Meerut प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र के बाद एक बार फिर मेरठ के देसी कैंची उद्योग को उम्मीद के पंख लग गए हैं। लेकिन देसी कैंची की धार पर पिछले कुछ सालों से लगातार चाइनीज कैचियों का वार हो रहा था जिसके चलते देश के लोकल मार्केट से अपनी देशी कैंची खत्म होती जा रही थी और सस्ती होने के कारण चाइनीज कैंची ने पकड़ बना ली थी। अब भारतीय जवानों की मौत के बाद एक बार फिर चाइना बैन के खिलाफ उठी आवाज से कैंची कारोबारियों की उम्मीद दोगुना हो गई है। ऐसे में प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और लोकल में वोकल के मंत्रा को सफल बनाने के लिए कैंची कारोबारी अब चाइनीज कैंची के आयात पर बैन लगाने के साथ साथ कैंची उद्योग को बढ़ावा देने की मांग कर रहे हैं। उद्यमियों को कहना है कि यदि कैंची इंडस्ट्रीज को सरकार की तरफ से सुविधाएं मिलनी चाहिए ताकि देसी कैंचिंयों का उत्पादन बढे।

चाइनीज कैंची से घटा कारोबार

गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में भारतीय मार्केट में चाइनीज कैंची ने अपने सस्ते दाम के कारण पैंठ बढाते हुए देसी कैंची के कारोबार को बहुत नुकसान पहुंचाया है। जिसके चलते देसी कैंची का 40 से 50 करोड़ सालाना कारोबार अब 20 से 25 करोड़ तक सीमित रह गया है। वहीं पिछले तीन साल में मेरठ में 280 से अधिक कैंची यूनिट चाइनीज कैंची के बढ़ते बाजार के कारण घटकर 175 रह गई। ऐसे में जरुरी है कि चाइनीज कैंची के इंपोर्ट पर बैन लगे ताकि अपने देसी कैंची को बढ़ावा मिले।

चाइनीज बैन

चाइनीज कैंची के इस कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कैंची कारोबारियों ने अब चाइनीज बैन का समर्थन करते हुए सरकार को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन देते हुए कैंची कारोबार को आर्थिक मदद देने की मांग की है। इनमें निम्न मांग शामिल हैं

ये हैं मांगे

- जीएसटी रेट कम किया जाए

- नई यूनिट लगाने के लिए लोन कम ब्याज पर मिले या एक साल बिना ब्याज के मिले

- एक्सपोर्ट हाउस की शहर में स्थापना की जाए ताकि विदेशों तक हमारी इंडियन कैंची जाए

- कैंची की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई मशीनों के लिए फंड दिया जाए

- कैंची कारीगरों के लिए हेल्थ फेसलिटी दी जानी चाहिए

कैंची कारोबार लगातार चाइनीज कैंची के आयात को बैन करने की मांग कर रहा है। इससे अपने देश के लोकल कारोबार को काफी नुकसान हो रहा है। अगर सरकार कारोबारियों की मदद करे तो हम लोकल को ही ग्लोबली हिट कर भारत की कैंची को देश विदेश में प्रसिद्ध कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए कैंची कारोबारियों को सरकार से कुछ मदद चाहिए।

शरीफ अहमद, मेरठ सीजर एसो। अध्यक्ष

लगातार सरकार से मांग की जा रही है कि चाइनीज कैंची हमारी देसी कैंची के कारोबार को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे सरकार के राजस्व का नुकसान तो हो रही रहा है साथ ही साथ सालों पुराने इस काम से जुडे कारीगर भी बेरोजगार हो रहे हैं। हम सक्षम हैं तो हमारे उद्योग को बढ़ावा देकर देश में ही उत्पादित कैंची का ही प्रयोग होना चाहिए।

सईद अहमद

कैंची कारोबारियों को लगातार चाइनीज कैंची से नुकसान हो रहा था अब लॉक डाउन से इस कारोबार को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में हम सरकार की आर्थिक मदद के बिना प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को सच नही कर सकते हैं। हम आत्मनिर्भर तभी बनेंगे जब चाइना जैसे देश से इंपोर्ट बंद हो और अपने देश में उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।

-शुएब सैफी