जुलाई में श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम के उप-कप्तान बनाए गए हैं भुवनेश्वर कुमार

Meerut। उत्तर प्रदेश के क्त्रिकेट इतिहास में सुरेश रैना के कप्तान बनने के बाद केवल भुवनेश्वर कुमार ही ऐसे क्त्रिकेटर हैं जिन्हें टीम इंडिया के उप-कप्तान की जिम्मेदारी मिली है। भुवनेश्वर कुमार जुलाई में रीलंका दौरे पर भारतीय टीम के उप-कप्तान होंगे। एक क्त्रिकेटर के लिए यह बड़ी जिम्मेदारी होती है। यदि किसी मैच में किसी कारण कप्तान को बैठना पड़े तो उप-कप्तान को ही टीम की कमान संभालनी पड़ती है। ऐसे में बेहद शांत स्वभाव वाले मेरठ के अंतरराष्ट्रीय क्त्रिकेटर ड्क्षस्वग मास्टर भुवनेश्वर कुमार को यह जिम्मेदारी मिलने से मेरठ के साथ ही प्रदेश भर के क्त्रिकेटर्स में खुशी की लहर दौड़ गई है। पिछले दो दशक में भारतीय टीम में मेरठ के खिलाडिय़ों की उपस्थित रही है। अब एक खिलाड़ी से आगे की जिम्मेदारी भी मिलने से युवा क्त्रिकेटर्स के लिए प्रेरणास्त्रोत का काम करेगा।

रणजी से आइपीएल तक कर चुके हैं कप्तानी

भुवनेश्वर कुमार करीब दो साल पहले आइपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए एक ही सीजन में लगातार आठ मैचों में कप्तान रहे थे। उनकी कप्तानी से वीवीएस लक्ष्मण भी काफी प्रभावित रहे। इसी साल आइपीएल के ठीक पहले रणजी ट्राफी के दौरान एत्तर प्रदेश क्त्रिकेट एसोसिएशन ने भुवनेश्वर कुमार को विजय हजार ट्राफी में टीम का कप्तान बनाया था। उप्र टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और कोटला में मुंबई के खिलाफ फाइनल मैच खेलकर उप-विजेता रही। हालांकि भुवनेश्वर कुमार इस ट्राफी में लीग मैच तक ही खेल सके थे और उसी दौरान टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड दौरे पर चले गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि टीम इंडिया में भुवी को उप-कप्तान की जिम्मेदारी उनके पिछले अनुभवों और कप्तान के तौर पर प्रदर्शन को देखते हुए ही दी गई है।

रैना का प्रदर्शन भी रहा था सराहनीय

सुरेश रैना उत्तर प्रदेश के पहले खिलाड़ी थे जिन्हें साल 2010 में भारतीय क्त्रिकेट टीम का कप्तान बनने का अवसर मिला। अवसर कम मिले लेकिन उनके प्रदर्शन में खट्ठे-मीठे अनुभव रहे। रैना की कप्तानी में साल 2010 से साल 2014 के दौरान भारतीय टीम ने 12 एक दिवसीय मैच खेले। इनमें छह जीते, पांच हारे और एक मैच बराबरी पर खत्म हुआ। इनमें साल 2010 में ड्क्षजबाब्वे दौरा और 2011 में व‌र्ल्ड कप के बाद वेस्ट इंडीज दौरा भी शामिल है। इसके अलावा तीन टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले जिसमें तीनों में विजेता रहे। सुरेश रैना की ही कप्तानी में विराट कोहली और आर। अश्रि्वन ने टी-20 डेब्यू किया था।

पिता के लिए थोड़ी देर से आई यह खुशी

भुवनेश्वर की हर छोटी-बड़ी सफलता पर खुश होने और दूसरों से भी साझा करने वाले पिता किरनपाल ड्क्षसह के लिए यह खुशी थोड़ी देर से आई। पिछले महीने 20 मई को लंग कैंसर पीडि़त किरन पाल ड्क्षसह की मृत्यु हो गई थी। उसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी बीमार थे जिसकी देखभाल भुवनेश्वर ही कर रहे थे। अब अगले महीने ही उन्हें टीम इंउयिा में एक बेहतरीन बल्लेबाज के साथ ही उप-कप्तानी की पारी भी खेलनी है।

विजय हजार ट्राफी में उप्र टीम के कप्तान के तौर पर भुवनेश्वर का प्रदर्शन काफी अच्छा था। हमारी टीम उप-विजेता रही थी। इसके साथ ही भुवी का व्यवहार और व्यक्तित्व के कारण ही उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है। टीम में ऐसे कई युवा खिलाड़ी हैं जो पहली बार भारतीय टीम की जर्सी पहन रहे हैं। इससे युवा खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन मिलेगा।

डॉ। युद्धवीर ड्क्षसह, सचिव, उत्तर प्रदेश क्त्रिकेट एसोसिएशन

यह मेरठ शहर और मेरठ के क्त्रिकेट के लिए गौरव की बात है। हमारे बीच का खिलाड़ी आज टीम इंडिया का उप-कप्तान है। इसी तरह खिलाडिय़ों को अहम जिम्मेदारी मिलती है जिससे वह और परिपक्व हो सकें। इससे हमारे सभी इंडिया टीमों के खिलाडिय़ों को और अधिक ऊर्जा मिलेगी और वह बेहतर करने की कोशिश करेंगे।

सुरेंद्र चौहान, सचिव, मेरठ डिस्ट्रिक्ट क्त्रिकेट एसोसिएशन

यह भुवी के करियर की बड़ी उपलब्धि तो है ही, एक कोच के तौर पर मुझे भी हमारे शहर के खिलाड़ी पर गर्व है। मैंने आखों के सामने भुवी को और उनके खेल को बढ़ते देखा है। यह मेरठ के क्त्रिकेट के लिए भी बड़ी उपलब्धि है। आशा है यह जिम्मेदारी भी भुवनेश्वर ठीक से निभाएंगे।

संजय रस्तोगी, कोच, एमडीसीए