महीने भर में ही 24 मरीजों में डेंगू की पुष्टि, बढ़ रहे मरीज

विभाग के दावे फेल, कागजों में ही सिमट कर रह गए जागरूकता अभियान

24 मरीजों में अब तक डेंगू की पुष्टि हो चुकी हैं।

2 मरीज सितंबर में जबकि 22 मरीज अक्टूबर में मिले हैं।

3 टीमें कर रही हैं शहर भर में डेंगू लार्वा की जांच

2 सदस्य हर टीम में शामिल हैं।

2-2 टीमें सीएचसी और पीएचसी पर तैनात की गई हैं।

- 180 से अधिक नोटिस वर्ष 2018 में और 163 करीब नोटिस विभाग की ओर से घर और आफिस में डेंगू लार्वा मिलने पर दिए गए थे।

- 12 से अधिक टीमें एंटी लार्वा स्प्रे करने के लिए तैनात की गई हैं।

Meerut । कोविड-19 संक्रमण ने स्वास्थ्य विभाग की जड़ें हिला दी हैं। अब वेक्टर बॉर्न डिजीज की मार भी शुरु हो गई है। जिले में डेंगू का कहर बरसना शुरु हो गया है। महीने भर में ही 24 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। बावजूद इसके हेल्थ डिपार्टमेंट और हॉस्पिट्ल्स तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। वैक्टर बॉर्न डिजीज से जंग लड़ने वाला जिला मलेरिया विभाग खुद ही मैन पॉवर और संसाधनों को लेकर संकट झेल रहा है। नाकाफी इंतजामों के बीच एक साथ बढ़े मरीजों की संख्या ने बीमारियों से निपटने की तैयारियों को लेकर विभाग के दावों की पोल खोल दी है। जबकि स्थिति ये है कि बीमारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।

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अस्पतालों में नहीं हैं इंतजाम

वेक्टर बॉर्न डिजीज को लेकर अस्पताल भी पूरी तरह से सजग नहीं हैं। वार्ड तैयार करने से लेकर दवाइयों व स्टॉफ तक टोटा है। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज दोनों में डॉक्टर्स की कमी है। मरीजों की मदद के लिए हेल्प डेस्क तक नहीं है, जबकि शासन विशेष तौर पर इन्हें तैयार कराने के निर्देश दिए थे। इनका उद्देश्य मरीजों को डेंगू जैसी बीमारियों के प्रति पूरी जानकारी देना और इलाज दिलवाने में मदद करना है

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डेंगू है खतरनाक

डेंगू का बुखार तीन तरह का हो सकता है। इसमें क्लासिकल डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है। डेंगू हॅमरेजिक और डेंगू शॉक सिंड्रोम खतरनाक हो सकते हैं। इसके लिए सावधानी और अलर्ट की जरूरत होती है। मच्छर के काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है

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ऐसे करेंगे बचाव

- डेंगू के बारे में स्कूली बच्चे ऑनलाइन एक्टिविटीज के जरिए जागरूकता फैलाएंगे।

- स्वास्थ्य विभाग की ओर से संगोष्ठी आयोजित होंगी।

- डेंगू व चिकनगुनिया रोगियों के लिए 10 से 20 बैड रिजर्व रखे जाएंगे।

- ओपीडी में आने-वाले मरीजों, पर्चे, अत्यधिक मरीजों, परिजनों की अत्याधिक आवाजाही वाले स्थान पर डेंगू कंट्रोल बैनर चस्पा किए जाएंगे।

- नगर मलेरिया अधिकारी व नगर निगम अधिकारी डेंगू संभावित क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाएंगे।

- जिला मलेरिया विभाग की ओर से कूलर व कंटेनर सर्वे होगा

बीते साल में मिले मरीज

डेंगू

साल- मरीज

2020- 24

2019- 20

2018-153

2017- 660

2016- 183

2015- 307

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कई इलाकों पर रहेगी नजर

जिला मलेरिया विभाग के अनुसार पिछले सालों में मिले डेंगू के मरीजों के आधार पर इलाकों की मैपिंग करवाई जाएगी। इसमें ऐसे इलाकों को चिंहित किया गया है जहां डेंगू के मरीज अधिक पाए गए थे। विभागाधिकारियों के अनुसार इन इलाकों में वैक्टर बॉर्न डिजीज का खतरा अधिक है।

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यहां मिले हैं मरीज

सूरजकुंड रोड

देवलोक कॉलोनी

संजय नगर

शिवहरी मंदिर कॉलोनी, मलियाना फाटक

सरधना ब्लॉक

साबुन गोदाम

न्यू मोहनपुरी

गंगानगर

शास्त्रीनगर

सेक्टर-9 शास्त्रीनगर

गुप्ता कॉलोनी

सुभाष बाजार

पोहली

मवाना रोड

ललसाना

गोविंदपुरी कंकरखेड़ा

मवाना

पकली, सरधना ब्लॉक

तेज विहार रोहटा रोड

सरूरपुर ब्लॉक

मोमन सरधना ब्लॉक

बुढाना गेट

ानू तहसील

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डेंगू के लक्षण

- तेज बुखार

- डायरिया

- सिर में तेज दर्द, भूख न लगना

- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द

- स्किन में जलन, लाल चक्कते पड़ना

-गले में सूजन, बॉडी में रेशेज

ऐसे करें बचाव

- हर हफ्ते कूलर, बाल्टी, कंटेनर आदि का पानी बदलें।

- साफ पानी के बर्तन ़ढंककर रखें

- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।

- रात में सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें

- बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें

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ह न करें

- नालियों, बर्तन, कूलर, टायर, गमलों में पानी स्टोर न होने दें।

- घर के आसपास कूड़ा इकट्ठा न होने दें।

- बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी प्रकार की दवा न लें

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वैक्टर बॉर्न डिजीज से बचाव के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस दौरान हमने पूरी कोशिश की है सभी को इनसे बचाव के बारे में बताया जा सके। वर्कशॉप भी कंडक्ट कराई जा रही है। आशा और एएनएम को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। अगर कहीं कोताही बरती जा रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी।

डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ।