दस्तावेज नष्ट करने की सूचना पर सदर बाजार पुलिस पहुंची थी

पहली से आठवीं के नंबर पर नौवीं से 12वीं तक के बच्चे मिले

Meerut। ऋषभ एकेडमी में प्रबंध समिति पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। शुक्रवार को सुबूत नष्ट करने की सूचना पर पहुंची पुलिस को दाखिलों में फर्जीवाड़े की जानकारी लगी। जिसके बाद पुलिस ने दस्तावेजों को सील कर दिया।

ये है मामला

सदर बाजार थाना पुलिस को सूचना मिली कि कैंट स्थित ऋषभ एकेडमी में पुराने विवाद से जुड़े दस्तावेज नष्ट किए जा रहे हैं। एसएसआई गौरव राणा स्कूल पहुंचे तो कुछ शिक्षिकाएं दस्तावेज नष्ट कर रही थीं। उन्होंने पूछताछ की तो बताया कि प्रिंसिपल याचना भारद्वाज के कहने पर कर रही हैं। इसके बाद एसएसआई ने दस्तावेजों को सील कर दिया। उन्होंने बताया कि एक ही स्कॉलर नंबर (सीरियल नंबर) पर दो छात्रों का एडमिशन चल रहा है। जैसे कि कक्षा चार के छात्र का सीरियल नंबर और कक्षा 12 के छात्र का नंबर एक ही है। मवाना वाले स्कूल की जानकारी भी मिली है। उसकी मान्यता के बारे में पता किया जाएगा। वहां के नौवीं से 12वी तक के बच्चों के सीरियल नंबर भी कैंट स्थित स्कूल के जूनियर छात्रों से मिल रहे हैं। इसलिए प्रधानाचार्य को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। वहीं, दस्तावेज फाड़ने के मामले को पुराने मुकदमे की विवेचना का हिस्सा भी बनाया जाएगा।

लंबे समय से चल रहा विवाद

पूर्व सचिव रंजीत जैन और वर्तमान समिति का कार्यभार देख रहे डॉ। संजय जैन एक-दूसरे पर स्कूल में गबन करने का आरोप लगाते रहे हैं। दोनों प्रबंध समिति के बीच पि्रंसिपल डॉ। याचना भारद्वाज अब भी स्कूल का कामकाज देख रही हैं। जिन पर समय-समय पर वर्तमान पक्ष रंजीत जैन का समर्थन करने का भी आरोप लगाता रहा है।

दस्तावेज नष्ट करने की उनको काई जानकारी नहीं है। शुक्रवार को वह छुट्टी पर थीं। सभी आरोप वर्तमान समिति सचिव संजय जैन के कहने पर लगाए जा रहे हैं। वहीं, मवाना स्थित ऋषभ एकेडमी की मान्यता आठवीं तक की है। नौवीं से 12वी तक के छात्रों का एडमिशन कैंट स्थित स्कूल में हैं। उनके प्रैक्टिल और परीक्षा यहीं पर होती हैं। सभी आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।

याचना भारद्वाज, प्रिंसिपल, ऋषभ एकेडमी