- सीसीएसयू कर रही है मूल्यांकन सिस्टम में बदलाव

- कॉपियों की क्रॉस चेकिंग से दूर की जाएंगी कमियां

Meerut । सीसीएसयू में रिजल्ट से पहले अब परीक्षकों द्वारा चेक की गई कॉपियों की क्रॉस चेकिंग होगी। कॉपियों से नंबर फीड करने में खामियां बढ़ रही है, लगातार बढ़ती शिकायतों को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने मूल्यांकन कार्य योजना में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत कॉपियों से शिक्षकों द्वारा ओएमआर शीट में नम्बर दर्ज करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी कॉपी से रिजल्ट तक नंबरों में ट्रांसफर में न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप रखेगा। सेमेस्टर के मूल्यांकन में ही इस सिस्टम पर अमल होना शुरु हो जाएगा।

बदलाव का काम शुरू

यूनिवर्सिटी में पिछले कुछ दिनों में मूल्यांकन कार्ययोजना को बदलने का काम शुरु कर दिया है। इसमें सर्वाधिक फोकस परीक्षकों द्वारा चेक कॉपियों से नम्बरों को फीड करते हुए कंप्यूटर सेंटर तक भेजने की प्रक्रिया को बेहतर करना है। सूत्रों के अनुसार अभी तक के सिस्टम में कुछ कमियां हैं जो पकड़ में आई है। परीक्षक ओएमआर शीट पर दर्ज करते हैं, इसके बाद कंपनी के कर्मचारी ओएमआर से नंबरों को सिस्टम में फीड करते समय कंप्यूटर सेंटर भेजते हैं। ऐसे में परीक्षकों द्वारा कापियों में दिए गए नंबरों एवं कंप्यूटर सेंटर तक पहुंचे अंकों में क्रॉस चेकिंग की कोई पुख्ता योजना नहीं है। यूनिवर्सिटी में इस कमी को दूर करते हुए अब यह अंतर खत्म करना चाह रही है। अब परीक्षक द्वारा कॉपी में दिए गए नंबर व सेंटर तक पहुंचे अंकों की चेकिंग करने का सिस्टम बनाया जा रहा है, ताकि किसी स्तर पर गड़बड़ी की आशंका न हो।

ये है योजना

यूनिवर्सिटी के सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी में कॉपियों के फॉर्मेट में बदलाव किया जा रहा है। अंक भरने के लिए जो ओएमआर शीट अभी परीक्षकों को अलग से दी जाती है। उसे कॉपी में ही शामिल किया जा रहा है। इसके बाद परीक्षकों को नंबर दर्ज करने के लिए अलग से ओएमआर देने की व्यवस्था खत्म की जा रही है। यूनिवर्सिटी इस ओएमआर में दर्ज नंबरों को सीधे स्कैनिंग प्रोसेस से जोड़ना चाह रही है । इसके बाद नंबर सीधे स्कैन होकर कंप्यूटर में दर्ज हो जाएंगे, यूनिवर्सिटी के अनुसार सेमेस्टर परीक्षकाें के मूल्यांकन में ही नई कार्ययोजना से कॉपियों का मूल्यांकन कराया जाएगा। इसमें क्रॉस चेकिंग की व्यवस्था भी होगी।

गड़बड़ी पर होगी कार्रवाई

अगर चेकिंग में कोई बड़ी गड़बड़ी पाई जाती है जिससे लगता है कि ये जानबूझकर की गई है। तो गलती करने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी यूनिवर्सिटी स्तर से की जाएगी, यहां तक कि डिबार तक भी किया जा सकता है।

कई बदलाव किए जा रहे है, मूल्यांकन में नए बदलाव करने से वाकई ही पारदर्शिता आएगी, इसके साथ ही गड़बड़ी की संभावना कम होगी व समय भी बचेगा।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू