मुश्किल हो, तो करें कॉल

1. 8395881830 (डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी)

2. 9119011323 (दिनेश कुमार, प्रभारी बाबू)

3. 919149360654 (नरेंद्र, बाबू)

समय : सुबह 10 से शाम 5 बजे

क्या चाहिए :

1. हॉस्पिटल का डेथ सर्टिफिकेट या श्मशान घाट जारी रसीद

2. मरीज का आधार कार्ड

3. परिजन का आधार कार्ड

4. दोनों का एक-एक फोटो

5. फार्म में मृत्यु की तारीख, कारण, मृतक का नाम, पता और मृत्यु का स्थान आदि भरना होगा।

कहां आवेदन :

ऑनलाइन

1. www.crsorgi.gov.in

2. डॉक्युमेंट्स स्कैन करके लगाएं।

3. फीस ऑनलाइन जमा करें।

ऑफलाइन

1. नगर निगम कार्यालय में जन्म-मृत्यु पंजीकरण विभाग

2. जनसुविधा केंद्र

कितने दिन में मिलेगा : न्यूनतम 7 दिन और अधिकतम 21 दिन निर्धारित। फिलहाल 7 दिन में दिया जा रहा है।

कितनी फीस

1. मृत्यु के दिन से 1 माह तक आवेदन पर : 2 रुपए

2. एक माह बाद आवेदन पर : 1 साल तक 5 रुपए

3. एक साल बाद आवेदन करने पर : 10 रुपए

801 आवेदन आए 1 अप्रैल से 10 मई तक

775 सर्टिफिकेट बने इस दौरान

20 सर्टिफिकेट लगभग रोज जारी किए जा रहे

Meerut। मेरठ में कोरोना संक्रमण से मौतों का सिलसिला थम ही नहीं रहा है। इसका एक असर यह है कि 1 अप्रैल से 10 मई तक नगर निगम में 40 दिनों में डेथ सर्टिफिकेट के लिए 800 से ज्यादा आवेदन आए हैं, जबकि सामान्य दिनों में हर माह लगभग 200 डेथ सर्टिफिकेट बनते रहे हैं। 800 की संख्या में नगर निगम की सीमा से बाहर देहात और कैंट में होने वाली मौतों की संख्या भी शामिल करें, तो हालात और ज्यादा डराएंगे। जाने वालों की कमी तो कोई नहीं पूरी कर सकता, लेकिन उनके संबंधियों को परेशानी न हो, इसके लिए नगर निगम ने हेल्पलाइन नंबर्स जारी किए हैं।

775 सर्टिफिकेट हुए जारी

नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, पिछले माह 1 अप्रैल से 10 मई तक नगर निगम में डेथ सर्टिफिकेट के लिए 801 आवेदन आए। इनमें से निगम ने 10 मई तक 775 डेथ सर्टिफिकेट जारी भी कर दिए। इस हिसाब से प्रतिदिन नगर निगम में लगभग 20 डेथ सर्टिफिकेट प्रतिदिन जारी किए जा रहे हैं। यह आंकड़ा केवल नगर निगम का है, इसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी डेथ का आंकड़ा शामिल नहीं है। गौरतलब है कि नगर निगम केवल नगर निगम के दायरे के अंदर होने वाली मृत्यु के सर्टिफिकेट जारी करता है जबकि नगर निगम से बाहर नगर पंचायत या ब्लॉक आदि में होने वाली मृत्यु के सर्टिफिकेट स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं।

नहीं होगी देरी

लगातार बढ़ रहे आवेदनों के कारण नगर निगम के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में भी वर्कलोड बढ़ गया है। ऐसे में आवेदकों को डेथ सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इस समस्या से निजात के लिए नगरायुक्त मनीष बंसल ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा गजेंद्र को इसका नोडल बनाते हुए मोबाइल नंबर जारी किए हैं। इन नंबरों पर डेथ सर्टिफिकेट आवेदन से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी के साथ दलालों द्वारा की जा रही अतिरिक्त वसूली की भी शिकायत की जा सकती है।

डेथ सर्टिफिकेट के लिए आवेदकों को परेशान होने की जरूरत नही है। निगम प्राथमिकता पर डेथ सर्टिफिकेट कम से कम समय में जारी कर रहा है। हेल्पलाइन नंबर खुद नगर स्वास्थ्य अधिकारी अटेंड करेंगे। शिकायत पर तुरंत एक्शन होगा।

मनीष बंसल, नगरायुक्त

पीएनजी शव दाह गृह के लिए दिए 5 लाख रुपए

सूरजकुंड श्मशान घाट पर लंबे समय से बंद पडे़ विद्युत शव दाह गृह के स्थान पर नगर निगम जल्द ही पीएनजी शव दाह गृह शुरू करने जा रहा है। इसके लिए फरीदाबाद की कंपनी से निगम का अनुबंध हो चुका है। कंपनी के कर्मचारी जल्द पीएनजी शव दाह गृह का काम शुरू कर देंगे। आर्य समाज मंदिर की पहल से शुरू हुई इस कवायद से शवों के दहन संस्कार में देरी या लकडि़यों की कमी से प्रभाव नहीं पडेगा।

समिति ने दिए पांच लाख

सूरजकुंड में गैस चालित शव दाह गृह के लिए वेंडर को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है। शुक्रवार को आर्य समाज मंदिर ने वेंडर एजेंसी को 5 लाख रुपए का चेक दिया। इस अवसर पर नगरायुक्त मनीष बसंल और आर्य समाज के प्रधान अशोक सुधाकर भी मौजूद रहे। नगरायुक्त ने बताया कि गैस संचालित शव दाह गृह बनाने का काम एक माह में पूर्ण होगा। इससे जहां एक तरफ लकड़ी की बचत होगी, वहीं वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।