जलभराव का कारण बन रही मेरठ में नालों की गंदगी

हर साल कोशिश के बाद भी निगम नही रोक पा रहा जलभराव

बडे़ नालों की सफाई, छोटे नाले गंदगी से अटे, कैसे रुकेगा जलभराव

Meerut। हर साल की तरह इस साल भी नगर निगम बरसात से पहले नालों की सफाई में जुट गया है। नालों की सफाई जारी है लेकिन इसकी रफ्तार बेहद धीमी है। इसके अलावा पहले अभी तक केवल शहर के बडे़ नालों की सफाई हो रही है जबकि छोटे नाले गंदगी से अटे हुए हैं जबकि हर साल बरसात में इन छोटे नालों के कारण ही अधिकतर क्षेत्रों में जलभराव होता है। ऐसे में मानसून तक नालों की सफाई पर संशय बना हुआ है। हालांकि निगम ने अपनी सारी मशीनरी को नालों की सफाई में लगा दिया है रोजाना नालों की सिल्ट निकाली भी जारी है लेकिन जलभराव के लिए शहर के छोटे नालों और नालों में बहने वाली गंदगी काफी हद तक प्रमुख कारण बनती है।

जलभराव का प्रमुख कारण

मेरठ शहर में छोटे-बड़े 350 नाले हैं, जिनमें 14 बड़े नाले जलनिकासी की प्रमुख संरचना में आते हैं।

इनमें ओडियन, आबूनाला एक, आबूनाला दो, कोटला नाला, मोहनपुरी नाला, पांडव नगर नाला, दिल्ली रोड नाला आदि की सफाई प्रतिदिन करानी पड़ती है

इन प्रमुख नालों की केवल बरसात से पहले ही हर साल सफाई होती है जो हर साल जलभराव का कारण बन जाता है

पुराने शहर की संकरी गलियों में बने छोटे नाले इन बडे़ नालों मे पानी लेकर जाते हैं लेकिन पुराने शहर में ही छोटे नालों की पूरी तरह सफाई नही होती है

स्वच्छता उपविधि 2018 के तहत नगर निगम में नाले में कचरा डालने और गोबर बहाने पर जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन गंदगी फैलाने वालों यह कार्रवाई नहीं होती है

नालों को कचरा मुक्त करने का कभी अभियान भी नहीं चलाया जाता। इन्हीं कारणों से हर साल शहर में जलभराव की स्थिति बनती है

शहर में जगह जगह नालों का अधर में निर्माण, कई क्षेत्रों में जलनिकासी की व्यवस्था का ना होना

जलभराव की स्थान

इस साल जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए नगर निगम ने शहर में 2 दर्जन से अधिक स्थान चिंहित किए हैं इन स्थानों पर निगम जलभराव दूर करने का प्रयास करेगा। इसके लिए निगम योजना बनाने में जुट गया है।

