कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर रहे ललित भाटी को नोएडा एसटीएफ और मेरठ ईओडब्ल्यू ने मवाना से पकड़ा

3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में अब तक 17 आरोपी हो चुके गिरफ्तार, पांच अभी भी फरार

Meerut। 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में गíवत इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के निदेशक ललित भाटी को भी ईओडब्ल्यू मेरठ और एसटीएफ नोएडा की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया। ललित पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद से ललित फरार चल रहा था। मंगलवार को ललित को मवाना की शिवनागर यूनिवíसटी के पास से पकड़ा लिया गया। अब तक इस मामले में 17 आरोपी जेल जा चुके हैं। पांच आरोपी अभी फरार चल रहे है। जिन पर पचास हजार रूपये का इनाम है। ईओडब्लू का दावा है जल्द ही इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

ये है मामला

ईओडब्ल्यू के एएसपी राम सुरेश यादव और एसटीएफ के सीओ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि बताया कि मवाना के सैदीपुर का रहने वाला ललित भाटी पुत्र चतर 2011 में आईंसीएस कंपनी में बतौर एमआर पद पर काम करता था। इसके बाद आयुर्वेदिक कंपनी आईएमसी में 2016 से 2018 तक काम किया। दोनों कंपनियों में ललित का काम देखकर वीरेंद्र मलिक ने अपने जीजा करणपाल से मुलाकात कराई। किरण पाल कंपनी में डायरेक्टर पद पर थे। इसी बीच आईसीएस कंपनी ने ललित भाटी का स्थानांतरण मध्य प्रदेश में कर दिया था। तभी वीरेंद्र के जरिए ललित गुर्जर ने जीआईपीएल कंपनी में एक बाइक लगाई थी, जिसका रिटर्न समय से मिलता रहा। कुछ माह बाद तीन बाइक लगाई। उसके बाद मार्च 2018 में मवाना में फलावदा रोड पर स्थिति अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर 32 बाइक लगा दी, जिनका रिटर्न तीन लाख 12 हजार प्रतिमाह आने लगा। उसके बाद ललित के कार्य से कंपनी के निदेशक संजय भाटी खुश हुए। संजय ने ललित भाटी को तीन करोड़ रुपये का सालाना टारगेट दिया। ललित के द्वारा टारगेट पूरा करने पर उसे कंपनी का एडिशनल डायरेक्टर बना दिया गया। साथ ही फॉरच्यूनर कार गिफ्ट की गई, जो फिलहाल नोएडा पुलिस के कब्जे में है। उस समय ललित ने मवाना एरिया से काफी लोगों की मोटी रकम कंपनी में लगवा दी थी। इसी बीच कंपनी ने इलेक्ट्रोनिक्स बाइक लांच की, जिसमें एक बाइक की कीमत 62,100 से बढ़ाकर एक लाख 24 हजार कर दी गई। उसके बाद रकम लगाने वाले लोग नाराज हुए और उन्होंने अपनी रकम वापस मांग ली। इतना ही नहीं, निवेशकों ने ललित के घर पर भी तोड़फोड़ कर दी थी। उसके बाद संजय भाटी ने ललित को प्रमोशन का लालच दिया। इसी बीच पता चला कि कंपनी भागने की फिराक में है, तभी ललित गुर्जर ने इस्तीफा दे दिया था।

ढाई लाख लगाए थे

बाइक बोट में पल्लवपुरम के रहने वाले अनुराग शर्मा ने तीन बाइक के ढाई लाख रूपये इंवेस्ट किए थे। उन्होंने बताया कि कुछ दिन तक तो पेमेंट आया, उसके बाद पेमेंट आना बंद हो गया था। जिसके बाद उन्हें मुकदमा दर्ज कराने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने भी नोएडा में जाकर मुकदमा लिखवाया था।