करीब 10 साल से चल रही कवायद हुई पूरी, अब नगर निगम करेगा रखरखाव

शताब्दीनगर और लोहियानगर आवासीय योजनाओं का नहीं हुआ हैंडओवर

प्राधिकरण इन कॉलोनियों में आंतरिक विकास कार्य के लिए निगम को देगा 79 करोड़

Meerut। मेरठ विकास प्राधिकरण की 8 कॉलोनियां बुधवार को नगर निगम को हैंडओवर कर दी गई हैं। एमडीए सभागार में दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। गत 3 माह से चल रही मैराथन कार्यवाही के बाद हैंडओवर की प्रक्रिया को पूर्ण किया गया।

ये कॉलोनियां हुई हैंडओवर

प्राधिकरण की रक्षापुरम, गंगानगर, वेदव्यासपुरी, मेजर ध्यानचंद्र नगर, सैनिक विहार, श्रद्धापुरी, पांडव नगर और डिफेंस एन्क्लेव 8 कॉलोनियों को बुधवार नगर निगम को हैंडओवर कर दिया गया। एमडीए सभागार में आयोजित एक बैठक में प्राधिकरण और नगर निगम, दोनों विभागों के बीच विभिन्न प्रस्तावों को लेकर समझौता पत्र पर साइन हुए। एमडीए के उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय और नगरायुक्त डॉ। अरविंद कुमार चौरसिया की मौजूदगी में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इस दौरान दोनों विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

प्राधिकरण देगा 79 करोड़

एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि सभी 8 कॉलोनियों के हैंडओवर के साथ ही प्राधिकरण नगर निगम को 79 करोड़ रुपए का भुगतान करेगा। यह रकम प्राधिकरण, नगर निगम को किश्तों में अदा करेगा। बता दें कि गत दिनों चली बैठकों के बाद तय हुआ कि एक संयुक्त कमेटी सभी कॉलोनियों का सर्वे करेगी और कॉलोनियों में आंतरिक और बाह्य विकास कार्य के लिए एक इस्टीमेट बनाया जाएगा। यह धनराशि प्राधिकरण, नगर निगम को देगा जिससे कि नगर निगम इन कॉलोनियों की बदहाली को दूर करेगा। कॉलोनियों में सड़क, पार्क, नाले-नालियां आदि नगर निगम को हैंडओवर किए गए हैं, वहीं अब इन कॉलोनियों में रखरखाव और साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी।

शताब्दीनगर-लोहियानगर हैंडओवर नहीं

मेरठ विकास प्राधिकरण की शताब्दीनगर और लोहियानगर दो आवासीय योजनाएं अभी नगर निगम को हैंडओवर नहीं की गई हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बताया कि यह कॉलोनियां अभी इनकंपलीट हैं। ऐसे में हैंडओवर की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकती थी। वहीं दोनों कॉलोनियों में बड़े पैमाने पर ऐसी संपत्ति है जिसकी बिक्री होनी है। ऐसे में एक बार कॉलोनी के हैंडओवर होने के बाद इन कॉलोनियों में प्राधिकरण संपत्ति की बिक्री नहीं कर पाता। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही इन दोनों कॉलोनियों को भी नगर निगम को सौंपा जाएगा। संयुक्त बैठक के दौरान एमडीए के चीफ इंजीनियर दुर्गेश श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता पीपी सिंह समेत नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे।

यह एक महत्वपूर्ण फैसला है, इससे शहर के विकास को गति मिलेगी। अभी तक प्राधिकरण पूंजी और मैन पॉवर के साथ इन कॉलोनियों के मेंटीनेंस में उलझा रहता था। कॉलोनियों के हैंडओवर होने से अब प्राधिकरण नई योजनाओं पर कार्य कर पाएगा। एमडीए और नगर निगम के अधिकारियों के प्रयास से यह महत्वपूर्ण निर्णय हो सका।

राजेश कुमार पाण्डेय, उपाध्यक्ष, एमडीए

25 आवंटियों को दिलाया कब्जा

एमडीए उपाध्यक्ष के निर्देशन में चलाए गए अभियान के दौरान बुधवार को गंगानगर एक्सटेंशन के 25 आवंटियों को प्लाट पर कब्जा दिला दिया गया। योजना में लगाए गए कैंप के दौरान इस प्रक्रिया को पूर्ण किया गया। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बताया कि गंगानगर एक्सटेंशन को किसानों के कब्जे से मुक्त कराकर आवंटियों को आवंटित भूभाग पर कब्जा दिलाया जा रहा है। बता दें कि आवंटी सालों से कब्जे की मांग को लेकर प्राधिकरण के चक्कर काट रहे थे। वहीं उपाध्यक्ष ने यह भी बताया कि आगामी 5 फरवरी को आवंटियों की सहूलियत के लिए प्राधिकरण परिसर में ही एक मेगा रजिस्ट्री कैंप का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें ऐसे आवंटियों की संपत्ति की तत्काल रजिस्ट्री कराई जाएगी जिन्होंने संपत्ति की निर्धारित कीमत अदा कर दी है।