-आरटीआई एक्ट का सर्वाधिक जुर्माना डीआईओएस पर

-डीएम, कमिश्नर आदि ने भी अदा नहीं किया जुर्माना

Meerut । मेरठ के आला अफसरों पर सरकार का 37 लाख रुपये का जुर्माना है। इन बकाएदारों में अव्वल डीआईओएस साहब हैं, अकेले सरकार का 4 लाख 25 हजार रुपए दबाए बैठे हैं। दूसरे नंबर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी हैं, इन्होंने 3.50 लाख रुपये का जुर्माना अदा नहीं किया है।

इन पर जुर्माना

नरेश कुमार की आरटीआई का जवाब न देने पर जन सूचना अधिकारी आयुक्त/कमिश्नर पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका गया था। वहीं, एडीशनल कमिश्नर ने भी 50 हजार रुपये अदा नहीं किए हैं। महेंद्र पाल को सूचना न देने पर जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने भी 25 हजार रुपये का जुर्माना अदा नहीं किया है। मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने तो कमाल कर दिया। उपाध्यक्ष, सचिव, टाउन प्लानर पर वही 4.30 लाख की वसूली है। राज्य सूचना आयोग ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना न देने पर मेरठ के विभिन्न विभागों के 148 आलाधिकारियों पर 37 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। मुख्य सूचना आयुक्त के शिकंजे के बाद साहब को वसूली के लिए जिला प्रशासन ने नोटिस भेज दिया है।

10 बड़े बकाएदार

डीआईओएस-4.50 लाख

समाज कल्याण अधिकारी-3.50 लाख

पीवीवीएनएल-2.75 लाख

सचिव, एमडीएम-2.50 लाख

संयुक्त शिक्षा निदेशक-1.75 लाख

नगर नियोजक, एमडीए-1.75 लाख

संयुक्त शिक्षा निदेशक-1.75 लाख

बेसिक शिक्षा अधिकारी-1.50 लाख

एसएसपी मेरठ-1.25 लाख

जन सूचना अधिकारी, सीसीएसयू-1.25 लाख

इनके अलावा

सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि विवि-1.25 लाख

वसूली के लिए नोटिस जारी

बीते दिनों मुख्य सूचना आयुक्त राजकेश्वर सिंह ने गत दिवस जिला प्रशासन को जुर्माना अदा न करने वाले सभी 148 जन सूचना अधिकारियों से वसूली के आदेश दिए थे। एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र ने सभी को जुर्माना अदा करने के लिए नोटिस भेजा है।

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सभी 148 जन सूचना अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना अदा करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा राज्य सूचना आयोग के आदेश पर पेंडिंग केस के निपटारे के निर्देश भी जन सूचना अधिकारियों को दिए गए हैं।

-दिनेश चंद्र, एडीएम, प्रशासन

इन्होंने भी नहीं दिया जुर्माना

एसपी ग्रामीण ने जुर्माने का 50 हजार, जिला पूर्ति अधिकारी ने 25 हजार, कमिश्नर/एडीशनल कमिश्नर ने 75 हजार, जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने 25 हजार रुपये का जुर्माना अदा नहीं किया है। आरएम सोहराबगेट डिपो ने 25 हजार, बाल विकास परियोजना अधिकारी मवाना ने 75 हजार, जिला सहायक निबंधन सहकारिता ने 50 हजार रुपये, एएसपीजी कॉलेज मवाना के प्रिंसिपल ने जुर्माने का 25 हजार रुपये अदा नहीं किया है। गंगा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता ने 25 हजार, इकरामिया जनता जूनियर हाईस्कूल परीक्षितगढ़ ने 25 हजार, अपर निदेशक स्वास्थ्य ने 25 हजार, जन सूचना अधिकारी जिला अस्पताल ने 75 हजार रुपये, अवर अभियंता, विद्युत उपकेंद्र हस्तिनापुर ने 25 हजार रुपये, अनूपशहर गंगनहर के अधीक्षण अभियंता ने जुर्माने का 1.25 लाख रुपये अदा नहीं किया है। सहायक शिक्षा निदेशक ने 25 हजार, एमडीए के वित्त नियंत्रक ने 25 हजार, रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक ने 25 हजार, मुख्य अभियंता गंगा सिंचाई ने 25 हजार, क्षेत्रीय सचिव माध्यमिक शिक्षा ने 50 हजार, नगर पालिका मवाना ने 25 हजार, अधिशासी अभियंता निनवि ने 75 हजार, उप संचालक चकबंदी ने 25 हजार, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ने 25 हजार, नगरायुक्त ने 50 हजार, जिला पंचायत राज अधिकारी ने 25 हजार, एसडीएम मवाना ने 25 हजार रुपये, एसडीएम सरधना ने 25 हजार रुपये अदा नहीं किया है। कुल 148 जन सूचना अधिकारियों पर सरकार का 37 लाख रुपये बकाया है।