चालक-परिचालक ने की वारदात, दिल्ली रोड पर फेंका

भैंसाली बस स्टैंड से बस में सवार हुई थी महिला

Meerut। चलती बस के अंदर महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। चालक और परिचालक ने ही महिला को शराब पिलाकर रातभर बारी-बारी से दुष्कर्म किया। सुबह होने पर महिला को दिल्ली रोड स्थित मेवला पुल के पास फेंक दिया। वारदात का शासन ने भी संज्ञान लिया है। पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा है। पीडि़ता के मोबाइल की लोकेशन से पता चला है कि बस ज्यादातर परतापुर क्षेत्र में घूमती रही। पुलिस ने देर रात बस के चालक को हिरासत में ले लिया।

ये है मामला

मिर्जापुर जिले के छिनौती की रहने वाली महिला का तीन साल पहले सरूरपुर थाने के एक गांव निवासी युवक से विवाह हुआ था। महिला ने शादी के 15 दिन बाद युवक के साथ रहने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद युवक के छोटे भाई ने महिला से शादी कर ली थी। महिला इस समय एक बच्चे की मां है। शुक्रवार की शाम को चार बजे महिला अपने ससुराल से मायके के लिए निकली थी। आटो में सवार होकर बेगमपुल पहुंची। वहां से ई-रिक्शा में बैठकर रोडवेज बस स्टैंड पर आ गई।

जबरन शराब पिलाई

महिला ने पूछताछ में बताया कि वहां से गाजियाबाद की बस में सवार हो गई। महिला ने बताया कि बस परिचालक ने सभी सवारी उतार दी। चालक और परिचालक ने झांसा दिया कि वह उसे गाजियाबाद से कानपुर की बस में बैठा देंगे। उसके बाद बस रोककर उसे जबरन शराब पिलाई। नशे में होने के बाद चालक और परिचालक ने चलती बस में महिला से दुष्कर्म किया। विरोध करने पर महिला का मोबाइल भी छीन लिया। सुबह पांच बजे महिला को ब्रह्मपुरी क्षेत्र स्थित मेवला पुल के पास सड़क किनारे फेंक दिया। ब्रह्मपुरी पुलिस ने महिला को एंबुलेंस में बैठाकर जिला अस्पताल पहुंचाया। महिला के पति पुलिस ने पूछताछ की। उसके बाद सदर बाजार और ब्रह्मपुरी पुलिस संयुक्त रूप से भैंसाली और सोहराबगेट बस स्टैंड से निकलने वाली सभी बसों की सीसीटीवी फुटेज देख रही है।

पीडि़ता को अस्पताल की चौखट पर छोड़ा

हद तो यह हो गई कि थाना विवाद में उलझी पुलिस पीडि़ता को अस्पताल की चौखट पर छोड़कर चली गई। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने उसे महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आरोपियों के साथ सिस्टम ने भी दिया दर्द

सामूहिक दुष्कर्म की घटना में द¨रदगी से भी ज्यादा पुलिस की कार्रवाई ने महिला को शर्मशार कर दिया। फटे कपड़ों में महिला छह घंटे तक इमरजेंसी के स्ट्रेचर पर अपनी आबरू को छिपाती रही। पुलिस महिला के साथ हुए कृत्य में आरोपितों को पकड़ने के बजाय थाने की सीमा विवाद में उलझी रही है। पुलिस का यह हाल तब है, जब दो दिन पहले ही प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया कि महिला अपराध होने पर चौकी इंचार्ज से लेकर सीओ तक जिम्मेदार होंगे।

देर से मिला इलाज

बस के चालक और परिचालक ने हैवानियत की हदें पार कर दी। महिला को बस में घुमाते हुए बारी-बारी से दुष्कर्म करते रहे। महिला को दिल्ली रोड स्थित ब्रह्मपुरी क्षेत्र में फेंक दिया। सुबह सात बजे आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। उसके बावजूद भी इंस्पेक्टर मौके पर नहीं पहुंचे। थाने से महिला कांस्टेबल और अन्य स्टाफ आया, जो एबुलेंस में डालकर महिला को जिला अस्पताल में टीवी वार्ड के बाहर डालकर निकल गए। एसपी सिटी और इंस्पेक्टर देहलीगेट अस्पताल में पहुंचे, तब महिला को टीवी वार्ड से उठाकर इमरजेंसी तक लाया गया। एसपी सिटी भी वहां से निकल गए। उसके बाद भी महिला इमरजेंसी के बहार स्ट्रेचर पर फटे कपड़ों में अपने शरीर को छिपाती हुई पड़ी रही। किसी डाक्टर ने भी महिला को उपचार नहीं दिया। महिला रोडवेज बस स्टैंड से बस में सवार हुई थी। एएसपी इरज राजा और एसओ सदर बाजार टीम के साथ अस्पताल पहुंचे। उस समय एसओ को दिल्ली रोड पर सडक किनारे लेटी महिला के फोटो मिल गए। उन्होंने मामला ब्रह्मपुरी थाने का होने के बारे में अफसरों को जानकारी दी, जबकि दोपहर के डेढ़ बज चुके थे। अफसरों ने महिला को उपचार दिलाने का आदेश दिया। तब महिला को स्ट्रेचर से उठाकर महिला अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बाद मामला एडीजी राजीव सभरवाल तक पहुंचा। तब उन्होंने एसएसपी से तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। एसएसपी ने तब ब्रह्मपुरी और सदर बाजार दोनों थानों की पुलिस को लगाकर आरोपितों की तलाश कराने के आदेश दिए। उसके बाद दोनों थानों की पुलिस सक्रिय हो पाई। एडीजी राजीव सभरवाल का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी, जो पुलिसकर्मी इस मामले में दोषी है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।

महिला ने बस चालक और परिचालक पर आरोप लगाया है। उसका मेडिकल कराया है। पुलिस की तीन टीम राजफाश के लिए लगीं हैं। चालक को हिरासत में लिया है। परिचालक फरार है।

अजय साहनी, एसएसपी