इन दिनों शहर के सभी प्रमुख मार्गो पर चल रहे विकास कार्य

सड़कों की खुदाई के कारण आवागमन में हो रही दिक्कत

सीवर, पुलिया और रैपिड रेल के कारण शहर में बिगड़ी व्यवस्थाएं

Meerut। शहर में इन दिनों विकास कार्य चल रहा है, जिसके कारण शहर की खास सड़कें खुदी पड़ी हैं। जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारियों की मानें तो कुछ दिनों की मुश्किलों के बाद शहर के हालात सुधर जाएंगे। कहा जा रहा है कि शहरवासियों को समस्याओं के बाद सुविधाएं भी मिलेंगी। दरअसल, सड़क किनारे कहीं मेट्रो और रैपिड रेल का कार्य चल रहा है। इसके अलावा कहीं बीच सड़क में सीवर लाइन भी बिछाई जा रही है। साथ ही शहर के प्रमुख बाजारों में नालों के ऊपर पुलिया तोड़कर नई पुलिया और नालों की दीवार बनाई जा रही है। हालत यह है कि एक साथ इतने सारे निर्माण कार्यो के चलते शहर में यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। जाम के साथ-साथ बरसात के दौरान कीचड़ के बीच से लोगों को निकलना पड़ रहा है, लेकिन यह सब कुछ दिन की परेशानी है जब ये सब काम पूरा हो जाएगा तो शहर की कई ऐसे प्रमुख समस्याएं हमेशा के लिए दूर हो जाएंगी जिनसे अभी हमें आए दिन जूझना पड़ता है।

1- सीवर लाइन: अभी समस्या, फिर सुविधा

सीवर योजना को मिलेगा 'अमृत'

86 किमी सीवर लाइन बिछानी है अमृत योजना के तहत

2018 जनवरी में एलसी इंफ्रा प्रा। लिमिटेड ने शुरू किया था कार्य

104 करोड़ की लागत से इस योजना को करना है पूरा

2020 दिसंबर तक इस योजना को करना है पूरा

40 फीसदी ही कार्य हो चुका है बीते 11 माह में

120 करोड़ रुपये का है कुल प्रोजेक्ट, वर्क कंस्ट्रक्शन के लिए 94 करोड़ रुपये निर्धारित हैं।

17 करोड़ रुपये जल निगम को मिल चुके हैं अमृत योजना के तहत

यहां चल रहे कार्य

शहर की जलनिकासी दुरुस्त करने के लिए सीवर लाइन दुरुस्त हो रही है।

86 किमी सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है।

शहर में जोन छह के अंतर्गत सीवर लाइन बिछाने का चल रहा कार्य

नौचंदी, जयदेवीनगर, कैलाशपुरी, किदवई नगर में सीवर लाइन बिछाई गई

फिलहाल ढबाई नगर,हापुड़ रोड, बिजली बंबा, लोहियानगर में चल रहा कार्य

हापुड़ रोड पर सीवर लाइन का कार्य

हापुड़ रोड पर कमेला पुलिस चौकी से नौचंदी मैदान तक और एल ब्लॉक तिराहे से बिजली बंबा तक के बीच सीवर की मुख्य पाइप बिछाने का कार्य जारी है। करीब 5 किमी तक के दायरे में मुख्य सड़क को खोदकर सीवर लाइन बिछाई जा रही है। छह माह से हापुड़ से आने जाने वाले लोग रोजाना जाम, धूल मिटटी और कीचड़ के कारण परेशान हो रहे हैं।

नहीं होगा जलभराव

सीवर पाइप लाइन कमेला नाला पुल से शास्त्रीनगर, जागृति विहार होते हुए सीधे काली नदी किनारे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचेगी।

सीवर लाइन चालू होने के बाद कमेला जोन की सभी कॉलोनियों को जलभराव से नहीं जूझना पड़ेगा।

साथ ही सीवर का गंदा पानी भी खुले में नहीं बहेगा।

2 - नाला निर्माण : बदल रही सूरत

25 करोड़ से बदल रही नालों की सूरत

25 करोड़ का बजट 14वें राज्य वित्त आयोग से जारी किया गया

6 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की गई थी अवस्थापना निधि में

31 करोड़ का बजट मिल रहा है तकरीबन नालों के निर्माण के लिए

21 नालों के निर्माण एवं मरम्मत की तैयारी है निगम की ओर से

इनकी होगी मरम्मत

बड़े नालों में ओडियन नाला, मोदीपुरम फ्लाईओवर से डोरली गंदे नाले तक, कंकरखेड़ा में शोभापुर नाला, ब्रह्मपुरी से भूमिया पुल तक, जानवरों के अस्पताल से हंस चौराहे तक रोहटा रोड सरस्वती विहार से नंद विहार कालोनी, बागपत रोड फ्लाई ओवर से मलियाना होते हुए मंडी परिषद तक, कृष्णा नगर से डोरली पुल तक, नूरनगर पुलिया से सरस्वती लोक तक और दिल्ली रोड के नाले का कार्य शामिल हैं।

पुलिया का हो रहा निर्माण

जलभराव का प्रमुख कारण नालों की साफ सफाई और जलनिकासी ना होना भी है इस समस्या के निजात के लिए नगर निगम कई नये आरसीसी नालों का निर्माण, पुलिया निर्माण का काम करा रहा है। इसके तहत शहर में भूमिया पुल नाला, खैर नगर पुलिया, सूरजकुंड पुलिया आदि को ऊंचा कराया जा रहा है।

