मेरठ, (ब्यूरो)। गौरतलब है कि शहर सीमा क्षेत्र में अपनी संचालन आयु पूरी कर चुके पेट्रोल और डीजल वाहनों को संचालन से रोकने के लिए परिवहन विभाग को सीज कर जब्त करने का अधिकार है। वहीं, विभाग की ओर से ऐसे वाहनों पर कार्रवाई भी की जाती है। हालांकि, विभाग इन वाहनों को जब्त नही कर पाता है।

नहीं है जगह
दरअसल, परिवहन विभाग के पास अपनी कोई ऐसी जगह नही है जहां इन वाहनों को रखा जा सके। शहर के अधिकतर थानों में पुलिस की ओर से जब्त वाहनों की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है कि वहां पहले से ही जगह फुल है। ऐसे में आरटीओ के वाहनों को खड़ा करना परेशानी बन चुका है। अब इस समस्या के निस्तारण के लिए अपनी आयु पूरी कर चुके पुराने वाहनों के निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड का निर्माण किया जाएगा। जहां जब्त किए गए ऐसे वाहनों का रखा जाएगा।

3 हजार वर्ग मीटर जमीन की मांग
डंपिंग यार्ड के लिए शुक्रवार को आरटीओ विभाग की टीम ने नगर निगम में संपत्ति अधिकारी राजेश सिंह से मिलकर डंपिंग यार्ड बनाने के लिए जमीन की मांग की। इसके लिए परिवहन विभाग ने कम से कम 3000 वर्ग मीटर जगह की मांग की है जिस पर डंपिंग यार्ड बनाया जाएगा। इस डंपिंग यार्ड का निर्माण परिवहन विभाग द्वारा किया जाएगा।

पुराने वाहनों की होगी नीलामी
इस संबंध में एआरटीओ कुलदीप सिंह ने बताया कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का एनसीआर में संचालन प्रतिबंधित है। इन वाहनों को सरेंडर कराने की प्रक्रिया वाहन मालिक की ओर से होती है, लेकिन इसके बाद भी वाहन मालिक सरेंडर कराने के बजाए वाहन संचालित करते रहते हैं। अब ऐसे वाहनों को जब्त करके डंपिंग यार्ड में रखा जाएगा इसके बाद निर्धारित समय पर उनकी नीलामी कर दी जाएगी। डंपिंग यार्ड के लिए नगर निगम जमीन जितनी जल्दी मुहैया करा देगा डंपिंग यार्ड का काम उतनी जल्दी शुरू हो जाएगा।


जमीन नगर निगम को मुहैया करानी है। डंपिंग यार्ड का निर्माण परिवहन विभाग कराएगा। इसके लिए जमीन की तलाश शुरु कर दी गई है।
- राजेश कुमार, संपत्ति अधिकारी