केस वन
20 लाख की अलक्जार कार चोरी
रेलवे रोड पुरानी प्रेमपुरी में बीते सोमवार को बदमाशों ने साफ्टवेयर हैक करके 20 लाख रुपए अलक्जार कार चोरी कर ली। उन्होंने सबसे पहले घर के बाहर खड़ी का आटोमैटिक सिस्टम को चाइनीज साफ्टवेयर के माध्यम से कंट्रोल में लिया। इसके बाद महज आठ मिनट में कार को स्टार्ट करके ले गए। एंड्राइड ऑटो और एप्पल कार प्ले से कार का आटोमैटिक सिस्टम कनेक्ट होता है।

केस टू
हाइटेक वाहनों पर नजर
बीते दिनों दिल्ली एनसीआर से होंडा कंपनी की 100 से ज्यादा लग्जरी कारे चोरी हो चुकी है। ये लोग सिर्फ हाइटेक वाहनों को टारगेट करते थे। दरअसल, होंडा कंपनी का दावा है कि इंमोबिलाइजर सॉफ्टवेयर सुरक्षित है, लेकिन चोरों ने कार का आटोमैटिक सिस्टम हैक करके कार को चुरा लिया। पाकिस्तान से आरोपियों ने हौंडा के इंमोबिलाइजर सॉफ्टवेयर को हैक किया था।

मेरठ (ब्यूरो)। अगर आपके पास लग्जरी कार है। तो अवेयर हो जाइए। क्योंकि आपकी लग्जरी कार पर हाईटेक चोरों की नजर है। वे चाइनीज साफ्टवेयर की मदद से आपकी कार चुरा सकते हैं। बीते दिनों मेरठ में अलक्जार कार चोरी की घटना के बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं। शातिर चोर कुछ मिनटों में बिना छुए ही कार का कंट्रोल हासिल कर लेते हैं। बीते दिनों में दिल्ली एनसीआर में हुई हाइटेक कार चोरी की घटनाओं ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

चार मिनट में कंट्रोल
एक्सपर्ट के मुताबिक शातिर चोरों के पास एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है। जिसके माध्यम से वह जीपीएस और ईसीएम यानी इंजन कंट्रोल मॉड्यूल को डीकोड कर देते हैं। उसे मोबाइल एप से कनेक्ट करके डिजिटल लॉक डिकोड करके कैमरे का भी कंट्रोल ले लेते हैं। इससे पूरी कार का कंट्रोल उनके कब्जे में आ जाता है। और आसानी से चार से आठ मिनट के अंदर कार लेेकर रफू चक्कर हो जाते हैं।

चीन से मंगाते हैं साफ्टवेयर
एक्सपर्ट की मानें तो शातिर चोर लग्जरी कारों को चुराने के लिए सबसे पहले चीन से ढाई लाख में सॉफ्टवेयर मंगाते हैं। फिर हैकर से संपर्क करके लैपटॉप के जरिए कार पर कंट्रोल हासिल करके उनको चुराते हैं।

16 अंकों के कोड का सीक्रेट
गौरतलब है कि लक्जरी कारों को फोन या लैपटॉप से कनेक्ट करने की सुविधा होती है। दरअसल, इनमें 16 अंक का कोड होता है। इस कोड को फिल करते ही कार की पूरी कमांड और डिटेल आपके पास आ जाती है। आप कार के पास जाए बिना ही उसे स्टार्ट और बंद कर सकते हैं। शातिर चोर इसी सीक्रेट नंबर को डिकोड करते हैं। शातिर चोर चाइनीज सॉफ्टवेयर को अपने लैपटॉप या फिर सॉफ्टवेयर हैकिंग डिवाइस में इंस्टाल कर लेते हैं फिर कार के शीशे पर लगे कोड को स्कैन करके उसे डिकोड कर लेते हैं। उस सिस्टम को हैक करके नया फॉर्मेट तैयार करते हैं। साथ ही कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते हैं।

ये करते हैं हैकिंग
शातिर चोर साफ्टवेयर हैकिंग डिवाइस का यूज करते हैं
इसकी मदद से उस गाड़ी के सॉफ्टवेयर को फॉरमेट करते हैं।
उसके नया सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के बाद कुछ ही मिनट के अंदर गाड़ी चोरी कर फरार हो जाते हैं
जीपीएस के सिग्नल को फेल करने के लिए जैमर का इस्तेमाल करते हैं
चोर कार में पोर्ट से कनेक्ट करके या वायरलेस से कैन बस तक पहुंच जाते हैं इससे वे इंजन पर कंट्रोल हासिल करते हैं।
आधुनिक कारों में वायरलेस एंट्री और इग्निशन सिस्टम होता है। चोर इसी सिग्नल को कॉपी कर लेते हैं। इससे उनकी एक्सेस हो जाती है।

घटना की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। खुलासे के लिए दो टीमें बनाई गईं हैं जो सीसीटीवी चेक कर रही हैं जल्दी ही घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
आदित्य बंसल, एसपी कैंट