4 नवंबर को मनाया जाएगा इस बार करवाचौथ का पर्व
सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखेंगी करवाचौथ
करवाचौथ पूजा मुहूर्त
शाम 5: 30 मिनट से 6: 48 मिनट तक
चंद्रोदय का समय
रात को 8.24 मिनट
यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरु होकर रात तक चलता है।
चंद्रमा की पूजा करके ही इस व्रत का परायण किया जाता है।
चंद्रमा निकलने से एक घंटा पहले शिव परिवार की पूजा अर्चना विशेष फलदायी होती है।
विधि विधान से माता पार्वती व भगवान गणेश की पूजा अर्चना से विशेष फल की प्राप्ति होगी।
चंद्र दर्शन के लिए छलनी लें व लोटे में जल लेकर उनको अर्घ्य दें।
Meerut। नवंबर की शुरुआत इस बार करवाचौथ के व्रत से होगी। करवाचौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु व सुख समृद्धि के लिए रखती हैं। इस बार यह त्योहार चार नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष तौर पर सर्वार्थ सिद्धि योग अमृत एवं शिवयोग रहेगा। विद्वानों के मुताबिक चतुर्थी गणेश जी की तिथि है, इस दिन बुधवार है, लिहाजा यह व्रत विशेष फलदायी है।
होगा ये संयोग शुभ
ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना करते हुए यह व्रत करेंगी। विधि विधान से माता पार्वती व भगवान गणेश की पूजा अर्चना से विशेष फल की प्राप्ति होगी। रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाएगा। पं। श्रीधर त्रिपाठी के अनुसार भगवान गणेश इस दिन सब पर कृपा बरसाएंगे। उन्होंने बताया कि करवा चौथ का व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत सूर्योदय से पहले प्रारंभ होकर रात के समय चांद निकलने तक चलता है।