- विक्टोरिया अग्निकांड के पीडि़तों की आंखों में आए आंसू, घर में दी अपनों को श्रद्धांजलि

- गरीब और असहाय लोगों को खाना बांटा, नम हो गई आंखें

- कई साल बाद भी हरे हैं जख्म, पीडि़त लड़ रहे हैं लड़ाई

Meerut । विक्टोरिया पार्क में 10 अप्रैल 2006 तारीख कई परिवारों के लिए दुखों का सैलाब लेकर आई थी। जब भी वह मंजर याद आता है तो पीडि़तों की आंखें नम हो जाती है। ऐसा भीषण हत्याकांड जिसने 64 की जिंदगी छीनी और 150 से ज्यादा लोग आग से झुलस गए। ऐसा बार है कि जब बरसी के दिन विक्टोरिया पार्क में हवन नहीं हुआ। सभी ने अपने-अपने घरों पर हवन कर श्रद्धांजलि अर्पित की, इसके साथ ही कुछ परिवारों ने विक्टोरिया पार्क में समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित किए गए।

घर में किया हवन

लंदन स्पो‌र्ट्स कंपनी के मालिक संजय गुप्ता के परिवार के पांच लोगों की अग्निकांड में मौत हो गई थी। संजय गुप्ता ने घर पर परिवार के साथ यज्ञ किया। जिसके बाद विक्टोरिया पार्क में समाधि पर गए, यहां पर पुष्प अर्पित किए। जिसके बाद सदर बाजार थाने में जाकर एसओ सदर बाजार विजय गुप्ता को भोजन दिया, भोजन को वितरित गरीब और असहाय लोगों के बीच कराया गया।

घर में ही दी श्रद्धांजलि

भीषण अग्निकांड में जवान बेटे को खोने वाले ब्रहमपुरी निवासी 40 वषीय विपिन गोयल का इकलौता बेटा अनुज गोयल की भी मौत हो गई थी। इन्होंने भी परिवार के साथ हवन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। परिवार के जख्म आज भी रहे है। गुमान सिंह भी परिवार के साथ पुष्प अर्पित करने के लिए पहुंचे। सभी की आंखे एक बार फिर नम हो गई।

मिल रही सिर्फ तारीख

संजय गुप्ता, विपिन और अन्य परिवारों से बातचीत की गई तो उनकी आंखे नम हो गई और उन्होंने कहा कि 2006 में हादसा हुआ था। इन सब का कहना था कि कई साल बीत गए है, कोर्ट में केवल तारीख ही मिली है। मुआवजे का काम भी पूरा नहीं हो सका है। अब तो इस मामले में कार्रवाई हो जानी चाहिए। संजय गुप्ता इस मामले में आगे आकर पूरी तरह से लड़ाई लड़ रहे है। उन्होंने कहा कि वह इंसाफ के लिए आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे।

पहली बार बने ऐसे हालात

साल 2006 के बाद यह पहला ऐसा मौका आया है जो इस बार कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन में विक्टोरिया पार्क में मृतकों को श्रद्धांजलि नहीं दी गई। हर बार विक्टोरिया पार्क में पहले साफ-सफाई दो दिन पहले हो जाती थी, जिसके बाद समाधि पर पुष्प अर्पित करके हवन का आयोजन किया जाता था, जिसके बाद भंडारा होता था, इस बार पहली बार यहां पर मृतकों और घायलों के परिवार एकत्र नहीं हुए है। केवल इक्का-दुक्का परिवार ही विक्टोरिया पार्क पुष्प अर्पित करने गए थे।

जरूरतमंदों को बांटा भोजन

एसओ सदर बाजार विजय गुप्ता ने बताया कि विक्टोरिया पार्क अग्निकांड की शुक्रवार को बरसी थी, इसमें परिवार ने इस बार विक्टोरिया पार्क में हवन और भंडारा नहीं किया, सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन का पालन किया। खाना हमें दिया गया, हमने गरीब और असहाय लोगों के बीच बांटा।

किसानों ने भी किया यज्ञ

मेरठ के विक्टोरिया पार्क में दस अप्रैल 2006 को हुए भीषण अग्निकांड में जान गंवाने वालों को भारतीय किसान आंदोलन की तरफ से घर पर ही हवन कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। हवन में कुलदीप त्यागी, डा। संगीता त्यागी, तेजस्वी त्यागी और कुस्तुभ त्यागी ने आहुतियां दी।