमेंट इकट्ठा होते ही कंपनी गायब हो गई।

करोड़ों की संपत्ति जब्त

नोएडा के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई लगातार जारी है। 50 हजार के इनामी कंपनी डायरेक्टर सुनील कुमार को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। अभी तक पुलिस इस मामले में 13 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। ईडी घोटाले की जांच में जुटी है तो ईओडब्ल्यू फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अभी तक ईडी और और ईओडब्लू मिलाकर 140 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुके हैं। जिसमें नोएडा, बुलंदशहर, लखनऊ, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के आरोपियों के मकान, दुकान, ऑफिस, जमीन और होटल शामिल हैं। वहीं सैंकड़ों बैंक खातों को भी अभी तक फ्रीज किया जा चुका है। मगर अभी नौ आरोपियों का सुराग नहीं लग सका है। इन नौ आरोपियों को भी जल्द पकड़कर कार्रवाई करने का दावा ईओडब्ल्यू के अधिकारी कर रहे हैं।

ये हो चुकी है कार्रवाई

ईओडब्ल्यू को जांच के दौरान इन बाइकों के बारे में जानकारी मिली जिसके बाद डीजी ईओडब्ल्यू ने अपने पांच इंस्पेक्टर की अलग-अलग टीम बनाकर मेरठ जोन के एडीजी से सहयोग लेते हुए पांच जिलों में छापेमारी कर 178 मोटर साइकिलें बरामद की। ये बाइक गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स के नाम से रजिस्टर्ड तथा बजाज कंपनी की है। बजाज कंपनी से ही बाइकबोट का स्टिकर और लोगो लगा हुआ आया था। कुछ बाइक ऐसी भी हैं, जो कंपनी द्वारा नियुक्त किए गए एजेंटों द्वारा इस्तेमाल की जा रही थीं। जबकि काफी बाइक नई हैं और जबसे आई हैं विभिन्न गोदामों में खड़ी थी। पश्चिमी यूपी के पांच जिलों सबसे अधिक गाजियाबाद से 72, मुजफ्फरनगर से 50, हापुड़ से 22, मेरठ से 21 और बागपत से 13 मोटर साइकिलें बरामद की गई थी। ये बाइकें मामले में पहले से गिरफ्तार किए गए शिल्पी राज, इरफान, कुलदीप, राजेश रानी, विकास लांबा और कपिल कुमार की निशानदेही पर बरामद की गई थी।