गुस्साई भीड़ ने कंकरखेडा थाने में हंगामा कर थाने के बाहर ही सड़क पर लगाया जाम

22 सितंबर को मामूली बात पर चार हमलावरों ने घेरकर की थी पिटाई

Meerut। सात दिन पहले कंकरखेड़ा क्षेत्र में मारपीट का शिकार हुए युवक की रविवार को दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई। इसके बाद गुस्साई भीड़ कंकरखेडा थाने में हंगामा कर थाने के बाहर ही सड़क पर जाम लगा दिया। स्थानीय लोगों ने मारपीट के आरोपियों से पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया। कई महिलाएं थाना परिसर में ही डेरा जमाकर बैठी रही। गुस्साए लोगों का आरोप था कि आज तक पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि युवक खुद अपनी तहरीर लेकर थाने गया था।

प्रिंस ने दी थी तहरीर

दरअसल, कंकरखेड़ा की हाइडिल कॉलोनी निवासी वैभव यादव उर्फ प्रिंस पुत्र स्व। राजेंद्र यादव को 22 सितंबर की सुबह कई युवकों ने लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट दिया था। उसी दिन दोपहर 12:00 बजे प्रिंस ने थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले की तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने ना तो प्रिंस का मेडिकल नहीं कराया और न ही उसकी एफआईआर दर्ज की। हमलावरों की पिटाई के दौरान प्रिंस बुरी तरह से घायल हो गया था और सिर पर चोट लगने के कारण वह कोमा में चला गया था। घायल युवक को गंभीर हालत में नोएडा के फोíटस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां शनिवार देर रात उसकी मौत हो गई। इस मामले में नामजद हमले के आरोपियों को शुरु से ही पुलिस ने बचाने का प्रयास किया जिसके युवक की मौत के बाद रविवार को हजारों लोगों ने थाने को घेर लिया और हंगामा कर दिया। आक्रोशित लोगों ने इस दौरान पुलिस प्रशासन खिलाफ नारेबाजी की और थाने के बाहर जाम लगा दिया। जाम लगाने के बाद सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई।

पुलिस पर आरोप

इस मामले में प्रिंस की हालत बिगड़ने के तीन दिन बाद 24 सितंबर की रात में आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की। पुलिस की इस लापरवाही पर थाने में हंगामे और जाम की सूचना पर मौके पर पहुंचे सीओ दौराला संजीव कुमार दीक्षित ने जाम लगा रही भीड़ को 12 घंटे के भीतर आरोपितों की गिरफ्तारी सख्त कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया।