मेरठ (ब्यूरो)। कैंट बोर्ड ने एक बार फिर ट्रेड लाइसेंस को लेकर अपना रवैया सख्त कर दिया है। वेबसाइट पर इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। उधर, व्यापारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। व्यापारियों का आरोप है कि बोर्ड किसी न किसी बहाने लगातार उनसे वसूली कर रहा है।

पहले भी हुआ विरोध
दरअसल, करीब एक साल पहले भी व्यापारियों के लिए कैंट बोर्ड की मीटिंग में ट्रेड लाइसेंस का फैसला लिया गया था। ट्रेड लाइसेंस व्यापारियों के लिए जरूरी कर दिया गया था। बैठक में व्यापारियों के व्यापार को 50 से अधिक कैटेगरी में बांटा गया था। इसके साथ ही ये भी तय किया गया था कि कौन सी कैटेगरी में व्यापारी को कितना टैक्स देना होगा। लेकिन, उस समय भी व्यापारियों ने इसका विरोध किया था। उनका कहना था कि वो लगातार विभिन्न तरह के टैक्स पहले से ही दे रहे हैं। बीते दो सालों में कोरोनाकाल के चलते व्यापार में नुकसान हो चुका है जो अभी तक झेल रहे हैं। ऐसे में ये एक नया टैक्स व्यापारियों पर थोपना किसी मुसीबत से कम नहीं है। इस बाबत व्यापारियों ने तमाम अधिकारियों को ज्ञापन तक सौंपे थे।

फिर गर्माया मुद्दा
12 जुलाई 2021 को कैंट बोर्ड के सभी सदस्यों की सदस्यता समाप्त हो चुकी है और नए पार्षदों का चयन अभी हुआ नहीं है। हालांकि एक मनोनीत सदस्य है, पर बाकी वार्डों से कोई सदस्य नहीं है। ऐसे में कैंट बोर्ड एक बार फिर ट्रेड लाइसेंस को लेकर सख्त रुख अपनाने के मूड में दिख रहा है। बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर फिर से ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस के लिए व्यापारियों को नोटिस जारी कर दिया है। बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में लिखा है कि व्यापारियों द्वारा ऑनलाइन लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाए अन्यथा बोर्ड सख्ती करेगा। वहीं, व्यापारियों को इस बाबत जागरूक करना भी शुरू कर दिया है। इधर, व्यापारियों ने भी इस लाइसेंस का विरोध शुरू कर दिया है।

व्यापारियों की राय
केंद्र सरकार को जीएसटी कलेक्शन में से एक अंश कैंट बोर्ड को देना चाहिए। ताकि कैंट अपने क्षेत्र के व्यापारियों पर कोई नया नियम न थोपे।
अमित बंसल, महामंत्री, सदर व्यापार मंडल

कैंट बोर्ड हमेशा कोई न कोई नया नियम बनाकर व्यापारियों को लूटने में लगा रहता है। लगातार व्यापारियों पर चार्ज लगाना अच्छी बात नहीं है।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

ट्रेड लाइसेंस वाले नियम का व्यापारियों द्वारा पहले भी विरोध किया गया था। व्यापारी पहले से ही कई तरह के टैक्सों के घेरे में घिरा है।
सुनिल दुआ, अध्यक्ष, सदर व्यापार मंडल

वर्जन
लाइसेंस का नियम ऊपरी स्तर का है। बोर्ड का पर्सनल नहीं है। ऐसे में ये सबके लिए जरूरी है। इसको लेकर मैं पर्सनल कुछ नहीं कर सकता हूं।
ज्योति कुमार, सीईओ, कैंट बोर्ड