वायरल फीवर जैसे लक्षण, जांच में नहीं निकल रही बीमारी

7 से 10 दिन की मियाद पूरी कर ठीक हो रहा बुखार

Meerut। शहर में कोरोना संक्रमण की स्थिति में इन दिनों बुखार काफी चिंताजनक है। अधिकतर मरीज इसकी चपेट में हैं। वहीं डेंगू, मलेरिया जैसे बुखार भी मरीजों को जकड़ रहे हैं, इनके बीच में रहस्यमयी बुखार से लोग बेहाल हैं। वायरल की तरह होने वाले इस बुखार के कारणों की पुष्टि किसी जांच में नहीं हो पा रही है। शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में काफी मरीज ऐसे भी पहुंच रहे हैं।

जांच में नहीं आते वायरस

मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। अमित गर्ग कहते हैं कि हवा, पानी में कई तरह के वायरस होते है। ये ह्यूमन बॉडी में जाकर बीमारी पैदा करते है। ऐसे कई वायरस हैं जिनकी जांच में पुष्टि नहीं होती है या जिन पर स्टडी नहीं हुई है। ये अपनी साइकिल पूरी करने के बाद खुद ठीक हो जाते हैं।

ये है स्थिति

अस्पतालों की जांच लैब में कोविड-19 के अलावा दूसरी बीमारियों की हो रही जांच

डेंगू, चिकिनगुनिया, स्वाइन-फ्लू, टायफाइड, निमोनिया, वायरल जैसे टेस्ट भी शामिल

200-250 सैंपल कोविड के अलावा दूसरी जांचों के भी पहुंच रहे

कुछ ही मरीजों में इन बीमारियों की पुष्टि हो रही है।

हर दिन 4 से 5 हजार लोगों के सैंपल की जांच हो रही है।

70 प्रतिशत सैंपल बुखार, खांसी या वायरल इंफेक्शन जैसे लक्षणों के आधार पर जांच किए जाते हैं

हेल्थ डिपार्टमेंट करा चुका है स्टडी

लक्षणों के बाद भी किसी स्पेसिफिक बुखार की पुष्टि न होने को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित रहता है। हर साल इस तरह के सैकड़ों केस अस्पतालों में पहुंचते हैं। विभाग इस पर स्टडी भी करा चुका है। 2019 में हुई एक स्टडी के अनुसार एक साल में करीब 71 हजार मरीजों में रहस्यमयी बुखार के लक्षण मिले थे। सभी मरीजों में वायरल बुखार रहा जबकि लैब जांच में कोई बीमारी सामने नहीं आई। फीवर ऑफ एनोन ओरिजिन (अज्ञात कारणों से हुए बुखार) की ये रिपोर्ट विभाग ने शासन को भी भेजी थी ।

सप्ताह भर तक चल रहा बुखार

कोविड-19, डेंगू जैसे बुखारों से अलग होने वाला ये रहस्यमयी बुखार हफ्ते भर से लेकर 10 दिन तक मरीज को अपनी गिरफ्त में रखता है। यहां तक कि दवाइयां भी इस पर बहुत असरदार साबित नहीं हो रही है। दवाइयों के साथ बुखार सप्ताह भर की मियाद पूरी होने के बाद ही उतर रहा है। इस दौरान मरीज के हाथ पैरों में दर्द, बदन दर्द, चिड़चिड़ापन, जोड़ों में दर्द, चक्कर आना, थकान, भूख में कमी और उल्टियां, आंखे लाल जैसे लक्षण बने रहते हैं।