दूर होगी दिक्कत

इसमें सबसे प्रमुख ओडियन नाले पर सीवर लाइन और दीवार बनाने का काम चल रहा है। गुजरात की कंपनी एलसी इंफ्रा ओडियन नाले की पटरी पर लगभग पांच किलोमीटर सीवर बिछा रही है.यहां 1800 मिमी। और 150 मिमी की 86 किलोमीटर सीवर लाइन डाली जानी है। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक छोटे-छोटे ऐसे नाले शामिल किये गये हैं जो जर्जर अवस्था में है। इनमें खैरनगर और सूरजकुंड पुलिया पर भी काम जा रही है।

जलनिकासी के लिए नालों की सफाई बहुत जरुरी है। कई पुराने इलाकों में नालों की पुलिया इतनी नीची है कि वहां से पानी निकल नही पाता है। इसलिए नालों की पुलिया से लेकर नालों की दीवार का निर्माण कराया जा रहा है।

ब्रजपाल सिंह, अपर नगरायुक्त

करीब 86 किमी सीवरलाइन डाली जानी है इसका काम तेजी से कराया जा रहा है। इससे जलनिकासी की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। काम पूरा होने के बाद सड़क की मरम्मत भी कराई जाएगी। लेकिन इसमें समय लगेगा।

विनय रावत, प्रोजेक्ट मैनेजर अतिरिक्त निर्माण इकाई, जल निगम।

3- रैपिड रेल : लगाए जा रहे लाल निशान

आसानी होगी जिंदगी

रैपिड और मेट्रो परियोजना को एक बार फिर से रफ्तार दी जा रही है।

मेरठ में बेगमपुल पर बनाए जाने वाले रैपिड/मेट्रो के स्टेशन इंटरचेंज की तरह कार्य करेंगे।

इन्हीं परियोजनाओं के मद्देनजर बेगमपुल और गढ़ रोड पर सड़क से 12 फीट अंदर तक लाल निशान लगाए गए।

हालांकि इसको लेकर व्यापारियों में खलबली है।

व्यापारियों का कहना है कि अगर बेगमपुल पर मेट्रो या रैपिड के स्टेशन से व्यापार प्रभावित होगा।

दिल्ली से मेरठ तक चलने वाली रैपिड रेल में मेट्रो को चलाने का प्रस्ताव भी शामिल है।

यह मेट्रो मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक चलेगी। जबकि शहर में जाम को खत्म करने के लिए कंकरखेड़ा से गोकुलपुर तक मेट्रो चलाने का प्लान है।

तेजी से चल रहा काम

दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) से आने वाले दिनों में हजारों लोगों का रोजाना का सफर बेहद आसान होगा। आरआरटीएस कॉरीडोर के निर्माण ने रफ्तार पकड़ ली है। मेरठ में भी काम में तेजी आ रही है। जिसके चलते मेरठवासियों को थोड़ी परेशानी हो सकती है। आने वाले दिनों में यह थोड़ी परेशानी बड़ी राहत लेकर आएगी। फिलहाल मेरठ में परतापुर फ्लाईओवर से लेकर मेवला फ्लाईओवर तक रोड वाइडनिंग का काम शुरू हो रहा है। जिसके चलते सड़कों के किनारे पेड़ों का कटान हो रहा है। इसके साथ-साथ करीब 8 किमी के एरिया में दिल्ली रोड पर पाइल लोड टेस्टिंग के मद्देनजर सड़क को कवर किया गया है। लोगों को आने-जाने में बेशक परेशानी हो रही होगी किंतु यह परेशानी बड़ी राहत लेकर आने वाली है।

प्री कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू

केंद्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 4 रैपिड स्टेशन और कॉरीडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं मेरठ में प्री कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू हो गया है।

2023 तक पूरा होगा फ‌र्स्ट कॉरीडोर

एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि कॉरीडोर के फ‌र्स्ट फेस में करीब 17.50 किमी के बीच साहिबाबाद से दुहाई तक 4 रैपिड स्टेशन्स के बीच सिविल वर्क आरंभ हो गया है। फ‌र्स्ट फेस को 2023 तक पूर्ण कर दिया जाएगा। परियोजना को पूरा करने का वास्तविक लक्ष्य 2025 है।

रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम

82 किलोमीटर लंबाई

रैपिड रेल की औसत गति 160 किमी प्रति घंटा है।

दिल्ली से मेरठ का सफर 1 घंटे (60 मिनट) में तय कर सकेंगे।

दिल्ली से मेरठ के बीच सफर का टिकट 165 रुपए।

16 स्टेशन

6 अतिरिक्त स्टेशन मेरठ में

22 कुल स्टेशन

32,000 करोड़ अनुमानित लागत

2023 निर्माण का लक्ष्य, योजना पूर्ण होने का वास्तविक लक्ष्य 2025.

गाजियाबाद में 4 स्टेशन्स के बीच कॉरीडोर का निर्माण कार्य और रैपिड स्टेशन्स बनना शुरू हो गया है। इसके साथ ही मेरठ में प्री कंस्ट्रक्शन वर्क, जैसे-रोड वाइडनिंग, पाइल लोड टेस्टिंग आदि शुरू किया जा रहा है। तय समय सीमा तक आरआरटीएस को पूरा कर लिया जाएगा।

सुधीर कुमार शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी