ऊर्जा भवन में भाकियू (तोमर) कार्यकर्ताओं का हंगामा
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, किसानों से जुड़ी कई मांगें
Meerut। बिजली की समस्याओं को लेकर सोमवार को किसान भड़क उठे। भारतीय किसान यूनियन के तोमर गुट ने पीवीवीएनएल एमडी के कार्यालय ऊर्जा भवन पर किसान महापंचायत की और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एमडी को सौंपा। हालांकि इससे पहले, पीवीवीएनएल अधिकारियों ने किसानों को ऊर्जा भवन में घुसने से रोकने की कोशिश की, जिस पर काफी हंगामा हुआ और किसान जबरन गेट खुलवाकर भीतर घुस गए।
गेट पर हंगामा
बिजली दरों, नए कनेक्शन और सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में 19 अक्टूबर को भाकियू ने ऊर्जा भवन पर महापंचायत की घोषणा की थी। सोमवार दोपहर तक सैकडों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर ऊर्जा भवन पहुंच गए। किसानों को देखकर ऊर्जा भवन के अधिकारियों ने ऊर्जा भवन का मुख्य द्वार बंद करा दिया। इस पर किसानों ने हंगामा कर दिया। वहां किसानों और पुलिस के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही। बाद में किसान जबरन अंदर घुस गए।
डीजे और हुक्का लाए
किसाने डीजे, हुक्का, तिरपाल, म्यूजिक सिस्टम व माइक आदि के साथ ऊर्जा भवन में घुस गए। वहां महापंचायत को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर और मंडल अध्यक्ष पदम सिंह ने किसानों की समस्याओं से एमडी पावर को अवगत कराते हुए अपनी मांगो से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इस दौरान राष्ट्रीय सलाहकार इंद्रजीत सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष राममहर फौजी, प्रदेश प्रवक्ता चौधरी चंद्रवीर सिंह, मेरठ जिला अध्यक्ष विनीत चौधरी, महिला जिला अध्यक्ष मेरठ गीता चौधरी आदि मौजूद रहे।
ये थी मांगें
हाल में बने तीन कृषि कानून वापस हों। नहीं तो भाकियू (तोमर) उत्तर प्रदेश के हर जिले में बड़ा आंदोलन करेगी।
बिजली विभाग की दरें तत्काल सस्ती की जाएं।
किसानों को नलकूप की बिजली मुफ्त दी जाए।
किसानों का शुगर मिलों पर काफी बकाया है। यह नहीं मिलने तक किसानों से बिजली का बिल न वसूला जाए।
बिजली विभाग किसानों के शोषण से बाज आए।
कोल्हू संचालकों से अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए।
कोल्हू संचालकों की जो रसीद 85 हजार की काटी जा रही है, वह 35 हजार की काटी जाए।
बिजली विभाग के जर्जर और ढीले तार बदले जाएं, खेतों में लटके तार तुरंत बदले जाएं।
ट्रांसफार्मर फूक जाने पर भी किसानों को बहुत ज्यादा परेशान किया जाता है। किसानों को 24 घंटे में ट्रांसफार्मर मिले।