मेरठ (ब्यूरो)। आरटीओ में जितने ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैैं, उससे ज्यादा सड़क पर दौड़ रहे हैैं। हालांकि केवल रजिस्टर्ड की बात करें तो 18 हजार ई-रिक्शा हैैं। मगर क्या आप जानते हैैं कि इन ई-रिक्शा की बैटरी अवैध रूप से चार्ज की जाती हैं और इस अवैध चार्जिंग के जरिए हर दिन बिजली विभाग को करीब 20 लाख का चूना लगाया जा रहा है। अगर इसमें पूरे जिले में अवैध रूप से संचालित करीब 40 हजार ई-रिक्शा की चार्जिंग के आंकड़े को भी जोड़ दिया जाए तो प्रतिदिन बिजली चोरी का आंकड़ा करीब 65 लाख को पार कर जाएगा। ये खुलासा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ। मगर पीवीवीएनएल का विजिलेंस विभाग इन चार्जिंग स्टेशन पर लगाम नहीं कस पा रहा है।

हर माह छह करोड़ की चोरी
दरअसल, ई-रिक्शा में 12-12 वोल्ट की 4 बैटरी (48 वोल्ट) होती हैं। इन्हें चार्ज करने के लिए कम से कम 10 से 12 घंटे का समय लगता है। इसमें करीब 16 यूनिट बिजली खर्च होती है। शहर में दौड़ रहे 18 हजार ई-रिक्शा प्रतिदिन करीब 2 लाख 88 हजार यूनिट बिजली खपत करते हैं, जो 7 रुपये प्रति यूनिट की दर से 20 लाख 16 हजार रुपये की बैठती है। यानी हर महीने करीब छह करोड़ 48 लाख और हर साल करीब 72 करोड़ 57 लाख 60 हजार की बिजली चोरी हो रही है। यहां सवाल ये भी है कि जब वैध ई रिक्शा चार्जिंग स्टेशन हैं ही नहीं हैं, तो रजिस्टर्ड ई रिक्शा कहां चार्ज होंगे।

चले रहे अवैध चार्जिंग स्टेशन
परिवहन विभाग के आंकडों पर नजर डालें तो शहर में करीब 18 हजार से अधिक ई रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। लेकिन इससे अलग शहर में करीब 40 हजार ई रिक्शा अवैध रूप से शहर की सड़कों पर संचालित हो रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि हजारों की संख्या में सड़कों पर दौड़ रहे इन ई रिक्शा की चार्जिंग के लिए शहर में कहीं कोई कर्मिर्शयल व्यवस्था तक नहीं है। ऐसे में शहर में अवैध रूप से संचालित चार्जिंग स्टेशनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

यहां फल-फूल रहे अवैध चार्जिंग स्टेशन
ई-रिक्शा सर्विस कमर्शियल गतिविधि के अंतर्गत आती है। इन्हें कमर्शियल कनेक्शन के जरिए ही चार्ज किया जा सकता है। लेकिन ई-रिक्शा को अवैध चार्जिंग स्टेशनों पर चोरी-छिपे चार्ज किया जा रहा है। शास्त्रीनगर, लिसाड़ीगेट, गढ़ रोड व सरायकाजी में कई जगाहों पर अवैध रूप से चार्जिंग स्टेशन संचालित किए जा रहे हैैं।

एक इलाके में कई-कई चार्जिंग स्टेशन
1. लिसाड़ीगेट
2. गढ़ रोड
3. शास्त्रीनगर
4. सरायकाजी

100 से 150 रुपये फीस
चार्जिंग स्टेशन प्रति ई रिक्शा 100 से 150 रुपए तक चार्जिंग फीस वसूलते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने देखा कि शास्त्रीनगर में ई रिक्शा रिपेयरिंग सेंटर में चार्जिंग का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है। यही हाल गढ़ रोड स्थित रिपेयरिंग सेंटर पर देखने को मिला। जहां 20 से 22 ई रिक्शा एक साथ चार्ज किए जा रहे थे। गढ़ रोड पर सराय काजी में भी एक चार्जिंग स्टेशन पर ई रिक्शा बैटरी स्वैपिंग का काम किया जा रहा था।

बना था एक चार्जिंग स्टेशन
शहर की यातायात जरूरतों और प्रदूषण से ध्यान में रखते हुए पांच साल पहले पीवीवीएनएल ने पहल करते हुए यूनिवर्सिटी रोड स्थित 33 केवी बिजलीघर में एक चार्जिंग स्टेशन बनवाया था। तत्कालीन एमडी अभिषेक प्रकाश ने इसका शुभारंभ किया था। इस स्टेशन पर चार्जिंग के लिए 50 रुपये प्रति ई-रिक्शा के हिसाब से शुल्क रखा गया था। लेकिन उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे बंद करा दिया था। इसके बाद से बिजली विभाग लगातार ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन बनाने के इच्छुक लोगों को कनेक्शन लेने के लिए आमंत्रित कर रहा है, लेकिन कोई आगे नहीं आता।

फैक्ट्स एक नजर में
12-12 वोल्ट की 4 बैटरी (48 वोल्ट) होती हैं ई-रिक्शा में
10 से 12 घंटे का समय लगता है इन्हें चार्ज करने में
16 यूनिट बिजली खर्च होती है रोजाना एक ई रिक्शा को चार्ज करने में
58000 से अधिक ई-रिक्शा हो रहे संचालित
18000 से अधिक ई रिक्शा परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड
2 लाख 88 हजार यूनिट करीब प्रतिदिन खपत होती है चार्जिंग में
7 रुपये प्रति यूनिट की दर से करीब 20 लाख 16 हजार रुपये की बिजली चोरी होती है रोजाना
06 करोड़ 48 लाख रुपये करीब की बिजली चोरी होती है हर माह
72 करोड़ 57 लाख 60 हजार करीब की बिजली चोरी होती है सालाना
100 से 150 रुपए प्रति ई-रिक्शा चार्जिंग का शुल्क
112 रुपये प्रति ई-रिक्शा को चार्ज करने में आता है बिजली खर्च
20 लाख करीब की रोजाना बिजली चोरी हो रही अवैध चार्जिंग से
2 से 3 लाख रुपए हर माह हो रही चार्जिंग स्टेशन संचालकों की कमाई

गत दिनों तीन ई रिक्शा चार्जिंग स्टेशनों पर छापेमारी कर लाखों रुपए का जुर्माना वसूला गया था। अभी हाल में ही एक कमर्शियल कनेक्शन ई रिक्शा चार्जिंग के लिए लिया गया है। यदि लोग सहयोग करें तो अवैध चार्जिंग स्टेशन पर कार्रवाई कर उन्हें बंद किया जाएगा।
विजय पाल, एक्सई, पीवीवीएनएल