मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए भटक रहे तीमारदार

अस्पतालों में खत्म नहीं हो रही बेड और ऑक्सीजन की किल्लत

ऑक्सीजन लेवल कम होने पर अस्पताल भी मरीजों को एडमिट करने में कर रहे आनाकानी

Meerut। कोरोना वायरस संक्रमण झेल रहे मरीजों के साथ-साथ उनके तीमारदारों की परेशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। तमाम जद्दोजहद के बावजूद अस्पतालों में न तो बेड मिल पा रहे हैं और न ही ऑक्सीजन उपलब्ध हो पा रही है। स्थिति यह हो चुकी है कि ऑक्सीजन लेवल कम होने पर अस्पताल भी मरीजों को एडमिट करने में आनाकानी कर रहे हैं। वही ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम भी मरीजों को खुद ही करना पड़ रहा है।

नहीं मिल रही जगह

अस्पतालों में शनिवार को बेड-वेंटिलेटर ढूंढने वाले तीमारदारों की आफत रही। इस दौरान बहुत से तीमारदार सोशल मीडिया पर इनके बंदोबस्त के लिए गुहार भी लगाते रहे। आलम यह रहा कि किसी अस्पताल में एक वेंटीलेटर खाली होने की सूचना पर मारामारी दिखाई दी। तीमारदारों का कहना है कि मरीज को एडमिट करवाना इस वक्त बहुत मुश्किल काम है। अधिकतर अस्पतालों में काफी सोर्स सिफारिशों के बाद ही मरीज को बड़ी मुश्किल से एडमिट कर पा रहे हैं।

ऑक्सीजन की किल्लत

एक तरफ प्रशासन ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी होने की बात कर रहा है। मगर अस्पताल इसके उलट लगातार ऑक्सीजन की किल्लत होने की धुन लगाए हुए हैं। शनिवार को रुड़की रोड स्थित एक अस्पताल ने भारत सरकार को पत्र लिखकर उनकी सप्लाई रुड़की प्लांट से अनब्लॉक करवाने के लिए पत्र भी लिखा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनके पास 11 हजार लीटर की स्टोरेज क्षमता होने के बाद भी सप्लाई ब्लॉक होने की वजह से मरीजों का इलाज कर पाना असंभव हो रहा है। वही अगर सप्लाई नहीं मिलती है तो मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ेगा।

नहीं किया एडमिट

रोहटा रोड निवासी मरीज के तीमारदार ने बताया कि शनिवार को जब अपने मरीज को एडमिट करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज गए तो वहां पर बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के उन्हें एडमिट करने से मना कर दिया गया। जिसके बाद उन्हें कुछ समझ नहीं आया और आनन-फानन में ऑक्सीजन सिलेंडर ढूंढने निकल पड़े। उन्होंने बताया की ऑक्सीजन सिलेंडर मिलना इस वक्त में सबसे मुश्किल काम है अस्पताल ऑक्सीजन न होने की बात कहकर मरीजों को एडमिट ही नहीं कर रहे हैं। वही ऑक्सीजन के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी खाली या भरा सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद जैसे-तैसे सिलेंडर मिला, जिसके बाद मरीज को एडमिट करवाया।

अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई में अब काफी सुधार है। ऐसी कोई दिक्कत नहीं आ रही। बेड के लिए भी किसी मरीज को मना नहीं किया जा रहा है। अगर ऐसा है तो जांच करवाई जाएगी।

डॉ। ज्ञानेंद्र, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज