मेरठ (ब्यूरो)। शहर के शौचालयों में पसरी गंदगी, महिलाओं के लिए यूरिनल की कमी और बद से बदतर हालात में पहुंच चुके सार्वजनिक शौचालयों के मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पब्लिक टॉयलेट एक सत्यकथा नाम से पांच दिवसीय अभियान चलाया। जिसके माध्यम से लोगों की शिकायत और समस्या भी सामने रखी। इसी क्रम में रविवार को दैनिक जागरण कार्यालय में प्रश्न प्रहर का आयोजन किया गया। जिसमें नगर स्वास्थ्य अधिकारी हरपाल सिंह ने फोन पर पब्लिक टॉयलेट से जुड़ी से लोगों की समस्याएं सुनी और उनके जल्द से जल्द निस्तारण का आश्वासन भी दिया।

सवाल- कागजी बाजार में यूरिनल की उपलब्धता क्यों नही है?
(मनोज अग्रवाल)
जवाब- जगह की उपलब्धता की कमी के कारण वहां यूरिनल नहीं बन पा रहा है। जगह की तलाश कर समस्या का निस्तारण किया जाएगा।

सवाल- बच्चा पार्क पर यूरिनल मेें टूटी शीट व टोंटी कब बदली जाएगी?
(रजनीश कौशल)
जवाब- यूरिनल का निरीक्षण कर स्थिति को सही कराया जाएगा।

सवाल- बेगमपुल पर महिला शौचालय की व्यवस्था क्यों नहीं है?
(बरखा वर्मा)
जवाब- कैंट बोर्ड से बात कर इस प्रस्ताव पर काम किया जाएगा।

सवाल- सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी क्यों पसरी रहती है?
(रवि कुमार)
जवाब- इसके लिए सफाई कर्मचारियों की दो टाइम ड्यूटी लगा दी गई है। निरीक्षण कर व्यवस्था को सुधारा जाएगा।

सवाल- शारदा रोड पर शौचालय में पानी की व्यवस्था क्यों नहीं है?
(अमित अग्रवाल)
जवाब- पानी की व्यवस्था को लेकर जांच की जाएगी और जल्द इसे सुचारू कराया जाएगा।

सवाल- समस्त बाजारों मे महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था क्यों नहीं है?
(अमित बंसल)
जवाब- बाजारों में जगह की उपलब्धता की समस्या है। व्यापारियों के सहयोग से इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

सवाल- शहर के विभिन्न बाजारों में उपलब्ध शौचालय की सुविधा संबंधित जानकारी वाले डिस्पले बोर्ड क्यों नहीं लगाए जाते?
(भूपेंद्र भाटी)
जवाब- इस सुझाव पर विचार कर सभी बाजारों में बोर्ड या फ्लैक्स के माध्यम से शौचालयों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

सवाल- शहर के अधिकतर बाजारों, सार्वजनिक स्थलों पर पब्लिक टॉयलेट की लोकेशन संबंधित प्रॉपर व्यवस्था क्यों नहीं है? (जफर चौधरी)
जवाब- इसके लिए बोर्ड लगाकर संबंधित बाजार में अंदर टॉयलेट की लोकेशन और उपलब्धता की जानकारी दी जाएगी।

सवाल- शहर में महिला शौचालयों की कमी कब दूर होगी?
(दीपक वर्मा)
जवाब- पिंक व सुलभ शौचालयों की संख्या बढ़ाकर इस कमी को दूर किया जाएगा।

सवाल- जीआईसी बोर्ड ऑफिस में निगम द्वारा बहुत अच्छा टॉयलेट बनाया हुआ है लेकिन लोगों को इसकी जानकारी क्यों नहीं है?
(कल्पना पांडेय)
जवाब- इस बाबत विचार किया जाएगा और जहां-जहां पब्लिक टॉयलेट बने हैैं, वहां बोर्ड लगाकर जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

सवाल- सीसीएसयू के बाहर छात्रों के लिए नि:शुल्क टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं है?
(विनीत चपराना)
जवाब- विवि के बाहर सुलभ शौचालय बना हुआ है बाकि नि:शुल्क यूरिनल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

सवाल- लोगों की सुविधा के लिए सूरजकुंड पार्क में ओपन यूरिनल की व्यवस्था क्यों नहीं की जाती?
(सुमित शर्मा)
जवाब- शौचालय तो पार्क में बना हुआ है लेकिन ओपन यूरिनल की व्यवस्था कराई जाएगी।

सवाल- आरटीओ रोड पर यूरिनल व पब्लिक टॉयलेट की व्यवस्था क्यों नहीं है?
(विनोद शर्मा)
जवाब- यहां आवास विकास से बात कर जगह की तलाश की जाएगी। जगह की उपलब्धता के आधार पर शौचालय बनवाया जाएगा।

सवाल- मेडिकल कालेज के सामने सुलभ शौचालय में साबुन की व्यवस्था क्यों नहीं है?
(विशाल तोमर)
जवाब- इस व्यवस्था को दिखवाया जाएगा, जरूरी संसाधनों को उपलब्ध कराया जाएगा।

सवाल- बाजारों में महिलाओं के लिए भी यूरिनल की प्रॉपर व्यवस्था क्यों नहीं है?
(रेखा बंसल)
जवाब- यूरिनल के लिए जगह की तलाश कर महिलाओं के लिए यह सुविधा शुरू कराई जाएगी।