एक जनवरी से 19 अगस्त तक 400 लोगों के साथ हुई ऑनलाइन ठगी

अभी 341 ऑनलाइन ठगी के मामले चल रहे हैं पेंडिंग

59 मामलों में लोगों को वापस मिली ऑनलाइन ठगी गई रकम

Meerut। मेरठ जिले में साइबर क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। मगर साइबर एक्सपर्ट टीम ठगों से एक-दो कदम नहीं बल्कि सैंकड़ों कदम पीछे चल रही है। एक जनवरी से लेकर अगस्त तक 400 के करीब केस ठगी के हैं, जिसमें से केवल 59 लोगों को ही साइबर सेल उनसे ठगी हुई धनराशि वापस दिला सकी है। मगर एक भी साइबर ठग को साइबर सेल गिरफ्तार नहीं कर सकी है। ऐसी स्थिति में ये कहना गलत नहीं होगा कि साइबर ठग, साइबर एक्सप‌र्ट्स पर भारी पड़ रहे हैं।

वापस मिली ठगी गई रकम

साइबर सेल से मिली जानकारी के आधार पर एक जनवरी से 19 अगस्त 2020 तक 59 केसों में लोगों से ऑनलाइन ठगी गई रकम उनके अकाउंट में वापस कराई गई है। मगर इन सभी केसेज में ठगी करने वाले साइबर सेल की पकड़ से अभी भी बहुत दूर हैं। वहीं ऑनलाइन ठगी के 341 केसेज पर अभी केवल जांच चल रही है। हालांकि साइबर एक्सप‌र्ट्स का दावा है जल्द ही बाकी पीडि़तों के पैसे भी उनके एकाउंट में वापस करा दिए जाएंगे।

ये भी ठगी तरीका

आजकल साइबर ठग खुद को बैंक का अधिकारी बताते हुए एटीएम कार्ड अपग्रेड करने और एकाउंट ब्लॉक होने से बचाने के बहाने लोगों के अकाउंट की जानकारी होल्डर से पूछ लेते है। फिर किसी सॉफ्टवेयर के जरिए एकाउंट होल्डर को एटीएम अपडेशन या अकाउंट अनब्लॉक करने का लिंक भेजते हैं। अकाउंट होल्डर से लिंक पर क्लिक करने के साथ ही जो ओटीपी जनरेट हो उसे शेयर करने के लिए कहते हैं। जैसे ही अकाउंट होल्डर ओटीपी बताता है, वैसे ही उसके अकाउंट से ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं।

ओटीपी के जरिए ठगी

साइबर सेल के मुताबिक, 20 फीसदी से ज्यादा केसों में ओटीपी के जरिए लोगों के अकाउंट से ठगी की गई है। हालांकि साइबर सेल और बैंकों के जरिए लगातार लोगों को ये जानकारी दी जाती है कि वह अपने बैंक से संबंधी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें। बावजूद इसके लोग अकाउंट की जानकारी के साथ ही मोबाइल पर आने वाला ओटीपी तक ठगों के साथ शेयर कर ठगी का शिकार बन जाते हैं।

नौकरी और लॉटरी का लालच

साइबर सेल के मुताबिक ठगो द्वारा 15 फीसदी केसेज में नौकरी दिलाने और लॉटरी निकलने के नाम पर लोगों से ठगी की है।

यह बातों का रखें ध्यान

अपने अकाउंट से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी शेयर न करें।

अपने एटीएम पिन, क्रेडिट कार्ड पिन की जानकारी भी किसी को साझा न करें।

बैंक अधिकारी बनकर कॉल करने वालों को कुछ न बताएं और पुलिस को सूचित करें।

किसी भी तरह के फेक एसएमएस पर ध्यान न दें। फेसबुक मैसेंजर पर एसएमएस भेजकर पैसे मांगे जाते हैं, इस पर भी ध्यान न दें।

किसी भी तरह की नौकरी देने वाले के झांसे में न आएं और एकाउंट में पैसा ट्रांसफर न करें।

नए-नए ऑफर कमेटी का लालच देकर ठग एकाउंट में पैसे डलवाते है, इन पर भी ध्यान न दें।

लोन कराने के नाम पर भी ठग कॉल करते हैं, प्रोसेसिंग फीस के नाम पर एकाउंट में पैसे डलवाते है, इनसे भी बचें।

साइबर सेल की टीम के द्वारा लगातार ऑनलाइन ठगी के मामलों में खुलासे किए जा रहे हैं। अब तक ऑनलाइन ठगी के मामले में 59 केसों को सॉल्व कर दिया गया है। जो केस पेंडिंग चल रहे है उन पर भी वर्क चल रहा है, जल्द ही उनको भी हल कर दिया जाएगा।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