-ग्रामीणों ने राशन डीलर के खिलाफ लगाए थे धांधली के आरोप

Sardhana: पिठलौकर गांव की राशन डीलर ने गरीबों में बंटने वाला एक माह का पूरा राशन बाजार में ब्लैक कर दिया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब ग्रामीणों की शिकायत पर आपूर्ति निरीक्षक ने जांच पड़ताल की। जांच में राशन का एक भी दाना डीलर के यहां नहीं मिला। इतना ही नहीं उसके यहां से स्टॉक रजिस्टर भी गायब मिला। निरीक्षक की रिपोर्ट पर डीएम ने तुरंत डीलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। थाने में राशन डीलर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

लगा था वसूली का आरोप

बतादें कि पिठलौकर गांव की राशन डीलर नूरनिशा है। जोकि काफी विवादों में रहती है। उसकी पुत्री अंजुम मिनारा एजेंसी की देखभाल करती है और राशन लाने व बाटने का कार्य भी वही करती है। बीती दो मार्च को ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से राशन डीलर की शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि राशन डीलर ने उनसे नए राशन कार्ड बनवाने के लिए दो सौ रुपये प्रति कार्ड वसूली की है, रुपये देने के बाद भी उन्हें राशन कार्ड नहीं मिले। इसके अलावा ग्रामीणों ने हर माह राशन न मिलने का भी आरोप लगाया था।

गोदाम से गायब मिला कोटा

ग्रामीणों का कहना था कि गरीबो के राशन को डीलर बाजार में ब्लैक कर देता है। मुख्यमंत्री स्तर पर इस शिकायत को गंभीरता से लिया गया। वहां से डीएम मेरठ को इस पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। डीएम के आदेश पर आपूर्ति निरीक्षक सरधना आनंद प्रभु ने बीती चार जून को पिठौकर पहुंचकर्र जांच पड़ताल की। जांच पड़ताल में लोगों की शिकायते सही पाई गई, इसके अलावा एक नया खुलासा भी हुआ। राशन डीलर को जो कोटा जून माह में बाटने के लिए 25 मई को गोदाम से उठवाया गया वह कोटा मौके से गायब मिला।

डीएम ने दिया एफआईआर के निर्देश

आनंद प्रभू ने बताया कि गरीबो को बांटने के लिए 104 कुंतल 89 किलो गेंहू व 44 कुंतल 80 किलो चावल दिया गया था। जोकि राशन एजेंसी पर नहीं पाया गया। जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि उक्त राशन डीलर द्वारा बाजार में ब्लैक कर दिया गया। उन्होंने डीएम को अपनी जांच रिपोर्ट भेजी, जिस पर डीएम ने राशन डीलर के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। गुरुवार को आपूर्ति निरीक्षक आनंद प्रभू ने थाने में राशन डीलर नूरनिशा के खिलाफ विभिनन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।