मेरठ (ब्यूरो)। अष्टमी तिथि नौ अप्रैल शनिवार के दिन पड़ रही है। इसे दुर्गा अष्टमी भी कहते हैं। पंडित श्रीधर त्रिपाठी एवं डॉ। दिनेश दत्त शर्मा के अनुसार अष्टमी तिथि की शुरुआत आठ अप्रैल को रात 11 बजकर पांच मिनट से हो रही है। इसका समापन नौ अप्रैल की देर रात एक बजकर 23 मिनट पर होगा। अष्टमी का शुभ मुहूर्त नौ को दोपहर 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन करना शुभ रहेगा।

आज होगा घरों में पूजन
घरों में भी कन्या पूजन के लिए तैयारियां की गई हैं। एक दिन पहले बाजारों में कन्याओं को उपहार देने के लिए लोग खरीदारी करते मिले। आज हलवा, पूड़ी-चने का प्रसाद व दक्षिणा देकर कन्याओं का पूजन किया जाएगा। शहर के काली मां के मंदिर, दुर्गा प्राचीन मंदिर, दुर्गा बाड़ी मंदिर, मां अन्नपूर्णा के मंदिर, मां शाकुंभरी देवी मंदिर, मंसा देवी मंदिर व गोल मंदिर में सजावट की गई है। काली मंदिर में आज रात विशेष आरती व चौकी का आयोजन किया गया है। सेवक गोल्डी ने बताया कि सुबह कन्या पूजन 11 बजे किया जाएगा। वहीं, दुर्गा प्राचीन मंदिर में सेवक अमित ने बताया कि मंदिर में हवन व कन्या पूजन किया जाएगा। जिसके बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

ऐसे करें कन्या पूजन
-अष्टमी के दिन कन्या पूजन करने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें।
-इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।
-कन्या पूजन के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की नौ कन्याओं और एक बालक को घर पर बुलाएं।
-कन्याओं को बैठने के लिए आसन देकर उनके पैर धोएं।
-कन्याओं के रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाकर उनके हाथ में मौली बांधें।
-अब कन्याओं और बालक को दीपक दिखाकर आरती उतारने के बाद उन्हें यथाशक्ति भोग लगाएं। आमतौर पर कन्या पूजन के दिन कन्याओं को खाने के लिए पूड़ी, चना और हलवा दिया जाता है।
-भोजन के बाद कन्याओं को यथाशक्ति भेंट और उपहार देकर उनके पैर छूकर विदा करें।