पूर्वा शेखलाल

भगवतपुरा,

गोला कुआं

समरगार्डन

मीनाक्षीपुरम

मलियाना फाटक

आईआईए भवन

मोहकमपुर

कुंडा

नूर नगर पुलिया

पाल धर्मशाल

पल्लवपुरम फेज वन

रुडकी रोड

भीम सिंह नगर थाना रोड

बागपत रोड

फुटबाल चौक

मकबरा डिग्गी

जाटव गेट पुलिस चौकी

ब्रहमपुरी

जसवंत शुगर मिल के पास

शोभापुर

शेखपुरा

किशनपुरा रोड

गोलाबड़

भोला रोड

नई सड़क भोलेश्वर मंदिर

माधवपुरम खत्ते के पास

बेगमबाग दुर्गा मंदिर

यशोदाकुंज

जेल चुंगी लाल क्वार्टर

यह हैं बड़े नालों के हालात

ओडियन नाला

इस नाले में बागपत रोड, जैन नगर, घंटाघर, कोटला, ब्रह्मपुरी, लिसाड़ी रोड, लिसाड़ी गेट, जाकिर कॉलोनी, इस्लामनगर, शास्त्री नगर, जागृति विहार आदि क्षेत्रों से गुजर रहे छोटे नालों का गंदा पानी गिरता है। ओडियन नाला आर्मी क्षेत्र से होते हुए ईदगाह चौराहा, भूमिया का पुल, कांच का पुल, हापुड् रोड, पुराना कमेला, शास्त्रीनगर जागृति विहार होते हुए यह नाला काली नदी में गिरता है। हर साल ओडियान नाले के आसपास के इलाके जलभराव से जूझते हैं। लेकिन इसके बावजूद अभी तक ओडियान नाले की सफाई हापुड़ रोड स्थित पुराना कमेला पुलिया तक हो पाई है।

आबू नाला प्रथम

यह नाला कंकरखेड़ा क्षेत्र के लाला मोहम्मद पुर से छावनी क्षेत्र, बेगमपुल, मोहनपुरी, फूलबाग कॉलोनी, मंगलपांडे नगर, शास्त्रीनगर, जागृति विहार से होते हुए काली नदी तक पहुंचता है। नगर निगम ने पिछले माह बेगमपुल से इस नाले की सफाई शुरू की थी। अभी तक मंगलपांडे नगर तक ही सफाई हो पाई है।

आबूनाला द्वितीय

पावली खास से रोशनपुर डौरली, कसेरूखेड़ा, गंगानगर, किला रोड से होते हुए काली नदी तक पहुंचने वाले इस नाले को आबू नाला द्वितीय नाम दिया गया है। इसमें रोशनपुर, डौरली, रुड़की रोड, मोदीपुरम, पल्लवपुरम, छावनी क्षेत्र, कसेरूखेड़ा और गंगानगर आदि क्षेत्रों की कॉलोनियों का गंदा पानी गिरता है। नाले की सफाई अभी तक कसेरूखेड़ा तक ही हुई है, एक बड़ा हिस्सा अभी भी गंदगी से अटा पड़ा है।

सुभाषनगर नाला

शहर के पुराने इलाकों में शामिल सुभाषनगर की बात करें तो हर साल सुभाषनगर की संकरी गलियां बरसात में जलमगन रहती हैं। सुभाषनगर के मेन नाले के अंडर ग्राउंड होने के कारण उसकी सफाई 32 साल से अधिक समय से नही हुई है। सुभाष नगर के दो मेन नालों की सफाई ना हो पाने के कारण बरसात के बाद पानी गलियों से निकलने के बजाए घरों तक में भी जाता है। निगम हर साल इन नालों की सफाई का दावा करता है लेकिन एनएएस कालेज के बराबर वाले खुले नाले की सिल्ट निकालकर खानापूíत कर दी जाती है जबकि गुलमर्ग के सामने वाले अंडर ग्राउंड नाले की सफाई ना होने से आधे से अधिक वार्ड जलभराव की समस्या से जूझता है।

निगम की तैयारी

शहर के तीन प्रमुख नालों की मैनुअल सफाई आउट सोर्स से कराई जाएगी

नालों की सफाई के लिए पोर्क लेन मशीन समेत जेसीबी को लगाकर सफाई कराई जा रही है

इसके अलावा शहर के छोटे नालों से रोजाना सिल्ट निकालकर सफाई जारी है

जलभराव वाले क्षेत्रों को चिंहित कर वहां पंपिंग सेट लगाने के निर्देश हैं

कसेरूखेड़ा समेत नालों की दीवार की मरम्मत जारी है

रोजाना हो रही सफाई

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। गजेंद्र सिंह ने बताया कि नालों की सफाई के लिए निगम की मशीनरी को लगाया हुआ है। मिनी और बड़ी पोर्कलेन मशीन नालों से सिल्ट निकालने में जुटी हुई है रोजाना सात से आठ नाले साफ हो रहे हैं। इसके अलावा तीन प्रमुख नालों की मैनुअल सफाई के लिए टेंडर निकाला गया है। सुभाषनगर भैंसाली बस डिपो के पीछे नाले की मैनुअल सफाई होगी।