मेरठ ब्यूरो। मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन नालों की सफाई न होने से शहर के कई इलाकों में हालात नाजुक हैं। बारिश में सड़कों पर जलभराव हो गया है। यही नहीं, नालों से निकली सिल्ट ने और ज्यादा मुसीबत बढ़ा दी है। इसके अलावा जगह-जगह नालों की बाउंड्रीवॉल भी टूटी है। इस कारण बारिश में नालों की पानी सड़क पर आ जाता है। नालों की इसी समस्या को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने डूबेगा कि बचेगा कैंपेन की शुरूआत की थी। इसके तहत शहर के नालों की हालत को जांचा परखा है। सोशल मीडिया पर कराया सर्वे शहर में हालत यह है कि जरा सी बारिश होते ही नाले का पानी सड़क पर उतराने लगता है। कई जगह तो नालों की फेसिंग और बाउंड्री वॉल बनाने का कार्य अभी तक अधूरा है। इस मुद्दे पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोशल मीडिया पर सर्वे कराया। इसमें सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर पर 200 शहरवासियों ने पार्टिसिपेट किया। सड़कों पर सिल्ट का अंबार ऐसे में निगम ने शहर में घनी आबादी के बीच से गुजर रहे छोटे-बड़े 257 नालों में हर साल हादसों में लोग जान गंवा देते हैं। आगामी 30 जून तक नालों की तल्लीझाड़ सफाई होनी है। लेकिन जून माह के अंतिम सप्ताह तक भी अधिकतर नालों की हालत जस की तस बनी हुई है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी हरपाल सिंह ने बताया कि नालों की सफाई लगातार जारी है। रोजाना जेसीबी लगाकर सिल्ट निकाली जा रही है।

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क्या शहर में नालों की बाउंड्रीवॉल सही न होने से सड़कों पर जलभराव होता है।

हां- 85 नहीं- 10 पता नहीं- 5

क्या बरसात के पहले नालों की साफ-सफाई दुरुस्त कराई गई है

हां- 77 नहीं- 13 पता नहीं- 10

क्या नालों की सफाई के बाद सड़कों पर सिल्ट फैलाने से मुसीबत बढ़ जाती है।

हां- 92 नहीं- 5 पता नहीं- 3

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सड़क पर जलभराव भी होता है। बाउंड्रीवॉल न होने से सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था भी गड़बड़ा जाती है। नालों में अक्सर हादसे होते रहते हैं। तनसीर सैफी नालों की सफाई न होने से सड़कों पर बारिश के दिनों में जलभराव हो जाता है। इससे लोगों को आवाजाही में दिक्कत होती है। प्रतीक कंसल शहर में ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है। नालों के निर्माण में ही तकनीकि खामी है। बाउंड्रीवॉल न होने से सड़कों पर पानी भर जाता है। डॉ। रवींद्र राणा नालों की सफाई को लेकर सिर्फ कागजी कार्रवाई की गई है। जरा सी बात होने पर नालों का पानी सड़कों पर आ जाता है। मानसून सत्र में भी हालत दयनीय है। हिमांशु माथुर