जेल में बंद गैंग के सरगना प्रशांत के इशारे पर विनोद करता था ए-4 साइज पेपर की सप्लाई

केरल निवासी प्रशांत के पाकिस्तान और नेपाल से जुड़े होने का भी संदेह

नकली नोट पकड़े जाने के मामले में इंटेलीजेंस भी अलर्ट

Meerut। लाखों की नकली करेंसी छापने वाले और मार्केट में चलाने वाले गैंग ने पुलिस की पूछताछ में कुबूल किया है कि वो सरगना के इशारे पर गुरुग्राम से आने वाले चिकने पेपर पर नोट छापने का काम करते थे। जिसके बाद से पुलिस के साथ-साथ इंटेलीजेंस भी अलर्ट हो गई है। इंटेलीजेंस ये भी पता करने की कोशिश में जुटी है कि इस नकली नोट छापने वाले जेल में बंद गैंग के सरगना का नेपाल या पाकिस्तान से तो कोई कनेक्शन नहीं हैं। दरअसल, जेल में बंद सरगना केरल का मूल निवासी है और गाजियाबाद आकर लंबे समय से नकली करेंसी छापने के धंधे में लिप्त रहा है। इसी आरोप में वो फिलहाल गाजियाबाद जेल में बंद भी है।

गुरुग्राम से सप्लाई

आरोपियो से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने बताया कि नोट छापने का चिकना पेपर गुरुग्राम से सप्लाई किया जा रहा था। पेपर सप्लाई का जिम्मा प्रशांत का था और उसी के कहने पर हर बार पेपर का स्लाट मेरठ पहुंचाया जाता था। दरअसल, प्रशांत के इशारे पर विनोद ही गुरुग्राम वाले संपर्क से ए-4 साइज का पेपर मेरठ पहुंचाता। पुलिस के मुताबिक गैंग के खुलासे के बाद से गुरुग्राम वाला संपर्क और विनोद दोनों गायब है, दोनों की तलाश में पुलिस लगी है। वहीं मंगलवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद वहां से जेल भेज दिया गया था। मगर सूत्रों के मुताबिक जल्द ही पुलिस जेल में बंद गैंग के मुख्य सरगना प्रशांत को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।

नेपाल व पाकिस्तान से कनेक्शन

मेरठ जिले में लगातार नकली करेंसी के कई मामले सामने आ चुके हैं। जिसके बाद पुलिस के साथ इंटेलीजेंस भी नकली करेंसी के खेल से जुड़े लोगों के नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है। जिसके चलते जेल में बंद केरल निवासी प्रशांत के पाकिस्तान और नेपाल से जुड़े होने का संदेह भी इंटेलीजेंस को हो रहा है और वो इस कनेक्शन की तलाश में जुट गई है। वहीं पुलिस उन सभी दुकानों और शॉपिंग मॉल्स पर जाकर भी पूछताछ करेगी, जहां बड़े नोट यानी 2000 और 500 की नकली करेंसी को खपाया गया। पुलिस के मुताबिक सभी आरोपियों के मोबाइलों को भी खंगाला जा रहा है। देखा जा रहा है कि आरोपियों के संपर्क में कौन-कौन था और किस वजह से। साथ ही आरोपियों से पूछताछ के आधार पर जो तथ्य सामने आए हैं, पुलिस उन्हें भी क्रॉस चेक करेगी।

ये है मामला

गंगानगर पुलिस ने सोमवार को एक दुकान की नकली नोटों की शिकायत के आधार पर एक मां-बेटी को पकड़ा था। जिनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों मेरठ समेत आसपास के जिलों और दिल्ली-एनसीआर तक करीब पांच लाख की नकली करेंसी खपा चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने पूरे गैंग की जड़ें खंगाली और मंगलवार को एसपी देहात केशव कुमार ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर नकली नोट छापने वाले गैंग का का भांडाफोड़ किया था। गैंग में दोनों महिलाओं सुमन और उसके बेटी माही के साथ तीन युवक विनोद, राॉबिन और सिकंदर शामिल थे। जबकि गैंग का सरगना प्रशांत गाजियाबाद जेल में बंद है, वहीं विनोद फरार चल रहा है। इतना ही नहीं, गैंग के पास से पांच लाख 42 हजार कीमत के नकली नोट तैयार और 97 हजार 500 रूपये कीमत के नकली नोट अर्धनिर्मित मिले थे। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कलर प्रिंटर समेत 2000, 500, 200 और 100 के नोटों की तैयार डाई भी बरामद की थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अपनी पूछताछ शुरू कर दी।

ऐसे बना था प्लान

आरोपियों से पूछताछ के आधार पर एसपी देहात केशव कुमार ने बताया था कि सरगना प्रशांत उर्फ विराट पुत्र पदम सिंह मूल रुप से पुदिया गांव थाना मदिलकम जनपद त्रिशूर राज्य केरल का मूल निवासी है। वह करीब चार वर्ष पूर्व केरल से भागकर गाजियाबाद आ गया था। गाजियाबाद मे भी किराए का मकान लेकर नकली नोटों का कार्य उसने शुरू किया था। प्रशांत नकली नोटो के मामले में खरखौदा, सिंभावली, कवि नगर गाजियाबाद से पहले जेल जा चुका है। वर्तमान में भी वह गाजियाबाद जेल में बंद है। करीब ढाई वर्ष पहले सिहानी गेट गाजियाबाद से नकली नोट प्रकरण में ही वह जेल गया था। जेल मे ही उसकी मुलाकात विनोद व सिकंदर से हुई थी। आरोपी सिकंदर थाना पिलखुवा हापुड़ का हिस्ट्रीशीटर है। इतना ही नहीं, जेल में तीनों ने नकली नोट छापने का प्लान भी बनाया था। इतना ही नहीं, रॉबिन को प्रशांत से विनोद ने ही मिलवाया था। इसके बाद आरोपियों ने मार्केट में नोट खपाने के लिए सुमन और उसकी बेटी माही को गैंग में शामिल किया था।

आरोपियों द्वारा गुरुग्राम से पेपर लाकर उस पर करेंसी छापने की बात सामने आई है। उस कनेक्शन की तलाश में पुलिस जुट गई है। साथ ही आरोपियों के मोबाइलों को भी खंगाला जा रहा है।

केशव कुमार, एसपी देहात, मेरठ