1100 कॉलेजों में यूजी के फ‌र्स्ट इयर के स्पो‌र्ट्स कोटे में छह हजार सीटे हैं

124 ही खिलाड़ी चयनित हुए हैं तीन दिन में ट्रायल में

25 ग‌र्ल्स और 99 ब्वॉयज का हो सका है चयन

सीसीएसयू में चल रहे स्पो‌र्ट्स कोटे से यूजी के डायरेक्ट एडमिशन

साल - खिलाड़ी

2019 - 400

2018 - 530

2017- 621

Meerut। मेरठ की यूनिवर्सिटी को खोजने पर भी 9 जिलों के 11 सौ कॉलेजों से यूजी के फ‌र्स्ट इयर के स्पो‌र्ट्स कोटे की छह हजार सीटों पर खोजने पर भी खिलाड़ी नही मिल रहे है। ऐसे में यूनिवर्सिटी ट्रायल के बावजूद भी खिलाड़ी नहीं मिले हैं, हालांकि यूनिवर्सिटी व संबंधित कॉलेजों में सीटों को भरने के लिए विभिन्न तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही खिलाडि़यों को बुलाने के लिए लगातार स्टेडियम में भी लेटर भेजे जा रहे है। इसके बावजूद भी खिलाड़ी नहीं मिल पा रहे हैं। देखने में आया है कि खिलाड़ी अब मेरठ के कॉलेजों में एडमिशन में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

कल तक एडमिशन

गौरतलब है कि 22 नवंबर से ही खिलाडि़यों के लिए यूनिवर्सिटी में ट्रायल किया गया था। इसमें मेरठ व सहारनपुर मंडल के खिलाड़ी पहुंचे थे, चयनित कॉलेज में दो दिसंबर तक संपर्क करते हुए एडमिशन करवा सकते है। स्टूडेंट को ट्रायल में चयनित कॉलेज का ही ऑफर लेटर मिला है, दो दिसंबर के बाद कोई प्रवेश नहीं होगा, अभी तक यही सोचा जा रहा था लेकिन अब सीटों के अनुसार ट्रायल देने वालों की संख्या पर व ट्रायल में पास होने वालों की संख्या पर गौर किया जाए तो वो तो सीटों का पांच फीसदी हिस्सा भी नहीं भर पाएगा, ऐसे में मजबूरी में यूनिवर्सिटी को दोबारा से ट्रायल कराना पड़ेगा, बताया जा रहा है कि खिलाडि़यों को जागरुक करने के लिए हर कॉलेज में स्टेडियम में अभियान चलाए जा रहे है, सभी को नाम व मोबाइल नम्बरों के डाटा लेकर उनको एसएमएस भेजकर जागरुक किया जा रहा है।

सिर्फ 20.16 फीसदी भागीदारी

ट्रायल में सफल खिलाडि़यों में मात्र 25 ग‌र्ल्स हैं जो महज 20.16 फीसदी हैं.79.84 फीसदी स्टूडेंट हैं.सफल खिलाडि़यों में से 94 बीए में एडमिशन लेंगे जबकि 18 बीकॉम में। छह-छह खिलाड़ी बीएससी और बीएससी एजी में। कुल 124 खिलाडि़यों में से 36 सामान्य वर्ग से हैं और सर्वाधिक 73 ओबीसी से। एससी से 37 और एसटी से चार खिलाड़ी ट्रायल में सफल रहे हैं। प्रोवीसी प्रो। वाई विमला ने बताया कि स्पो‌र्ट्स के स्टूडेंट कम आए हैं हो सकता है एक बार ट्रायल कराया जाए।

निकल चुके है कई खिलाड़ी

मेरठ कॉलेज से पढ़े राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खिलाडि़यों में प्रवीण कुमार, सीमर रिजवी जैसे नाम रहे हैं, वहीं सीसीएसयू से कुश्ती में अलका तोमर जो इंटरनेशनल खिलाड़ी रही अब कोच है। मेरठ से ही हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद रहे है, वो अक्सर एनएएस के मैदान पर खेला करते थे। उनके निर्देशन में कॉलेज के कई खिलाड़ी निकले, वही एनएएस कॉलेज से पढ़कर निकले लेफ्टिनेंट जनरल सुमित कुमार हो या फिर ब्रिगेडियर राजेश मोहन, वहीं मोहम्मद नईम व प्रमोद बाटला भी यही के स्टूडेंट रहे हैं, इसके साथ ही ओलंपियन रोमियों जेम्स और एनपी सिंह एनएएस के ही हॉकी खिलाड़ी रहे है, इसके साथ ही कॉलेज से क्रिकेट में रफीउल्ला और उनके भाई वीसउल्ला ने रणजी में सफर पूरा किया है। इतने सारे खिलाड़ी मेरठ से निकल चुके है, लेकिन इसके बावजूद भी यहां खोजने पर भी खिलाड़ी नही मिल रहे है।

ये है कारण

अधिकतर खिलाड़ी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन करा लिए है

कई खिलाडि़यों ने तो इंटर के बाद ग्रेजुएशन में एडमिशन नहीं लिया है।

कुछ खिलाडि़यों को कोरोना काल के चलते आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए पढ़ाई बीच में छोड़ी है।

कुछ खिलाड़ी जो स्टेडियम में थे वो केवल खेलों पर ही फोकस करना चाह रहे है पढ़ाई पर नहीं

कुछ खिलाडि़यों को प्राइवेट स्टडी करने पर ही विश्वास है क्योंकि उनको अपने खेल में ध्यान देना है।

इस साल है कम खिलाड़ी

अगर पिछले साल की बात करे तो 2019 में सीसीएसयू व संबंधित कॉलेजो में टोटल 400 खिलाडि़यों का एडमिशन हुआ था, वहीं 2018 में ये संख्या 530 खिलाड़ी थे, 2017 में खिलाडि़यों की संख्या 621 थी, तीनो ं सालों का आंकड़ा देखा जाए तो लगातार खिलाडि़यों की संख्या लगातार कम होती जा रही है, ये कहा जा सकता है खिलाड़ी एडमिशन लेने में लगातर रुचि नहीं ले रहे है।

सर्वाधिक खिलाड़ी वाले कॉलेज

मेरठ कॉलेज मेरठ 41

एनएएस मेरठ 18

एमएमएच गाजियाबाद 15

एसडी कॉलेज मुजफ्फरनगर 11

डीएवी कॉलेज बुलंदशहर 09

एएस कॉलेज लखावटी 07

एनआरईसी कॉलेज खुर्जा 06

डीएन कॉलेज मेरठ 04

खिलाडि़यों के अनुसार टॉप स्पो‌र्ट्स

कबड्डी 26

शूटिंग 16

एथलेटिक्स 14

वालीबॉल 09

खो-खो 07

नहीं हुआ सिलेक्शन

जो खिलाड़ी ट्रायल के लिए पहुंचे उनमें काफी अनफिट होने के कारण ट्रायल में सिलेक्ट नहीं हो पाए , नियमों के तहत उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया, वैसे भी इसबार काफी कम ही खिलाड़ी ट्रायल के लिए पहुंचे है, शायद जागरुकता की कमी रही होगी, हम सभी खिलाडि़यों को एसएमएस के जरिए जागरुक कर रहे है।

प्रो। वाई विमला प्रोवीसी, सीसीएसयू