मेरठ (ब्यूरो)। शहरभर में जर्जर और झुके हुए बिजली के खंभे कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैैं। बावजूद इसके इन खंभों बदला नहीं जा रहा। ऐसा नहीं है कि बिजली विभाग के इसके लिए कोई योजना नहीं है। योजना है और वो भी करीब 92 करोड़ की। जिसके तहत विभाग द्वारा बिजली लाइन को भूमिगत करने का दावा किया जाता है। मगर शहरभर के अलग-अलग इलाकों में जर्जर और झुके हुए बिजली के खंभे इसी दावे को खारिज कर रहे हैं। गणेशपुरी के स्थानीय निवासी भी सोशल मीडिया पर इसी समस्या के निस्तारण की मांग कर रहे हैैं।

सोशल मीडिया पर शिकायत
गत वर्ष हापुड़ रोड पर जर्जर बिजली का खंभा गिरने से एक राह चलते युवक की मौत हो गई थी। हालांकि जर्जर पोल गिरने के कारण यह कोई नया मामला नहीं है। इसके बाद और इससे पहले भी हर माह शहर में ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं। लेकिन बिजली विभाग इसको लेकर सजग नहीं है। एक तरफ विभाग द्वारा 945 किमी बिजली लाइन को भूमिगत करने का दावा किया जाता है तो दूसरी तरफ शहरभर के अलग-अलग इलाकों में झुके हुए बिजली के जर्जर पोल इस दावे को खारिज कर रहे हैं। इसी समस्या को लेकर गणेशपुरी के स्थानीय निवासी भी सोशल मीडिया पर आवाज उठा रहे हैं।

33 हजार केवी की लाइन
पुराने शहर की तंग गलियों में बिजली के खंभों की स्थिति अत्याधिक खराब है। ऐसी कोई गली या मोहल्ला नहीं होगा, जहां जर्जर या झुके हुए बिजली के खंभे ना दिख जाएं। इन खंभों को देखकर यह लगता है कि किसी भी समय गिर सकते हैं। ऐसी स्थिति पुराने शहर के प्रमुख गणेश पुरी मोहल्ला की खत्ता रोड पर पिछले दो दिन से बनी हुई है। जहां मेन रोड पर एचटी लाइन के बिजली के दो खंभे तारों के साथ बीच सड़क पर झुके हुए हैं। जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं क्योंकि इनसे होकर 33 हजार केवी की लाइन गुजर रही है।

ट्वीट से नहीं पड़ा फर्क
इस समस्या के कारण हादसे की संभावना को देखते हुए 5 जनवरी को स्थानीय पार्षद नाजरीन शाहिद अब्बासी ने एसडीओ को पत्र लिखकर खंभे को सीधा कराने की मांग की गई थी। साथ ही गणेशपुरी के स्थानीय नागरिक चांद मोहम्मद ने ट्वीट कर पीवीवीएनएल को समस्या की जानकारी भी दी थी। लेकिन अभी तक खंभों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

योजना अधर में
बिजली के हवा में लटके तार और बिजली के खंभों का लोड कम करने के लिए विभाग ने दो साल पहले बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने की योजना तो बनाई थी लेकिन योजना अब तक अधर में अटकी हुई है। इस योजना के तहत पीवीवीएनएल की लगभग 1500 किमी भूमिगत लाइन डालने का प्लान बनाया था। इस योजना में एलटी, एचटी और 33 केवी लाइनों को भूमिगत किया जा रहा है। इस योजना के तहत मेरठ में करीब 954 किमी क्षेत्र में विद्युत लाइन को भूमिगत किया जाना है।

इन क्षेत्रों में अंडरग्राउंड लाइन की दरकार
हापुड़ रोड, वैली बाजार, गुदड़ी बाजार, लाला का बाजार, सर्राफा बाजार स्थित नील गली, कैंचीयान, घंटाघर, खैरनगर, कबाड़ी बाजार, कोटला, अनाज मंडी, कागजी बाजार, शीश महल, डालमपाड़ा, सराय लाल दास, मकसूद अली चौक, पु_ा मोहल्ला, किशन पुरी, केसरगंज, जलीकोठी, दालमंडी, पूर्वा महावीर आदि।

मेन रोड पर खंभे 33 हजार केवी की लाइन के साथ झुके हुए हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। शिकायत किए हुए तीन दिन से अधिक का समय हो गया है, मगर समस्या का निस्तारण नहीं हुआ।
मो। हामिद

यह कोई नई समस्या नहीं है। गलियों में लगे अधिकतर खंभे जर्जर हो चुके हैं। कभी भी हादसा हो सकता है लेकिन यहां तो मेन रोड का खंभा तक बदला नहीं जा रहा है।
मुन्ना खान

33 हजार केवी की लाइन को संभालने के लिए कम से कम मजबूत खंभे तो होने ही चाहिए। अगर जर्जर खंभे गिर गए और कोई बड़ा हादसा हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा।
सलमान अली

इस समस्या की जानकारी नहीं है। एसडीओ से बात कर इस समस्या का तुरंत निस्तारण कराया जाएगा। इसके अलावा कई क्षेत्रों में अंडरग्राउंड लाइन डाले जाने का काम जारी है।
राजेंद्र बहादुर, अधीक्षण अभियंता