72 लाख की लागत से नगर निगम बनाएगा प्लांट

5 रुपये प्रति किलो जैविक खाद बेचेगा नगर निगम

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण में गत वर्ष से बेहतर अंक पाने के लिए नगर निगम इस बार पूरी तैयारी के साथ जुटा है। इस सर्वेक्षण के सबसे महत्वपूर्ण मानक कूड़ा निस्तारण के लिए निगम करीब 72 लाख रुपये इस योजना पर खर्च करेगा। यह खर्च शहर की प्रमुख जिला जेल और सब्जी मंडी की कंपोस्टिंग यूनिटों पर होगा। इन कंपोस्टिंग यूनिटों के लिए नगर निगम ने गोबर बैंक बनाकर गोबर एकत्र करने की योजना भी तैयार की है। निगम ने इन प्लांट से बनने वाली जैविक खाद का दाम भी पांच रुपए प्रति किलो निर्धारित कर दिया है। स्वच्छता सर्वेक्षण के नोडल अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि नवीन सब्जी मंडी और जिला कारागार में दो कंपोस्टिंग यूनिट लगाई जाएंगी। इसके लिए 72 लाख रुपये खर्च करने हैं। इस योजना से गोबर से निजात के साथ-साथ निगम के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

गोबर और केंचुए से बन रही खाद

नगर निगम 130 सामान्य कंपोस्टिंग यूनिट शहर में लगा चुका है। इन कंपोस्टिंग यूनिटों के लिए भारत स्वच्छ अभियान के तहत नगर निगम को कम्पोस्टिंग यूनिट खोलने के लिए 72 लाख रुपये 14वें वित्त आयोग से मिले हैं। प्रत्येक यूनिट में गोबर के साथ केंचुए छोड़े जाते हैं जो कूडे़ को कंपोस्ट करने का काम करने के साथ उसे खाद में बदल देता है। इन 130 से अलग दो बड़ी कंपोस्टिंग यूनिट के लिए नगर निगम ने जिला जेल और सब्जी मंडी परिसर को निर्धारित किया है।

5 रुपये किलो है कीमत

नगर निगम का जिला जेल और नवीन सब्जी मंडी की यूनिटों से रोजाना करीब 250 से 300 कुंतल जैविक खाद्य तैयार करने का टारगेट है। इन दोनो यूनिटों से नगर निगम को 200 कुंतल से अधिक जैविक खाद्य प्राप्त होगी। बाजार में जैविक खाद्य का मूल्य सात से आठ रुपये प्रति किलो है। जबकि नगर निगम इसे मात्र 5 रुपये प्रति किलो के हिसाब से लोगों को उपलब्ध कराएगा।

सात लाख की मशीन

नगर निगम जिला जेल के कंपोस्टिंग प्लांट की देख रेख के लिए जेल प्रशासन को सात लाख रुपये की कीमत की एक मशीन मुहैया कराएगा। इस मशीन की मदद से करीब 100 टन गोबर रोजाना यूनिट पर डालेगा। इसके बाद गोबर को कंपोस्टिंग करके जो जैविक खाद्य उत्पन्न होगी उसकी एक चौथाई यानि 25 प्रतिशत खाद्य पर नगर निगम का मालिकाना हक होगा। जबकि 75 प्रतिशत खाद्य जेल प्रशासन की होगी। इसमें जेल प्रशासन बंदियों से कंपोस्टिंग यूनिट का संचालन कराएगा। इसके बिजली खर्च वहन, इंश्योरेंस और मेंटीनेंस खर्च भी जेल प्रशासन ही वहन करेगा। इसके लिए नगर निगम को मात्र 100 कुंतल गोबर उन्हें रोजाना मुहैया कराना होगा। वहीं नवीन मंडी की कंपोस्टिंग यूनिट में रोजाना 500 कुंतल गोबर की खपत होगी।