करीब 1000 लोगों का डाटा, 4-5 से ज्यादा नहीं तैयार,
रेडक्रॉस सोसाइटी की ओर से लगातार की जा रही कोशिश
Meerut। कोविड-19 इलाज के लिए डॉक्टर क्रिटीकल मरीजों को लगातार प्लाज्मा थेरेपी सजेस्ट कर रहे हैं, लेकिन मरीजों के परिजन हैरान-परेशान हैं। वजह, उन्हें इस थेरेपी के लिए डोनर्स नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि रेडक्रॉस सोसाइटी की ओर से डोनर्स को जागरूक करने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही है, बावजूद उसके लोग प्लाज्मा देने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
यह है मामला
रेडक्रॉस सोसाइटी के काउंसलर बताते हैं कि लोगों में जागरूकता का काफी अभाव है। प्लाज्मा न देने की सबसे बड़ी वजह डोनर्स में दोबारा कोरोना संक्रमित हो जाने का डर है। जबकि कुछ डोनर्स अपनी फैमिली के लिए प्लाज्मा सेव करना चाहते हैं। वहीं कुछ बीमार होने की बात कहकर मना कर दे रहे हैं। ऐसे में प्लाजमा डोनर मिलना मुश्किल होता जा रहा है। काउंसलर का कहना है कि दिन में कई लोगों को प्लाज्मा डोनेशन के बारे में बताया जाता है, लेकिन फिर भी कोई खास आउटपुट नहीं मिल पा रहा है।
ये हैं अहम कारण
कोरोना काल में अस्पताल जाने का डर।
फैमिली के लिए रिजर्व करना चाहते हैं प्लाज्मा।
बीमारी या कमजोरी होने का खतरा।
सैकड़ों डोनर्स का डेटाबेस
प्यारेलाल जिला अस्पताल में बनी रेडक्रॉस सोसाइटी में प्लाज्मा डोनर्स को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सोसाइटी के पास करीब 1000 लोगों का डाटा है, जो पूर्व में कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। मगर अभी तक बमुश्किल चार-पांच लोग भी प्लाज्मा डोनेट करने के लिए तैयार हो पाए हैं। काउंसलर का कहना है कि उनके पास हर दिन 5 से 6 कॉल पर प्लाज्मा की डिमांड की जाती हैं लेकिन डोनर न होने की वजह से आगे मदद नहीं हो पाती।
नहीं होता नुकसान
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ। कौशलेंद्र बताते हैं कि प्लाज्मा डोनेट करने से कोई नुकसान नहीं होता है। कोरोना निगेटिव होने के 14 दिन बाद ही प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। इससे शरीर में कोई नुकसान नहीं होता है। उन्होंने बताया कि पहले डोनर का एलिजा टेस्ट करवाना जरूरी होता है। इसके बिना प्लाज्मा डोनेट नहीं किया जा सकता क्योंकि इस टेस्ट के जरिए शरीर में एंटी बॉडी का लेवल पता किया जाता है। पर्याप्त मात्रा में एंटी बॉडी होने पर ही प्लाज्मा लिया जाता है
ये लोग कर सकते हैं प्लाज्मा डोनेट
जो कोरोना वायरस से रिकवर हो चुका हो।
अगर रिकवर होने के बाद नेगेटिव रिपोर्ट नहीं है तो 28 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट किया जा सकता है।
प्लाज्मा डोनर की उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच में होनी चाहिए।
डोनर का वजन 55 किलो से अधिक होना चाहिए ।
डोनर का प्लेटलेट काउंट 1.5 लाख से कम नहीं होना चाहिए।
सिरम प्रोटीन 6 ग्राम परसेंट से कम नहीं होना चाहिए।
प्रेग्नेंट लेडी प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकती है।
डोनर का हीमोग्लोबिन 12 से अधिक होना चाहिए
प्लाज्मा डोनेट करने के लिए यहां करें संपर्क
9897702395
9454416684
रेडक्रॉस सोसाइटी
लोगों में जागरूकता नहीं है, इस वजह से ज्यादा लोग प्लाज्मा डोनेट नहीं कर रहे हैं। हम लोगों को समझाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।
सतेंद्र कुमार, अध्यक्ष, रेडक्रॉस सोसाइटी