दूसरे दिन भी जारी रहा बिजली कर्मचारियों का धरना

डीएम और एसएसपी ने किया ऊर्जा भवन का निरीक्षण

Meerut। पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में जारी विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन खत्म हो गई। सरकार को बिजली कर्मचारियों की मांगों के आगे झुकना पड़ा और देर शाम चेयरमैन के साइन के बाद सभी मांगों को मान लिया गया। देर शाम जारी आदेश के बाद खुद कार्यबहिष्कार में जुटे विद्युतकर्मी वापस काम पर लौट गए। हालांकि दूसरे दिन भी दिन भी कर्मचारियों का कार्यबहिष्कार जारी रहा।

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग

निजीकरण के विरोध में मंगलवार को भी विद्युत कर्मचारियों व अधिकारियों की विरोध सभा का सुबह 10 से शाम 5 बजे तक आयोजन किया गया। विरोध सभा में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का निजीकरण किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में बिजलीकर्मी 1 सितम्बर से शांतिपूर्ण आंदोलन चला रहे हैं, लेकिन प्रबंधन शांतिपूर्ण आंदोलन को हड़ताल बताकर सरकार को गुमराह कर रहा है और बिजली कर्मचारियों पर हडताल थोपने का कार्य कर रहे है। उन्होने बताया कि संघर्ष समिति के नोटिस के अनुसार बिजलीकर्मी पिछले 4 दिनों से 3 घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं और 5 अक्टूबर से पूरे दिन का कार्य बहिष्कार किया जा रहा है।

एजेंसियों ने संभाले बिजलीघर

बिजली आपूर्ति बहाल रखने के लिए पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन ने पावर ग्रिड कारपोरेशन, प्रशासनिक अधिकारियों को तमाम बिजलीघरों का चार्ज दे दिया। वहीं खुद डीएम पूरे जनपद की बिजली व्यवस्था को देखते रहे। विरोध सभा में मुख्य अभियंता एसबी यादव, विराग बसंल, राजीव कुमार, विजय सलूजा, अधीक्षण अभियंता एके आत्रे, संयोजक रोहित कुमार आदि मौजूद रहे।

जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण

कार्य बहिष्कार के चलते मंगलवार को खुद जिलाधिकारी के बालाजी और एसएसपी अजय साहनी ने ऊर्जा भवन समेत मोहकमपुर, परतापुर आदि सब स्टेश्नों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होने कहा कि आमजन का हित प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। इस अवसर पर एमडी पीवीवीएनएल अरविन्द मलप्पा बंगारी, एसएसपी अजय साहनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।