मेरठ (ब्यूरो)। सीबीएसई ने इस बाबत सभी स्कूलों को गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक स्कूल में एक शिकायत समिति या सहायता प्रकोष्ठ स्थापित किया जाए। प्रिंसिपल या सीनियर टीचर की अध्यक्षता में गठित होने वाली इस समिति में कम से कम तीन मेंबर्स को शामिल करना अनिवार्य है। इसमें एक महिला मेंबर होने की भी अनिवार्यता है। साथ ही इस समिति के गठन, मेंबर्स का नाम व उनके मोबाइल फोन नंबर नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें। जिससे आवश्यकता पडऩे पर स्टूडेंट्स अपनी कंप्लेन दर्ज करा सकें। गाइडलाइन में अंशकालिक अध्यापकों व कर्मचारियों की नियुक्ति पुलिस से सत्यापन कराने के बाद ही करने की सलाह दी गई है। साथ ही यथासंभव सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था करने को भी कहा गया है। गाइडलाइन को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार एवं डीआईओएस स्तर से भी सभी स्कूलों को भेजा जा चुका है।

यह है गाइडलाइन
स्कूल का गेट पढ़ाई केदौरान बंद रखें।

आईडी दिखाने पर ही कैंपस में आगंतुकों को दें एंट्री।

पुराने व खराब वाहन को स्कूल कैंपस के पास न खड़ा होने दें।

बच्चों को ग्रुप में आने-जाने की दें सलाह।

स्कूल बसों को जीपीआरएस सिस्टम से करें लैस।

बस के अंदर भी चाइल्ड हेल्पलाइन, वीमेन हेल्पलाइन व पुलिस स्टेशन का नंबर लिखें।

साल में दो बार मूल्य परक गतिविधियों में बच्चों को दें ट्रेनिंग।

इनका है कहना
हमारे स्कूल में पहले से कुछ टीचर्स को यह जिम्मेदारी दी हुई है। मगर इस बाबत समिति का गठन किया जाएगा। सभी नियमों का पालन किया जाएगा।
अनिता त्रिपाठी, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल स्कूल

स्कूल द्वारा सभी नियमों का पालन किया जाएगा। समिति बनाने की तैयारी है। स्कूल पहले से कई तरह के नियमों का पालन कर रहा है।
संजीव अग्रवाल, प्रिंसिपल, बीएनजी

स्कूल द्वारा समिति बनाई जा रही है। बच्चों के हित में जो भी हो, उसके लिए स्कूल हमेशा तैयार रहता है।
डॉ। कर्मेंद्र, प्रिंसिपल, जीटीबी

स्कूल में पहले भी इन सब बातों का ध्यान रखा जाता है। अब समिति भी बनाई जाएगी। बाकी कुछ टीचर्स को कुछ जिम्मेदारियां दी हुई हंै।
गोपल दीक्षित, प्रिंसिपल, बीडीएस