- टंकी पर चढ़ने वाले किसान साथ में केरोसीन भी ले गए

- किसानों की जिद के आगे असहाय नजर आया प्रशासन

-अधिकारियों से आश्वासन मिलने पर नीचे उतरे किसान

Meerut : शताब्दीनगर के सेक्टर चार में पिछले 16 महीनों से मुआवजे या जमीन वापसी की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों का सब्र का बांध टूट गया और महिलाएं, युवा और किसान पानी की टंकी पर चढ़ गए। प्रशासन और एमडीए अधिकारियों को ललकारते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो पानी की टंकी से कूदकर सभी लोग अपनी जान दे देगें। टंकी पर चढ़े लगभग तीन दर्जन लोगों ने केरोसिन के कनस्तर अपने साथ ले रखे थे। दिन भर चले किसानों का विरोध प्रदर्शन प्रशासन के आश्वासन पर शाम को खत्म हुआ। किसान टंकी से उतरने को राजी हुए, तब जाकर पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली। ताज्जुब की बात तो ये है कि किसानों के समर्थन में भूपेंद्र बाफर भी पहुंचा। बाफर पर कई हत्या, रंगदारी और धमकी का आरोप है।

फूल गए हाथ-पांव

पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को जब किसानों के टंकी पर चढ़ने की खबर लगी तो उनके हाथ-पांव फूल गए। थोड़ी के देर बाद भारी पुलिसबल, फायरब्रिगेड के साथ सीओ ब्रह्मापुरी रफीक अहमद और एसीएम द्वितीय शिवकुमार मौके पर पहुंच गए। उन्होंने किसानों को मनाने का काफी प्रयास किया, लेकिन किसानों ने उनकी एक भी न सुनी। किसानों का यही कहना था कि उन्हें हर बार झूठा आश्वासन देकर टाल दिया जाता है। अब वे आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और बगैर सक्षम अधिकारी के कोई बातचीत नहीं होगी। किसानों ने मांग की कि इस मुद्दे पर कमिश्नर और डीएम मौके पर आएं और बात करें। इनसे नीचे के अधिकारियों से कोई बात नहीं होगी।

एडीएम फाइनेंस हुए कामयाब

सीओ और एसीएम से बात न बनने के बाद एमडीए सचिव कुमार विनीत की अगुवाई में सभी अधिकारी किसानों के साथ वार्ता करने पहुंचे। किसानों को समझाने का प्रयास किया गया कि सभी वरिष्ठ अधिकारी बैठकों की वजह से लखनऊ गए हैं। शुरू में तो किसानों ने बात नहीं सुनी, लेकिन बाद में एडीएम फाइनेंस गौरव वर्मा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि किसानों ने जो जमीन वापस लेने का प्रत्यावेदन दिया है, उस पर शीघ्र कार्रवाई के लिए डीएम के लौटते ही शासन से बात की जाएगी। कोशिश होगी कि जल्द से जल्द मामला सुलझ जाए। इस आश्वासन के बाद किसान शाम को मान गए और एक-एक कर टंकी से सभी को उतारा गया।

ये हैं किसानों की मांग

किसानों की मांग है कि उनकी लगभग 1400 एकड़ भूमि का अतिरिक्त प्रतिकर जल्द से जल्द दिया जाए। भूमि अधिग्रहण नीति के तहत उसका भुगतान कराया जाए या फिर उनकी जमीन वापस लौटा दी जाए।

ऑफिशियल स्टैंड

किसानों ने जमीन वापस लेने का जो प्रत्यावेदन दिया है, उस पर शासन स्तर पर काम तेजी से हो उसके लिए डीएम के माध्यम से शासन में बात कर जल्द से जल्द निर्णय कराने का आश्वासन किसानों को दिया गया है।

-गौरव वर्मा, एडीएम फाइनेंस

अधिकारियों पर डाला केरोसिन

धरने के दौरान कई युवा केरोसिन का कनस्तर लेकर टंकी पर चढ़े थे। नीचे जब एसीएम शिवकुमार, सीओ और अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे तो उन्होंने ऊपर से केरोसिन छिड़कना शुरू कर दिया। इस पर मजिस्ट्रेट ने मौके पर मौजूद अन्य किसानों से आपत्ति दर्ज कराई तो उन्होंने ऊपर चढ़े लोगों को डांटा।

नहीं कराई गई फॉगिंग

किसानों ने यहां पहुंचे अधिकारियों से कहा कि जब भी किसान मरने-मारने की बात करता है तभी प्रशासन को उनकी याद आती है। उन्होंने आरोप लगाया कि धरनास्थल की बिजली काट दी गई, सफाई बंद करा दी गई और डेंगू पूरे देश में जानलेवा बना हुआ है, लेकिन उनके यहां आज तक फॉगिंग नहीं कराई गई। इस पर कुमार विनीत ने किसानों को भरोसा दिलाया कि ये सभी व्यवस्थाएं मुहैया करा दी जाएंगी।