दो सदस्यीय कमेटी करेगी पूरे मामले की जांच

नशा छुड़ाने की गोली बेचने पर डीएम ने बैठाई जांच

>Meerut । जिला अस्पताल के ओएसटी सेंटर में मिलने वाली नशा छुड़ाने की गोलियों को बेचे जाने की पोल खुलते ही रविवार को अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई। किरकिरी होती देख अस्पताल प्रशासन और ओएसटी सेंटर के साथ जुड़े एनजीओ टीआई में खींचतान भी शुरू हो गई। मामले से अनजान बन दोनों ही एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ते रहे। अस्पताल प्रशासन ने साफ कहा कि दवाई लेने आने वाले लाभार्थी एनजीओ की देखरेख में होते हैं। जबकि एनजीओ संचालक ने कहा कि उनका काम सिर्फ नशेडि़यों को सेंटर तक पहुंचाना है। वहीं खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम के.बालाजी ने भी पूरे मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं।

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तीन दिन में मांगी रिपोर्ट

इस मामले में डीएम ने एसडीएम संदीप श्रीवास्तव और स्वास्थ्य विभाग में एसीएमओ रैंक के अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं तीन दिन में जांच की आख्या भी मांगी है। वहीं अस्पताल में चल रहे इस काले खेल पर रोष भी जताया। डीएम ने कहा की खबर को देखते हुए प्रथम दृष्टया गंभीर मामला है। वहीं ये भी कहा कि जांच रिपोर्ट की आख्या के अनुसार अगर इसमें कोई अधिकारी, कर्मचारी या स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा कोई भी अधिकारी इसमें शामिल पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने रविवार के अंक में नशा छुड़ाने की गोलियों के अस्पताल परिसर में ही चल रहे खरीद-फरोख्त के व्यापार का स्टिंग प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

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कथित कर्मचारी कौन, चलती रही लीपापोती

अस्पताल परिसर में शनिवार को कथित कर्मचारी बनकर निशुल्क कंडोम बॉक्स में कौन सरकारी कंडोम के डिब्बे रख रहा था, इस सवाल पर रविवार को भी लीपापोती चलती रही। अस्पताल के एमएस डॉ। कौशलेंद्र ने बताया कि ओएसटी में सिर्फ अस्पताल का स्टॉफ नियुक्त है। किसी भी वॉलिंएटर या अन्य कर्मचारी को यहां नहीं रखा गया है। गोली लेकर मरीज यहां से चले जाते हैं। हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि ये लोग सुबह से शाम तक पार्क में जमे रहते हैं। वहीं एनजीओ टीआई के संचालक अखिल ने बताया कि उनकी एनजीओ जिले भर से इंजेक्टेबल नशा करने वाले नशेडि़यों को ढूंढकर सेंटर तक भेजने का काम करती है। 2008 से अब तक करीब 80 नशेडि़यों को भेजा जा चुका है। जबकि इनमें से किसी को भी काम पर नहीं रखा गया है। उन्होंने बताया कि गोलियां या इलाज में उनका किसी तरह का रोल नहीं हैं। अस्पताल और नाको मिलकर ये जिम्मेदारी संभालती हैं

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दवाइयां खत्म, सेंटर के बाहर नोटिस चस्पा

ओएसटी सेंटर पर नशा छुड़ाने की गोलियां न मिलने की शिकायत के बाद ओएसटी सेंटर पर दवाइयां खत्म होने का नोटिस दरवाजे पर ही चस्पा कर दिया गया है। जिसमें साफ लिखा है कि दवाइयां समाप्त है। दवाइयां आने पर सूचना नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं रविवार को दवाई सुबह 10 बजे से 12 बजे तक मिलने का नोटिस भी लगाया गया है।