मेरठ (ब्यूरो)। स्वतंत्रता प्राप्ति में हुए विराट संघर्ष में ज्ञात, अज्ञात, अल्पज्ञात लाखों बलिदानों, स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राण न्योछावर किए थे। यह आजादी बड़े भारी संघर्ष के बाद हमें प्राप्त हुई है। वर्तमान में युवाओं का अधिक जिम्मेदारी है कि इस आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हम अपने देश को सभी पक्षों में सशक्त संबल और उन्नत बनाने में सतत् प्रयास करते रहें आजादी बहुमूल्य है। अपनी स्वतंत्रता सेनानियों से हमें प्रेरणा लेकर आगे बढ़ते रहना है। उक्त विचार सीसीएसयू की वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने प्रस्तुत किए। मौका था साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के तत्वाधान में भारत छोड़ो आंदोलन 1942 की 80 वीं वर्षगांठ के अवसर का। जहां आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम श्रृंखला में संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में वीसी प्रो। शुक्ला पहुंची।

बलिदानों की वीरगाथा को सुनाया
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रति कुलपति प्रो। वाई विमला ने की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष में बलिदानियों की वीरगाथा पर प्रकाश डाला। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो। सुमंगल प्रकाश ने भारत छोड़ो आंदोलन कब क्यू कैसे और क्यों और उसकी प्रकृति और उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि गांधी ने करो या मरो का नारा एक सुनियोजित योजना के तहत दिया था।

शोध पत्रों का वाचन
परिषद के समन्वयक और इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो। विघ्नेश कुमार ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में मेरठ मंडल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहभागिता करने वाले प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की चर्चा की। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के चार सत्र संपन्न हुए जिसमें लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक शोध पत्रों का वाचन हुआ। प्रथम शैक्षणिक सत्र की अध्यक्षता डॉ। मोहित कुमार, चेयरपर्सन डॉ। रत्ना प्रकाश एवं डॉ। अनीता ने की।

द्वितीय सत्र की शुरुआत
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ। कुलदीप कुमार चेयरपर्सन डॉ। योगेश कुमार और डॉ। शुचि ने की। वहीं तृतीय सत्र की अध्यक्षता डॉ। सीएस भारद्वाज, रिसोर्स पर्सन प्रो। एवी कौर ने की। चतुर्थ सत्र की अध्यक्षता प्रो। विघ्नेश कुमार, रिसोर्स पर्सन डॉ। अल्पना पोसवाल एवं डॉ। शाजिया ने की। कार्यक्रम का संचालन साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के सदस्य डॉ। कुलदीप कुमार त्यागी ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से डॉ। योगेश कुमार, डॉ। विवेक कुमार, सुशील कुमार, दीपक कुमार, रिंकू विकास, कमलकांत और कालूराम आदि मौजूद रहे।