ऋण समझौते पर हुए एडीबी के साथ हुए हस्ताक्षर

Meerut। अत्याधुनिक एवं हाई-स्पीड 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर बनाने के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत के बीच मंगलवार को 500 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर हो गए। यह 500 मिलियन डॉलर कुल 1 अरब डॉलर के ऋण की पहली किस्त है। इस कॉरिडोर से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बेहतर होने के साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आवाजाही काफी बढ़ जाएगी।

लोन से होगा स्टेशनों का निर्माण

ऋण की पहली किस्त से विद्युतीकृत पटरियों, सिग्नलिंग प्रणालियों, मल्टीमोडल हब और स्टेशनों के निर्माण में किया जाएगा। स्टेशन कुछ इस तरह से बनाए जाएंगे जिससे वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों को काफी सहूलियत होगी। इसके तहत टीओडी, वीसीएफ के प्रपत्रों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) से जुड़ी पहलों पर कार्य योजनाएं तैयार करने, स्मार्ट-प्रौद्योगिकी आधारित प्लेटफॉर्म की स्थापना करने और महिला-पुरुष अनुकूल कार्यस्थल नीति तैयार करने में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को भी आवश्यक सहयोग दिया जाएगा।

180 किमी प्रति घंटा

दिल्ली- मेरठ आरआरटीएस के लिए मिले इस ऋण राशि की पहली किस्त से एनसीआर क्षेत्रीय योजना 2021 के तहत प्राथमिकता के आधार पर बनाये जाने वाले तीन रेल कॉरिडोर में से पहले कॉरिडोर के निर्माण के लिए आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। एनसीआर क्षेत्रीय योजना 2021 के तहत दिल्ली को आसपास के राज्यों के अन्य शहरों से कनेक्ट किया जाएगा। इस ऋण से दिल्ली मेरठ 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर की डिजाइनिंग कुछ इस तरह से की जाएगी कि इस पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ पाएंगी और प्रत्येक 5-10 मिनट पर इसके फेरे होंगे।

सराय काले खां से मोदीपुरम

यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को उत्तर प्रदेश के मेरठ के मोदीपुरम से जोड़ेगा। इस कॉरिडोर से सफर में लगने वाला समय काफी घटकर लगभग 1 घंटा रह जाने की उम्मीद है। जबकि अभी इसमें 3-4 घंटे लगते हैं। आरआरटीएस में मल्टीमॉडल हब होंगे, ताकि परिवहन के अन्य साधनों के साथ इंटरचेंज या उपयोग अत्यंत आसानी से संभव हो सके।

एडीबी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए फंडिंग पैकेज को साइन कर इस प्रोजेक्ट में अपनी विश्वसनीयता को दिखाया है। इस लोन हम तेजी से काम को पूरा करते हुए बेहतरीन सíवस देने का प्रयास करेंगे।

विनय कुमार सिंह, एमडी एनसीआरटीसी