परतापुर थाना क्षेत्र के गगोल रोड स्थित कैलाश डेरी के पास का मामला

नाले के पास तीन प्लास्टिक बैग में बंद थी पांच माह की मासूम बच्ची

बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोगों ने बैग खोले

पुलिस ने बच्ची को जिला महिला अस्पताल में कराया भर्ती

Meerut। जब उसने पहली बार अपनी उंगलियों से मेरी पेशानी पर उमड़ती सिकुड़नों को छुआ तो लगा कि बस ये पल कभी खत्म न हो। कुदरत के करिश्मे को गोद लिया तो हैरत से भरी आंखों में खुशियों का समंदर उमड़ आया। जिंदगी में यही वो पल था जब मैं दुनियादारी को भूल अपने अंश को चूमता हुआ जन्नत की दहलीज जा बैठा था। मगर सोमवार को एक के बाद तीन प्लास्टिक बैग में बंद मिली मासूम ने झकझोर कर रख दिया। कैसा रहा होगा वह कठोर ह्दय, जिसने न केवल अपने कलेजे के टुकड़े को बेसहारा किया। बल्कि उसकी सांसों की डोर को सिसक-सिसककर टूटने के लिए बीच सर्द मौसम में सरेराह लाचार छोड़ दिया। दरअसल, ये रूह कंपाने वाला मामला सोमवार शाम गगोल रोड स्थित कैलाश डेरी के सामने नाले के पास का है। जहां प्लास्टिक के तीन बोरों में बंद एक मासूम बच्ची मिली।

ये है मामला

नाले के पास बोरे में बंद सर्दी से तड़पता, रोती-बिलखती मासूम बच्ची की आवाज ने आसपास से गुजर रहे लोगों का ध्यान खींचा। लोगों ने एक-एक कर प्लास्टिक के बैग को खोला तो उसमें से एक बच्ची निकली। इसके बाद लोगों ने तुरंत फोन कर पुलिस को मौके पर बुलाया। परतापुर थाना एसओ सतीश कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे मामले की गंभीरता को देखते हुए मासूम को तौलिया में लपेटकर गोद में उठा लिया। पुलिस मासूम को लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंची और उसे जच्चा-बच्चा वार्ड में एडमिट कराया।

कोविड-19 जांच होगी

एसओ सतीश कुमार का कहना है कि अस्पताल में मासूम का इलाज चल रहा है। डॉक्टर्स बच्ची की उम्र पांच महीने के आसपास बता रहे हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। साथ ही घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल जा रहा है। इस मामले में सीडब्लूसी से भी संपर्क किया गया है। उनकी देख-रेख में ही मासूम बच्ची का उपचार चलेगा। बच्ची का कोविड-19 टेस्ट भी कराया जा रहा है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई सीडब्लूसी के द्वारा की जाएगी।